विनीत वर्मा,लखनऊ। एसटीएफ यूपी को असली नोटों के बदले दुगुना नकली नोट देने का झांसा देकर ठगी करने वाले संगठित गिरोह के दो सदस्यों को कमिश्नरेट लखनऊ से गिरफ्तार कर भारी मात्रा में नकली नोट बरामद करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई। अभियुक्त का नाम रामस्वरूप विश्नोई पुत्र मन्नीराम निवासी नया गांव पोस्ट व तहसील नोख, थाना जसरा, जनपद बीकानेर, राजस्थान, विष्णु शर्मा पुत्र हीरालाल शर्मा निवासी ग्राम व पोस्ट नोखा, तहसील नोखा, जनपद बीकानेर राजस्थान है।
एसटीएफ ने कूटरचित पांच सौर रुपये की गड्डी किया बरामद
एसटीएफ ने इनके कब्जे से पांच सौ रुपये की कूटरचित पचास गड्डी(सफेद पेपर की सहायता से तैयार) तीन मोबाइल, एक रबर स्टैम्प, दो पिट्ठू बैग, आठ आईडीबीआई बैंक की स्लिप, दो डेबिट/क्रेडिट कार्ड, दो आधार कार्ड, एक डीएल और 2,810 रु० नकद दोनों अभियुक्तों के कब्जे से बरामद किया है। इन्हें स्कार्पियों क्लब के पास गढ़ी तिराहा थाना गुडम्बा कमिश्नरेट लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है।
असली नोटो के बदले दोगुना नकली नोट करने की मिली सूचना
विगत काफी दिनों से राजधानी लखनऊ व उसके आस पास के जनपदों में नकली नोट के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के बारे में सूचना प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ यूपी की विभिन्न टीमों/फील्ड इकाईयों को अभिसूचना संकलन कर आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था। जिसके अनुपालन में दीपक कुमार सिंह, पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ यूपी लखनऊ के पर्यवेक्षण में एक टीम गठित कर अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी।
लखनऊ व आसपास के जनपदों ठगी का करने का कर रहे थे काम
अभिसूचना संकलन के दौरान ज्ञात हुआ कि जनपद लखनऊ व आस-पास के क्षेत्र में एक सक्रिय गैंग द्वारा असली नोटो के बदले दुगना नकली नोट देने के नाम पर ठगी की जाती है। उक्त सूचना पर कर निरीक्षक हेमन्त भूषण सिंह के नेतृत्व में उ०नि० हरीश कुमार सिंह चौहान, उ०नि० पीयूष पाठक, मु०आ० विनोद कुमार यादव, मु०आ० पवन सिंह विसेन, गु०आ० कृष्णकान्त शुक्ल, मु०आ० सरताज अहमद, मु०आ० शिवानन्द शुक्ल, मु०आ० सुनील कुमार यादव, मु०आ० आलोक रंजन, आरक्षी राम सिंह यादव, मु०आ० चालक कपिलदेव की टीम जनपद लखनऊ में भ्रमणशील भी।
नकली नोट देने जाते समय एसटीएफ ने दबोचा
इस दौरान ज्ञात हुआ कि कुछ व्यक्ति असली नोट के बदले दुगुना नकली नोट देने के लिए स्कार्पियो क्लब के पास गढ़ी तिराहे पर आने वाले है। यदि जल्दी की जाय तो पकडे़ जा सकते है। उक्त सूचना पर विश्वास करके एसटीएफ टीम द्वारा उक्त ज्ञात स्थान पर पहुँचकर उपरोक्त दोनों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिनके पास से उपरोक्त बरामदगी हुई।विस्तृत पूछताछ पर दोनों अभियुक्तों ने बताया कि उनका एक गिरोह है जो असली नोट के बदले दुगुना नकली नोट देने का लालच देकर ठगी करता है। इनके द्वारा लोगों को नकली नोट के नाम पर उनसे कुछ रूपये लेकर उन्हें नकली नोट के नाम पर असली दुगुना नोट दिया जाता है।
कलर प्रिन्टर से तैयार करते थे पांच सौ के रुपये के नोट
जब वह आदमी उन नोटों को बाजार में चलाता है तो उन्हें कोई नकली नहीं कहता है चूंकि वह असली नोट ही होती है। तब व्यक्ति को इनके ऊपर विश्वास हो जाता है। इसके उपरान्त वह व्यक्ति लालच में आकर इनसे और ज्यादा नोटों की मांग करता है। जिस पर यह लोग उस व्यक्ति से ज्यादा नोट लेकर उसे अपने द्वारा तैयार किये गये कूटरचित नोट दे देते हैं।उल्लेखनीय है कि इनके द्वारा सफेद पेपर पर कलर प्रिन्टर की मदद से 500 रुपये की नोटों की गड्डी तैयार की जाती है, जिसके उपर और नीचे असली नोट लगाया जाता है। शेष बीच में सफेद पेपर पर इस तरह से बार्डर तैयार किया जाता है जिससे कि ऐसा प्रतीत हो कि यह असली नोटो की गड्डी है।
बण्डल देने के बाद तुरंत जाते थे निकल
इन गड़ियों पर बैंकों की स्लिप को स्कैन करके तैयार की हुई कूटरचित स्लिप लगा दी जाती है एवं बैंक के जैसे ही दिनांक व बैंक की मुहर लगाकर बण्डल तैयार करके उस बण्डल को सफेद पन्नी से लेमिनेट कर दिया जाता है। व्यक्तियों को यह बण्ठल देने के पश्चात वहां से जल्द से जल्द निकल जाते है जब व्यक्तियों द्वारा बण्डल खोलकर देखा जाता है और इनको फोन मिलाया जाता है, तब यह अपना मोबाइल आफ कर लेते है। इनके द्वारा अपना असली नाम, पता आदि किसी को नहीं बताया जाता है।गिरफ्तार अभियुक्तों के विरुद्ध थाना-गुडम्बा कमिश्नरेट लखनऊ में मु०अ०सं० 279/2024 धारा 319(2), 318(4), 338, 336 (3), 341 (1) बी०एन०एस० का अभियोग पंजीकृत कराकर दाखिल किया गया है।