लखनऊ । यूपी की राजधानी में बसों से अवैध वसूली करने वाले चार यातायात पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। इनके खिलाफ लगातार शिकायत मिलने के बाद जेसीपी एलओ ने गोपनीय जांच करायी तो मामला सही मिलने पर तब यातायात पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की गई है। साथ ही इनके खिलाफ विभूतिखंड थाने में मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है। ताकि आगे से इस तरह की पुनरावृत्ति न हो।
लगातार इनके खिलाफ मिल रही थी शिकायत
जानकारी के लिए बता दें कि कमता तिराहा, थाना क्षेत्र विभूतिखण्ड पर यातायात पुलिसकर्मियों द्वारा कतिपय वाहनों बसों आदि को अनावश्यक रूप से रोककर उनसे अवैध वसूली किये जाने की शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। बस चालकों द्वारा शिकायत करने पर संयुक्त पुलिस आयुक्त, कानून एवं व्यवस्था, लखनऊ द्वारा इसकी गोपनीय जाँच करायी गयी तो शिकायत कर्ता की बात सही निकली।
चालान का भय दिखाकर करते थे वसूली
आरोप प्रथम दृष्टया सत्य पाये जाने पर यातायात पुलिस के उपनिरीक्षक उमेश सिंह, आरक्षी शुभम कुमार, आरक्षी विवेक विशाल दुबे व आरक्षी सचिन कुमार के विरुद्ध निलम्बन की कार्रवाई के आदेश देते हुए थाना विभूतिखण्ड पर इन चारों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराने के भी आदेश दिये गये हैं। इनके द्वारा प्रमुख रूप से बाह्य राज्यों की बसों को देर रात्रि रोककर चालान का भय दिखाकर वसूली की जा रही थी। शिकायतकर्ता द्वारा पर्याप्त ऑडियो व वीडियो साक्ष्य भी उपलब्ध कराये गये थे।
वसूली करने वाले पुलिस कर्मियों की अब खैर नहीं
जेसीपी एलओ की इस कार्रवाई से स्पष्ट हो गया है कि राजधानी के अंदर अगर कोई पुलिसकर्मी व यातायात पुलिस अवैध वसूली का काम करती है और पकड़ी गई तो फिर उनके खिलाफ कार्रवाई होना तय है। चूंकि एक साथ चार पुलिस कर्मियों को निलंबित करने के बाद यही संदेश दिया गया है। ऐसे में इस तरह के गलत कार्य में लिप्ट रहने वाले पुलिस कर्मी ईमानदारी से अपनी ड्यूटी का निर्वाहन करना शुरू कर दें अन्यथा शिकायत मिली तो उनके ऊपर भी गाज गिरनी तय है।