एसएमयूपीन्यूज,ब्यूरो। केन्द्र सरकार के इस बार के बजट में रोजगार पर बेहद जोर दिया गया। ‘रोजगार से संबंधित प्रोत्साहन’ (ईएलआई) के लिए तीन योजनाएं सरकार लागू करेगी। योजनाएं ईपीएफओ में नामांकन तथा पहली बार रोजगार पाने वालों के लिए होगी। इसमें कर्मचारियों व नियोक्ताओं को सहायता प्रदान की जाएगी। इससे ढाई करोड़ से ज्यादा युवाओं को लाभ मिलेगा।
इसके अलावा सरकार शीर्ष कम्पनियों में इंटर्नशिप के अवसर मुहैया कराने और कौशल विकास से जुड़ी योजना भी लाई है।केद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केन्द्रीय बजट 2024-25 पेश किया। इसमें उन्होंने पहली बार रोजगार पाने, विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन और नियोक्ताओं को सहायता संबंधित तीन योजनाओं की घोषणा की ।
पहली बार रोजगार पाने वाले
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना में सभी औपचारिक क्षेत्रों में नये कामगार के रूप में शामिल होने वाले सभी नवनियुक्त व्यक्तियों को एक महीने का वेतन दिया जाएगा। ईपीएफओ में पंजीकृत पहली बार रोजगार पाने वाले कर्मचारियों को एक महीने के वेतन का प्रत्यक्ष लाभ अंतरण तीन किस्तों में किया जाएगा, जो अधिकतम 15,000 रुपये होगा। इस योजना के अंतर्गत पात्रता सीमा एक लाख रुपये का मासिक वेतन होगा। उन्होंने कहा, “इस योजना से 210 लाख युवाओं के लाभान्वित होने की आशा है।”
विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना में विनिर्माण क्षेत्र में अतिरिक्त रोजगार को प्रोत्साहन दिया जाएगा, जो पहली बार रोजगार पाने वालों के रोजगार से जुड़ा है। सीधे कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों को रोजगार के पहले चार वर्षों में ईपीएफओ में उनके अंशदान के संबंध में एक प्रोत्साहन दिया जाएगा। सीतारमण ने कहा कि इस योजना से पहली बार रोजगार पाने वाले 30 लाख युवाओं और उनके नियोक्ताओं के लाभान्वित होने की आशा है।
नियोक्ताओं को सहायता
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि नियोक्ताओं पर केंद्रित इस योजना में सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार को शामिल किया जाएगा। एक लाख रुपये प्रतिमाह के वेतन के भीतर सभी अतिरिक्त रोजगारों की गणना की जाएगी। सरकार प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के संबंध में नियोक्ताओं के ईपीएफओ अंशदान के लिए उन्हें दो वर्षों तक 3,000 रुपये प्रतिमाह की प्रतिपूर्ति करेगी। उन्होंने कहा, “इस योजना से 50 लाख व्यक्तियों को अतिरिक्त रोजगार प्रोत्साहन मिलने की आशा है।”
युवाओं को इंटर्नशिप और मासिक भत्ते का एलान
सरकार शीर्ष कम्पनियों में इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने के लिए एक व्यापक योजना शुरू करेगी। संसद में आज केन्द्रीय बजट 2024-25 पेश करते हुए केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि यह योजना 500 शीर्ष कंपनियों में 5 वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करेगी।
उन्होंने कहा कि इससे रियल-लाइफ व्यवसाय वातावरण, विभिन्न व्यवसायों और रोजगार के अवसरों के लिए 12 महीनों का अनुभव मिलेगा।वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना में युवाओं को 5,000 प्रतिमाह का इंटर्नशिप भत्ता और 6,000 की एकबारगी सहायता दी जाएगी। कम्पनियों से अपेक्षा है कि वे अपनी सीएसआर निधियों से प्रशिक्षण लागत और इंटर्नशिप लागत का 10 प्रतिशत वहन करेंगी।
कौशल विकास के लिए केन्द्र प्रायोजित योजना
वित्त मंत्री ने राज्य सरकारों और उद्योग के सहयोग से कौशल प्रशिक्षण के लिए केन्द्र द्वारा प्रायोजित एक नई योजना की घोषणा की है। इसमें 5 वर्षों की अवधि में 20 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा और परिणामोन्मुख दृष्टिकोण के साथ उचित व्यवस्था में एक हजार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उन्नयन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि उद्योग की कौशल संबंधी आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रम की विषय-वस्तु और डिजाइन तैयार किया जाएगा और नई उभरती जरूरतों के लिए नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे।कौशल संबंधी ऋणों के संबंध में वित्त मंत्री ने घोषणा की कि सरकार संवर्धित निधि की गारंटी के साथ `7.5 लाख तक के ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना को संशोधित करेगी। इस उपाय से प्रतिवर्ष 25,000 छात्रों को सहायता मिलने की आशा है।
बजट 24-25 : एंजेल टैक्स’ खत्म करने का प्रस्ताव
केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केंद्रीय बजट 2024-25 पेश करते हुए सभी वर्ग के निवेशकों के लिए ‘एंजेल टैक्स’ खत्म करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि इस कदम का उद्देश्य भारतीय स्टार्ट-अप इको-सिस्टम को मजबूत करना, उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देना और नवाचार का समर्थन करना है।उन्होंने भारत की विकास आवश्यकताओं के लिए विदेशी पूंजी को आकर्षित करने के लिए विदेशी कंपनियों पर कॉर्पोरेट कर की दर को 40 से घटाकर 35 प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव रखा।
सीतारमण ने अर्थव्यवस्था की वित्तपोषण जरूरतों को पूरा करने और क्षेत्र को आकार, क्षमता और कौशल के संदर्भ में तैयार करने के लिए एक वित्तीय क्षेत्र दृष्टि और रणनीति दस्तावेज लाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह आगामी पांच वर्षों के लिए एजेंडा तय करेगा और सरकार, नियामकों, वित्तीय संस्थानों और बाजार सहभागियों के काम का मार्गदर्शन करेगा।मंत्री ने जलवायु वित्त के लिए वर्गीकरण विकसित करने का भी प्रस्ताव रखा। इससे जलवायु अनुकूलन और शमन के लिए पूंजी की उपलब्धता बढ़ने की उम्मीद है, जो भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं और हरित बदलाव को प्राप्त करने में मदद कर सकती है।