लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ के इंदिरा नगर से कमिश्नरेट पुलिस ने केन्या के मूल नागरिक मॉरीश ओकिय को बिना वीजा व पासपोर्ट के गिरफ्तार किया गया है। पूछता के दौरान पता चला कि इसका बीजा 19 साल पहले समाप्त हो गया था। पुलिस को मॉरीश के पास से कोई दस्तावेज नहीं मिलने पर उससे लम्बी पूछताछ कर विदेशी अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

भारत आया था पढ़ाई करने के लिए

केन्या के नैरोबी का रहने वाला मॉरीश अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए भारत आया था। उसने बी-कॉम, एम-कॉम करने के बाद आगे की पढ़ाई करनी चाही। इसी बीच वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र में धोखाधड़ी के एक मामले में उसके विरुद्ध एफआईआर दर्ज हुई। उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। जेल से छूटने के बाद मॉरीश काम की तलाश में लखनऊ आ गया। यहां केबल तार जोड़ने का काम करने लगा। उसने पहचान छुपाकर रखी।हाथ में हुनर होने के बावजूद पासपोर्ट और वीजा को लेकर वह गम्भीर नहीं हुआ। इसी दौरान उसकी शिकायत हुई और लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस ने उसे इंदिरा नगर के सेक्टर 17 से गिरफ्त में ले लिया।

महिला की शिकायत पर हुई जांच

गाजीपुर पुलिस के मुताबिक मॉरिस मूल रूप से केन्या की राजधानी नैरोबी का रहने वाला है। वह अब्दुल कलाम के मकान में किराए पर रह रहा था। उसके खिलाफ एक महिला नशीली दवा सप्लाई करने का आरोप लगाई है। इसकी शिकायत डीसीपी से भी की गई थी। मामला क्राइम ब्रांच के पास पहुंचा तो गिरफ्तार कर जांच शुरू की गई। हालांकि अभी कोई आरोप सिद्ध नहीं हुए है।

चार महीने जेल में रहा है मॉरिस

मॉरिस की गिरफ्तारी के बाद पुलिस पुराने केस भी खंगालना शुरू की। जांच में पता चला कि नवंबर 2002 में मॉरिस के खिलाफ एक केस दर्ज हुआ था। इसमें वह अपने दो साथियों के साथ वाराणसी धोखाधड़ी किया था। फाइल में केस का नंबर 100 है। साल 2002 में उसे चार महीने की सजा भी हुई थी। जेल से छूटने के बाद वह वापस नहीं गया न ही किसी एजेंसी द्वारा उसे कोई जानकारी दी गई।

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