लखनऊ । एसटीएफ ने सात जालसालों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में पता चला कि वे फर्जी दस्तावेज तैयार कर कोर्ट में अपराधियों की जमानत कराते थे। एसटीएफ अब उनसे पूछताछ कर रही है। आरोपी अश्चनी से पूछताछ में सामने आया कि जेल में बंद आरोपियों की जमातन के लिए तीस से चालीस हजार रुपये लेता था। इसके बाद फर्जी रूप से जमानतदार लगाकर लोगों को जमानत दिलाता था।

एसटीएफ ने सात जालसाजों को किया गिरफ्तार

आरोपियों के पास 129 फर्जी आधारकार्ड, 24 मोहर, 35 वर्क रजिस्ट्रेशन और बीमा, एक लैपटाप, प्रिंटर, पैन कार्ड, आईडी कार्ड, आधार कार्ड, थाने, तहसील और बैंक के आठ दस्तावेज, 21 खतौनी, 49 बीमा और फर्जी खतौनी, नौ एटीएफ और क्रेडिट कार्ड, दस मोबाइल, तीन मोटरसाइकिल और 26 हजार रुपये नकद बरामद हुए हैं। एसटीफ ने कमलानगर, आगरा के रहने वाले मयंक गुप्ता, सुनील कुमार, मोहित गुप्ता, प्रहलाद कुमार और ताजगंज, आगरा के रहने वाले बंटी, मेराज हुसैन को गिरफ्तार किया है, जबकि अश्वनी कुमार निवासी भरतपुर राजस्थान को गिरफ्तार किया गया है।

काम के बदले में चालीस हजार रुपये लेते थे

फर्जी दस्तावेज में आधार कार्ड, खतौनी थाने और तहसील की रिपोर्ट लगाई जाती थी। मेराज हुसैन फर्जी जमानतदार लाता था। अश्वनी फोटो, नाम पता, थाने और तहसील की रिपोर्ट देता था। इसके बाद मेराज हुसैन अपने लैपटाप से कूटरचित दस्तावेज बनाकर अश्वनी को देता था। बंटी उर्फ उमाशंकर और प्रहलाद कुमार फर्जी जमानती बनने पर पांच सौ रुपये और खाने-पीने को मिलता था। मोहित गुप्ता ने पूछताछ में बताया कि अश्वनी कागज पर नाम पता लिखकर दे देता था, जिसे मंयक गुप्ता से सुनील से मोहरे तैयार कराकर अश्वनी को देता था।

गैंगस्टर मामले में फर्जी जमानत करा दी थी

अश्वनी ने पूछताछ में बताया कि हरीओम निवासी फतेहाबाद आगरा, कमल निवासी शिव निकुंज कालोनी, आगरा, आशोक निवासी थाना एत्मादौला, आगरा और ममता पत्नी जीवनमंडी आगरा फर्जी नाम पता से जमानत देते हैं। कुछ दिनों पहले गैंगस्टर एक्ट थाना सदरबाजार आगरा बनाम अजय निवासी मामले में भी फर्जी तरीके से जमानत करा दी थी। जमानत के आधार कार्ड में कमल और हरीओम के फोटो लगाई गई। इसके अलावा वकील राजू तिवारी, वकील चमन प्रकाश माहौर द्वारा भी फर्जी दस्तावेज से जमानत कराने का मामला सामने आया है। वहीं आरोपी अश्वनी के खिलाफ आगरा के थानों में दो मुकदमा दर्ज है।

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