कन्नौज/मैनपुरी/फिरोजाबाद। लोकसभा चुनाव की मतगणना 37 चरण की मतगणना होने के बाद आखिर मंगलवार की देर सायं जिला प्रशासन ने परिणाम की घोषणा कर दी। जिसमें सपा प्रत्याशी अखिलेश यादव को 6 लाख 40 हजार वोट प्राप्त हुए है‚ तो वहीं भाजपा प्रत्याशी सुब्रत पाठक 4 लाख 69 हजार 131 वोट प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहे और बसपा प्रत्याशी इमरान बिन जफर को मात्र 81 हजार 471 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव ने भाजपा प्रत्याशी सुब्रत पाठक को 1 लाख 70 हजार 076 वोट से हराकर जीत हासिल की है।
मतगणना शुरू होते ही सपा के पक्ष में शुरू हो गई वोटों की बारिश
बताते चलें कि इस बार कन्नौज का लोकसभा चुनाव सपा और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर का माना जा रहा था‚ लेकिन जैसे ही मतगणना की प्रक्रिया शुरू हुई तो सपा के पक्ष में वोटों की बारिश शुरू हो गई।सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती शुरू हुई तो सपा के पक्ष में माहौल बनना शुरू हो गया।
पोस्टल बैलेट में सपा को 2085 मत, भाजपा के सुब्रत को 1239 वोट, बीएसपी के इमरान बिन जफर को 168 वोट मिले।इसी प्रकार पोस्टल बैलेट में अन्य 12 प्रत्याशियों में आलोक वर्मा को 8 मत, प्रमोद यादव को 3 मत, शैलेंद्र कुमार को 10 सुनीता को एक, सुभाष चंद्र को 2, इरफान अली को 7, पुरुषोत्तम तिवारी को 2, भानू प्रताप दोहरे को 2, यादवेंद्र किशोर को 1, राज कठेरिया को 1,ललित कुमारी को 5, सिनोद कुमार को 5,नोटा को 13 मत दिये गये। इसी प्रकार पोस्टल बैलेट में निरस्त मतों की संख्या 342 रही। इस प्रकार कुल 3890 मतों का प्रयोग पोस्टल बैलेट से हुआ।
बीजेपी के सुब्रत को 470131 वोट मिले
अब लोकसभा चुनाव में उपरोक्त क्रम से ही प्रत्याशियों में अखिलेश को लोकसभा चुनाव में 640207 वोट, बीजेपी के सुब्रत को 470131 वोट, बीएसपी के इमरान को 81471 वोट, आलोक वर्मा को 4484 वोट, प्रमोद यादव को 557 वोट, शैलेंद्र कुमार को 1141 वोट, सुनील को 738 वोट, सुभाष चंद्र को 799 वोट, इरफान अली को 463 वोट,पुरुषोत्तम तिवारी को 541 वोट, भानु प्रताप दोहरे को 1430 वोट, यादवेंद्र किशोर को 1061 वोट, राज कठेरिया को 1463 वोट, ललित कुमारी को 3262 वोट, शिनोद को 1732 वोट मिले।नोटा का भी इस्तेमाल मतदाताओं ने किया। इस पर 4805 वोट डाले गये। इस प्रकार 2024 के लोकसभा चुनाव में कुल 1214285 मतदाताओं ने अपने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
जीत पर अखिलेश ने जनता का जताया अाभार
अखिलेश यादव की जीत को लेकर सपा जिलाध्यक्ष कलीम खान ने जनता का आभार प्रकट करते हुए कहा कि मै सबसे पहले कन्नौज की जनता को बहुत–बहुत धन्यवाद और बहुत – बहुत बधाई देना चाहता हॅूं जिसकी वजह से आज राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लगभग दो लाख वोटो से जीते हैं।
मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र से डिंपल यादव जीतीं
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार डिंपल यादव चुनाव जीत गई हैं। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार जयवीर सिंह को 2,21,639 मतों के अंतर से हराया। डिंपल को कुल 5,98,526 और जयवीर सिंह को 3,76,887 मत मिले।मैनपुरी में सपा से सांसद डिंपल यादव प्रत्याशी थीं। वह वर्ष 2022 में मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद हुए उपचुनाव में सांसद बनी थीं।
भाजपा ने स्थानीय विधायक पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह को उम्मीदवार बनाया। जबकि बसपा से पूर्व विधायक शिवप्रसाद यादव को मैदान में उतारा है। इनके अलावा पांच अन्य प्रत्याशी भी चुनाव में थे। चुनाव में सपा, भाजपा और बसपा, तीनों दलों द्वारा प्रचार के लिए जमकर ताकत झोंकी गई थी। बड़े नेताओं के दौरे और सभाओं का भी क्रम चला था। बीते उपचुनाव में डिंपल यादव 2.88 लाख वोटों के बड़े अंतर से जीती थीं।
फिरोजाबाद सीट पर अक्षय यादव 89,185 वोटों से जीते
फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर सपा ने एक बार फिर अपनी वापसी की है। सपा उम्मीदवार अक्षय यादव ने 89,185 वोटों से जीत हासिल कर अपने प्रतिद्वंदी भाजपा उम्मीदवार ठा. विश्वदीप सिंह को पराजित किया है।फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में सात मई को मतदान हुआ था। मंगलवार को सुबह आठ बजे से शिकोहाबाद मंडी समिति में शुरू हुई मतगणना में सपा उम्मीदवार अक्षय यादव ने 89,185 वोटों से जीत हासिल की है।
सैफई परिवार से है अक्षय यादव
सपा के अक्षय यादव सैफई परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वह सपा के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के पुत्र हैं। फिरोजाबाद लोकसभा सीट सपा ने तीसरी बार अक्षय यादव पर भरोसा जताया था। इससे पूर्व अक्षय यादव ने वर्ष 2014 के लोकसभा में फिरोजाबाद सीट से जीत हासिल की थी, जबकि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में चाचा शिवपाल यादव द्वारा उनके सामने ताल ठोकने के कारण उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस चुनाव में भाजपा के डा. चंद्रसेन जादौन ने जीत हासिल की थी।
सपा का गढ़ माना जाता है फिरोजाबाद
फिरोजाबाद उन चुनिंदा सीटों में से है, जिन्हें सपा का गढ़ माना जाता है। इस बार सपा ने अपनी खोई हुई सीट पर जीत हासिल करने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी। चाचा शिवपाल भी इस बार अक्षय यादव के साथ थे और उन्होंने अक्षय यादव के लिए जनसभा कर वोट भी मांगे थे। जबकि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा परिवार में रार के कारण चाचा शिवपाल यादव उनके खिलाफ चुनाव लड़े थे, यही वजह थी कि अक्षय यादव को हार का सामना करना पड़ा था।
यादव व मुस्लिम मतदाता निर्णायक
फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर खासतौर पर यादव और मुस्लिम मतदाता यहां निर्णायक स्थिति में रहते हैं। भाजपा की कोशिश अपने परंपरागत वोट बैंक को साधते हुए सपा के पीडीए फार्मूले में सेंध लगाने की थी, जो कामयाब न हो सकी।