लखनऊ। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को 18वीं लोकसभा चुनाव के परिणाम आने से एक दिन पूर्व लखनऊ में प्रेस वार्ता की। इस दौरान उन्होंने ‘देश के नाम, सपा का पैगाम नाम’ के माध्यम से भाजपा पर निशाना साधा।उन्होंने कहा कि इस चुनाव को जनता ने खुद लड़ा है। जनता भाजपा के खिलाफ आंदोलित है। इस लोकसभा चुनाव में इंडी (आईएनडीआईए) गठबंधन जीतने जा रहा है। इंडी की जीत देश की जनता की जीत है। जनता के आशीर्वाद से केन्द्र में आईएनडीआई की सरकार बनेगी।

सपा अध्यक्ष ने प्रेसवार्ता में भाजपा पर जमकर साधा निशाना

अखिलेश ने पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए से कहा कि बीजेपी ने जाति को जाति के साथ लड़वाया है। बीजेपी सरकार ने पेपर लीक करवाया, चुनावी बॉन्ड से भ्रष्टाचार किया। भाजपा ने देश को मंदी का शिकार बनाया। महंगाई को कम नहीं किया।सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा ने पार्टी में अपराधियों को शामिल किया।

किसानों के लिए तीन काले कानून लाई थी। किसानों की जमीन हड़पने की कोशिश की गई। भाजपा ने पूंजीपतियों का कर्ज माफ किया, लेकिन किसानों का कर्ज माफ नहीं किया। भाजपा ने जनता की जान को खतरे में डाला है। भाजपा ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग करती रही है। विकास के झूठे आंकड़े देकर जनता को ठगा है

भाजपा ने बिना जांचे परखे वैक्सीन लगवाई

शारीरिक रूप से देखें तो भाजपा ने लोगों के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ किया। भाजपा ने बिना जांचे परखे वैक्सीन लगवाई। कमीशन लेकर गलत दवाइयों को पास करके लोगों का जीवन खतरे में डाला। इसका सीधा असर जनता की सेहत पर पड़ेगा और लोगों की तंदुरुस्ती पर भी पड़ेगा। भाजपा पीढ़ियों पर प्रहार की दोषी भी है। भाजपा राज में महिलाओं में असुरक्षा का भाव घर कर गया। युवा बेरोजगारी से डिप्रेशन का शिकार हुए हैं। 

भाजपा ने आर्थिक रूप से इलेक्टोरल बॉन्ड का ऐतिहासिक भ्रष्टाचार किया

भाजपा ने आर्थिक रूप से इलेक्टोरल बॉन्ड का ऐतिहासिक भ्रष्टाचार किया। इसके जरिए पैसा कमाने के लिए मुनाफाखोरी को बढ़ावा दिया जिसने महंगाई को बढ़ाया। अपने फायदे के लिए भाजपा ने जनता पर महंगाई थोप दी। नोटबंदी से व्यापार चौपट कर दिया।

भ्रष्ट जीएसटी से छोटे दुकानदार को मंदी का शिकार बना दिया। किसानों की जमीन हड़पनी चाही। काले कृषि कानून लाए। खाद की बोरी की चोरी की। लाभकारी मूल्य नहीं दिया। देश को अब तक की सबसे बड़ी बेरोजगारी में धकेल दिया। महंगाई से गरीब को और गरीब कर दिया। अमीरों के अरबों के लोन माफ कर दिए लेकिन किसानों का ऋण नहीं माफ किया। उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया।

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