लखनऊ।मोबाइल की क्रांति आने के बाद से बच्चों में आॅनलाइन गेम खेलने का चलन बढ़ता ही जा रहा है। अभिभावक इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे है। जबकि यह बच्चों की सेहत व मानसिक सोच समझ पर बुरा प्रभाव डाल रहा है। ऑनलाइन गेम से बच्चों के समय की बर्बादी होती है तथा स्वास्थ्य पर खासकर मस्तिष्क एवं आंखों पर इसका बहुत बुरा असर पड़ रहा है। इससे बच्चे समाज से दूर होते जा रहे हैं तथा डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। इस संबंध में अभिभावकों को जागरूक करने के उद्देश्य से अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत जागरूकता अभियान चला रहा है।

अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत चला रही जागरूकता अभियान

ग्राहक पंचायत के क्षेत्रीय संगठन मंत्री प्रमोद पाण्डेय ने बताया कि शोषण मुक्त समाज ग्राहक पंचायत का संकल्प है। उन्होंने बताया कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, उपभोक्ता मंत्रालय एवं विधि मंत्रालय जैसे तीन केंद्रीय मंत्रालय को तथा केंद्रीय कंज्यूमर प्रोटक्शन अथॉरिटी नई दिल्ली सी.सी.पी.ए. को पत्र लिखकर ऑनलाइन गेम के दुष्प्रभाव की गंभीरता से अवगत कराया गया तथा इस पर सख्त कदम उठाने के लिए आग्रह किया गया है।

वातावरण पर पड़ रहा बुरा प्रभाव

क्षेत्र संगठन मंत्री ने बताया कि फिल्म स्टार एवं खेल स्टार जोकि समाज एवं युवा पीढ़ी के आदर्श हैं तथा इसका भ्रामक प्रचार कर रहे हैं, उनको पत्र लिखकर इस प्रकार के विज्ञापन का विरोध किया गया।उन्होंने बताया कि ऑनलाइन गेम पर कोई कठोर कानून अभी तक नहीं बना है, जिस कारण बड़े-बड़े एक्टर व स्पोर्ट्स स्टार लॉटरी की तरह कमाई का प्रचार करके समाज के भोले भाले लोगों को प्रभावित कर रहे हैं, जिसका वातावरण पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

अानलाइन गेम की लती हो जा रहे युवा

प्रमोद पाण्डेय ने बताया कि युवा पीढ़ी ऑनलाइन गेम की लती होती जा रही है। मोबाइल से दूर रखना ही उनके अच्छे भविष्य लिए आवश्यक है, यदि युवा पीढ़ी को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होना है तो उन्हें कम से कम मोबाइल व सोशल मीडिया पर लगाना चाहिए। अन्यथा फिर मोबाइल लगातार देखने व प्रयोग करने से इसके गंभीर परिणाम देखने को सामने आ रहे है। अधिक मोबाइल पर गेम खेलने वाले बच्चे डिप्रेशन के शिकार हो रहे है। ऐसे में अपने बच्चों को डिप्रेशन से बचाने के लिए मोबाइल से दूर रखे।

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