लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लखनऊ में कुकरैल के पास नाइट सफारी बना रहे हैं। इसके पहले कुकरैल नदी को जीवित करेंगे। कभी कुकरैल आदि गंगा गोमती की सहायक नदी थी। पीलीभीत से निकलकर वाराणसी में मां गंगा के साथ इसका मिलन होता है लेकिन कुकरैल नदी को नाला बनाकर लोगों ने अवैध निर्माण कर लिया।

चार दशक में कब्जा इतना बढ़ गया कि न केवल यह नदी, बल्कि पर्यावरण के लिए चुनौती बन गया। मुख्यमंत्री बुधवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के मरकरी हॉल में ईको टूरिज्म पर आयोजित संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

कुकरैल को नदी बनाने की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी

हम लोगों ने कुकरैल को नदी बनाने की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी। आठ हजार से अधिक अनधिकृत कब्जों को हटाया। दोषियों को दंडित किया और कइयों को पुनर्वास किया। गर्मी में जब नदियों और जल के स्रोत सूख रहे थे तो कुकरैल में जल के नए स्रोत बन रहे थे। ईको टूरिज्म डवलपमेंट बोर्ड आगाह कर रहा है कि मनोरंजन व ज्ञानवर्धन के लिए हम प्रकृति के उपहार का उपयोग करें, लेकिन भावी पीढ़ी को लंबे समय तक उपहार मिलता रहे। इसके संरक्षण की जिम्मेदारी हमें लेनी पड़ेगी।

यूपी देश का हृदय स्थल, यहां पर्यटन की असीम संभावनाएं

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का हृदयस्थल है। यहां पर्यटन की अनेक संभावनाएं हैं। गत वर्ष उत्तर प्रदेश में 48 करोड़ पर्यटक आए थे। यानी आबादी की लगभग दोगुनी संख्या पर्यटन की दृष्टि से यहां आई थी। अधिकांश पर्यटक धार्मिक पर्यटन के लिए आए थे ।

2023 में काशी में यह संख्या 10 करोड़ से अधिक थी। मथुरा-वृंदावन में साढ़े सात करोड़ और अयोध्या में पांच करोड़ से अधिक थी। 500 वर्षों के बाद अयोध्या में प्रभु श्रीराम के विराजमान होने के बाद यह संख्या कई गुना बढ़ गई है। औसतन प्रतिदिन डेढ़-दो लाख पर्यटक अयोध्या धाम आ रहे हैं।

यूपी में हेरिटेज व ईको टूरिज्म की भी संभावनाएं

सीएम योगी ने कहा कि यूपी में कई ऐसे साइट्स हैं, जहां पर्यटक आते हैं। लखनऊ के बगल में नैमिषारण्य, चित्रकूट, शुकतीर्थ, विंध्यवासिनी धाम, मां पाटेश्वरी धाम, मां शाकंभरी धाम सहारनपुर, बौद्ध तीर्थ स्थल कपिलवस्तु, सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती, संकिसा, जैन व सूफी परंपरा से जुड़े स्थलों में भी स्प्रिचुअल टूरिज्म की अनेक संभावना पहले से है। यह संभावनाएं बताती हैं कि यदि स्प्रिचुअल टूरिज्म के लिए स्थान है तो इसका मतलब यह मानव सृष्टि और जीव सृष्टि का उद्गम स्थल है।

इसके सबसे बड़े प्रमाण सोनभद्र के फासिल्स पार्क को देखें। उसकी आयु उतनी ही है, जितनी जीव सृष्टि की है। लगभग डेढ़ सौ करोड़ वर्ष पूर्व के फासिल्स वहां पाए जाते हैं। ऐसे अनेक स्थल, प्राकृतिक सरोवर, ताल मिलेंगे। 15 हजार वर्ग किमी. का क्षेत्रफल केवल वन संपदा है। यूपी में पौराणिक काल के वन हैं।

ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड गठित किया गया

यूपी के तराई क्षेत्र (बहराइच, लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती, बलरामपुर, पीलीभीत) में वन सुरक्षित हैं, जबकि उस पार नेपाल में वन समाप्त हो गए हैं। चूका, दुधवा, पीलीभीत टाइगर रिजर्व, अब चित्रकूट व बिजनौर के अमानगढ़ में टाइगर रिजर्व को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। स्प्रिचुअल टूरिज्म के साथ ही हैरिटेज व ईको टूरिज्म की संभावनाएं भी मौजूद हैं। उन्हीं संभावनाओं को देश-दुनिया के सामने लाने, लोगों का आकर्षण बढ़े, मनोरंजन और ज्ञानवर्धन हो, अतीत व इतिहास के साथ जुड़ने का अवसर प्राप्त हो। साथ ही भावी चेतावनी के प्रति हम सभी जागरूक हो सकें, इस दृष्टि से उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड गठित किया गया है।

स्प्रिचुअल की तरह ईको टूरिज्म को बढ़ाने में होंगे सफल

बांदा के कालिंजर, जालौन व बस्ती में ऐसे कार्यक्रम प्रारंभ हुए हैं। यह संभावना पीलीभीत, खीरी, बहराइच, सोनभद्र, चंदौली, चित्रकूट समेत कई जनपदों में भी बन सकती है, जहां पहले से ईको सिस्टम मौजूद है। सरकार कनेक्टिवटी और पॉलिसी के तहत आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करा सकती है। अलग-अलग क्षेत्रों व जनपदों में ईको टूरिज्म की संभावनाओं को बोर्ड के साथ जुड़कर आगे बढ़ाएंगे तो स्प्रिचुअल टूरिज्म की तरह हम लोग ईको टूरिज्म को भी आगे बढ़ाने में सफल होंगे।

लंबे समय तक याद आएगी जून की गर्मी

सीएम योगी ने कहा कि जून की गर्मी देश-प्रदेशवासियों को लंबे समय तक याद आएगी। तापमान बहुत तेजी से बढ़ रहा था। लोग असहाय और असमंजस की स्थिति में थे। इसके लिए उत्तरदायी हम सबकी स्वार्थी गतिविधियां ही हैं। स्वयं के स्वार्थ के लिए प्रकृति के दोहन की प्रवृत्ति के कारण ऐसी स्थिति पैदा हुई।कार्यक्रम में संस्कृति/पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, वन राज्यमंत्री केपी मलिक, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव (वन-पर्यावरण) मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव (पर्यटन-संस्कृति) मुकेश कुमार मेश्राम, प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुधीर कुमार शर्मा आदि मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *