लखनऊ। नरेन्द्र मोदी की तीसरी सरकार में उत्तर प्रदेश में भाजपा की कम सीटें आने के बावजूद कुल 11 चेहरों को शामिल किया गया है। एनडीए ने क्षेत्रीय एवं जातीय समीकरण को पूरी तरह साधने की कोशिश की गई है। पश्चिम से पूरब तक के चेहरों को मंत्रिपरिषद में महत्व दिया गया है। जातीय समीकरण में दो दलित, एक ब्राह्मण, दो क्षत्रिय और प्रधानमंत्री मोदी समेत पांच ओबीसी समाज को स्थान मिला है।
क्षत्रीय समाज से राजनाथ व कीर्तिवर्धन
उत्तर प्रदेश से वाराणसी से सांसद नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री हैं। उनके बाद शपथ लेने वाले सरकार में दूसरी स्थान पर क्षत्रीय समाज से आने वाले राजनाथ सिंह हैं। क्षत्रीय समाज से दूसरा नाम गोण्डा के सांसद कीर्तिवर्धन सिंह हैं। उन्होंने राज्य मंत्री के रूप में शपथ लिया है। कीर्तिवर्धन सिंह गोण्डा संसदीय क्षेत्र से पांचवी बार सांसद चुने गए हैं। भाजपा के चुनाव चिन्ह पर 2014 से लगातार जीत दर्ज कर रहे हैं।
दलित चेहरों में एसपी बघेल और कमलेश पासवान शामिल
मोदी सरकार-3 में उत्तर प्रदेश के दो दलित चेहरों प्रोफेसर एसपी बघेल और कमलेश पासवान को शामिल किया गया है। बघेल आगरा (सुरक्षित) सीट से सांसद चुने गए हैं तो कमलेश पासवान बांसगांव (सुरक्षित) सीट से सांसद बने हैं। कमलेश पासवान चौथी बार इस सीट से सांसद चुने गए हैं। इस प्रकार से पश्चिम से एक दलित सांसद तो एक पूरब से मोदी सरकार-3 में स्थान मिला है।
प्रधानमंत्री मोदी समेत पांच सांसद पिछड़े समाज से
भाजपा नीत एनडीए सरकार में उत्तर प्रदेश से पिछड़ा समाज को सबसे अधिक महत्व दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी समेत पांच सांसद पिछड़े समाज से आते हैं। स्व. कल्याण सिंह के करीबी माने जाने वाले बीएल वर्मा लोधी समाज से आते हैं। पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेजा था। मोदी सरकार-2 में भी बीएल वर्मा मंत्री बनाए गए थे। इस बार भी उन्हें महत्व दिया गया है।भाजपा सांसद पंकज चौधरी वर्मा(कुर्मी) विरादरी से हैं। पंकज चौधरी के अलावा कुर्मी समाज से आने वाली अपना दल (एस) की सांसद अनुप्रिया पटेल को भी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है। अनुप्रिया पटेल 2014 से हर सरकार में राज्य मंत्री के रूप में शामिल हो रही हैं।
क्षेत्रीय एवं सामाजिक समीकरण का अच्छा तालमेल
यूपी में दूसरे सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख जयंत चौधरी ने राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) के रूप में शपथ लिए हैं। वह जाट विरादरी से आते हैं। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश से राज्यसभा भेजे गए हरिदीप सिंह पुरी को भी मोदी सरकार-3 में स्थान मिला है। इस प्रकार मोदी सरकार-3 में क्षेत्रीय एवं सामाजिक समीकरण दिखाई दे रहा है। उत्तर प्रदेश में भाजपा एवं सहयोगी दलों के गठबंधन के प्रदर्शन को देखते हुए सरकार में कम महत्व का कयास लगाया जा रहा था। कयास के उलट मोदी सरकार-3 में उत्तर प्रदेश की बेहद ही मजबूत स्थिति बनी हुई है। यह बात अलग है कि पीएम मोदी और राजनाथ को छोड़कर किसी भी चेहरे को कैबिनेट मंत्री नहीं बनाया गया है।