लखनऊ। फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर डिजीटल अरेस्ट कर डरा धमकाकर पीड़िता के साथ दो करोड़ 71 लाख 43 लाख की धोखाधड़ी करने वाले साइबर अपराधी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार अभियुक्त का नाम यशपाल पुत्र स्व. गंगाप्रसाद निवासी भूसा की टाल के पास गुलाब नगर नरायच हाथरस रोड थाना एत्माद्दौला आगरा, केशव गोयल पुत्र स्व. कृष्ण मोहन गोयल निवासी 26 विभव पुरम न्यू राधा नगर बलकेश्वर थाना कमलानगर जिला आगरा , संकेत कुमार पुत्र पूरन सिंह निवासी गुलाब नगर,यादव गार्डन के सामने थाना ट्रान्स यमुना आगरा है। इनके कब्जे से पांच स्मार्ट फोन, दो चैकबुल बंधन बैंक, दो एटीएफ कार्ड , एक आधार कार्ड और एक पेन कार्ड बरामद किया है।

क्रेडिट कार्ड से अनिधिकृत लेन देन बताकर झांसे में लिया

पीड़िता द्वारा सूचना दी गयी कि मेरे पासSBI CUSTOMER SERVICE DEPARTMENT से एक अज्ञात कॉल आई और कहा कि आपके क्रेडिट कार्ड से अनिधिकृत लेन देन किया गया है। इसके बाद एक अज्ञात व्यक्ति ने अपने आपको पुलिस अधिकारी बताते हुए काल कर कहा कि इस केस में आपकी आईडी का प्रयोग हुआ है। आप सुरेश अनुराग मनी लान्ड्रिग केस में सस्पेक्ट हैं ।फिर उस व्यक्ति द्बारा कॉल को एक अन्य व्यक्ति को यह बताकर ट्रांसफऱ किया गया कि CBI के अधिकारी आपसे बात करेंगे फिर उस व्यक्ति ने जोकि अपने आपको CBI अधिकारी बता रहा था उसने वादिनी को डराया धमकाया व डिजिटल हाउस अरेस्ट के नाम पर वादिया के साथ 2 करोड़ 71 लाख रूपये की ठगी कर ली गयी।

आगरा से अभियुक्तों को टीम ने किया गिरफ्तार

जिस पर थाना साइबर क्राइम लखनऊ मुकदमा पंजीकृत हुआ तथा 15 जून 2024 को लखनऊ के ही एक अन्य पीड़त से समान तरीके से डिजीटल हाइस अरेस्ट के नाम पर 43 लाख की ठगी की गयी । जिसके सम्बन्ध मेंथाना साइबर क्राइम लखनऊ पर मुकदमा पंजीकृत हुआ । उक्त अभियोग के अनावरण के लिए पुलिस आयुक्त लखनऊ, संयुक्त पुलिस उपायुक्त के निर्देशन में पुलिस उपायुक्त (पूर्वी), अपर पुलिस उपायुक्त (पूर्वी), सहायक पुलिस आयुक्त (पूर्वी) मके कुशल पर्यवेक्षण में साइबर क्राइम थाना लखनऊ पर प्रभारी निरीक्षक बृजेश कुमार यादव के नेतृत्व में अभियुक्तो की गिरफ़्तारी के लिए टीम गठित की गयी |विवेचक विनोद कुमार व उनकी टीम द्वारा उच्च अधिकारीगण के निर्देशन पर सूचना तंत्र सक्रिय कर तकनीकी संसाधनों का प्रयोग कर अभियुक्त गण को आगरा से गुरुवार को गिरफ्तार किया गया ।

इस तरह से करते रहे अपराध

गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ में पता चला कि साइबर अपराधी पीड़ित को वर्चुअल माध्यम से काल करके अपने आपको पुलिस / CBI अधिकारी बताते हैं तथा किसी पुराने बहुचर्चित मनी लान्ड्रिग केस में संदिग्ध बताकर फर्जी अरेस्ट वारंट जारी कर डिजिटल हाउस अरेस्ट के नाम पर डराते धमकाते हैं तथा पीड़ित के खाते में जमा धनराशि कोRBI द्वारा जांच के नाम पर फर्जी खातों में ट्रांसफर करा लेते हैं । प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि साइबर अपराधी ठगी करने के लिए इस तरह के हथकंडों का इस्तेमाल कर रहे है। ऐसे में इनसे सावधान रहने की जरूरत है। अगर इस तरह से कोई काल आए तो पुलिस संपर्क करें।

गिरफ्तारी करने वाली टीम

निरीक्षक विनोद कुमार साइबर क्राइम थाना लखनऊ।

उ0नि0 प्रशान्त रघुवंशी साइबर क्राइम थाना लखनऊ।

सर्विलांस टीम (श्रीमान पुलिस उपायुक्त पूर्वी)।

का0 विवेक यादव साइबर क्राइम थाना लखनऊ ।

का0 संजय कसौंधन साइबर क्राइम थाना लखनऊ।

का0 रवि चौधरीसाइबर क्राइम थाना लखनऊ।

का0 सुग्रीश यादव साइबर क्राइम थाना लखनऊ।

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