लखनऊ। प्रदेश के करोड़ों नागरिकों को सुरक्षा और सम्मान प्रदान करने वाली यूपी-112 के द्वितीय चरण में शामिल नए उच्चीकृत पीआरवी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झंडी दिखा कर रवाना किया। इस मौके पर मा. मंत्री, वित्त एवं संसदीय कार्य सुरेश कुमार खन्ना, पुलिस महानिदेशक यूपी प्रशांत कुमार की गरिमामयी उपस्थिति रही।
24 एजेंसियों से हुआ है एकीकरण
यूपी-112 के द्वितीय चरण में नई तकनीक के साथ संसाधनों को भी बढ़ाया गया है, ताकि जनमानस को पारदर्शी तरीके से त्वरित पुलिस सहायता प्रदान की जा सके, नागरिकों की मदद का दायरा बढ़ाने के लिए यूपी-112 ने द्वितीय चरण में 15 नई एजेंसियों के साथ एकीकरण किया है। जबकि पहले चरण में 9 एजेंसियों के साथ 112 का एकीकरण था। इस तरह अब 24 एजेंसियों के साथ 112 का एकीकरण हुआ है।
कॉल टेकर्स और पीआरवी की संख्या बढ़ी
दूसरे चरण में कॉल टेकर्स की संख्या बढ़ा कर 825 की गयी है जबकि पहले चरण में कॉल टेकर्स की क्षमता 673 थी। कॉल टेकर्स बढ़ने से अब प्रतिदिन औसतन 28,000 कालर्स की आपात सहायता की जा रही है, जबकि पहले सहायता का ये आंकड़ा 18,500 का था। इसी तरह दूसरे चरण में पीआरवी की संख्या को बढ़ा कर 6278 किया गया है, जबकि पहले चरण में यह संख्या 4800 थी. कॉल टेकर्स की संख्या बढ़ने से जहाँ आपात सेवा लेने वालों की संख्या बढ़ी है वहीं पीआरवी की संख्या बढ़ने से पीड़ित तक जल्द पुलिस सहायता पहुँच रही है. नागरिकों को पीआरवी ट्रेकिंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
तकनीक का हुआ भरपूर प्रयोग
दूसरे चरण में यूपी-112 ने तकनीक का भरपूर प्रयोग किया है, ताकि नागरिकों को पारदर्शी तरीके से त्वरित पुलिस सहायता मिल सके, कॉलर की सटीक लोकेशन पता करने के लिए 112 ELS तकनीक का उपयोग कर रहा है। यूपी पुलिस इस सेवा को प्रयोग करने वाला पहला भारतीय पुलिस संगठन है। पीआरवी पर तैनात कर्मियों को बॉडी वार्न कैमरे दिए गए हैं जिससे पुलिस कर्मी घटना स्थल की फोटो और वीडियो रिकार्ड कर सकते हैं।
PTZ कैमरों से रखी जाएगी नज़र
पीआरवी पर PTZ कैमरे लगाये गए हैं. इससे संवेदनशील घटनाओं की रियल टाइम मोनिटरिंग जिला मुख्यालयों और यूपी-112 द्वारा किये जाने की व्यवस्था है। कैमरों से पारदर्शिता व अपराधों के इन्वेस्टीगेशन में मदद मिलेगी।