लखनऊ ।यूपी एसटीएफ व मिलिट्री इन्टेलीजेन्स लखनऊ की संयुक्त कार्रवाई में भारतीय सेना में भर्ती के लिए आवश्यक मेडिकल टेस्ट को हास्पिटल के प्रांगण से छद्म पूर्वक पूराकर, कूटरचित नियुक्ति पत्र प्रदान करने एवं सेना की भर्ती प्रक्रिया के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले भारतीय सेना के रिटायर व कोर्ट मार्शल से दण्डित सैनिक सहित तीन को लखनऊ से गिरफ्तार करने मे उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई।

सेना से रिटयर व कोर्ट मार्शल से दण्डित सैनिक भी खेल में शामिल

गिरफ्तार अभियुक्त का नाम हरिओम उर्फ नकुल पुत्र मेघसिंह निवासी माजिद का पुरा, थाना राजाखेडा, जनपद धौलपुर, राजस्थान, अजीत कुमार पुत्र दीनानाथ निवासी मकान नंबर 590/511 बल्देव बिहार, तेलीबाग, लखनऊ। भारतीय सेना से सेवानिवृत्त पोले वोहना बाला कसइया पुत्र राजा अइया, निवासी एलडीको सौभाग्यम फ्लैट नंबर 202 टावर-10 सेक्टर-09 बृन्दावन योजना तेलीबाग, लखनऊ (कोर्ट मार्शल दण्डित सैनिक) है।

इनके कब्जे से भारी मात्रा में फर्जी दस्ताबेज बरामद

एसटीएफ ने इनके कब्जे से 27 सेना से सम्बन्धित पत्र, दो कूटरचित मोहर, तीन डिपेन्डेण्ट कार्ड, एक मिनिस्ट्री डिफेन्स अस्थाई पास, दो सेना आईडी कार्ड, तीन मोबाइल फोन, 10 भर्ती से सम्बन्धित दस्तावेज, एक मेडिकल रजिस्टर, चार अंक पत्र, एक लीव सर्टीफिकेट, एक एसबीआई कार्ड , एक आधार कार्ड अंकित सिंह, एक ब्लैंक चेक एसबीआई, 1,330 रूपये नगद तथा मोटर साइकिल पीबी 08 बीयू 2183 बरामद किया है।

भर्ती के नाम पर बड़े पैमाने पर धन उगाही की सूचना पर सक्रिय हुई एसटीएफ

यूपी एसटीएफ व मिलिट्री इन्टेलीजेन्स द्वारा पूर्व में सयुक्त कार्यवाही के दौरान भारतीय सेना में शारीरिक दक्षता पास अभ्यर्थियों के लिए आवश्यक मेडिकल टेस्ट पास कराने के नाम पर धन उगाही करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया गया था। उक्त प्रकरण में सैनिक पोले वोहना बाला कसइया का नाम प्रकाश में आया था।

कोर्ट आफॅ इन्क्वाइरी की प्रक्रिया के बाद सेना से कोर्ट मार्शल किया गया था। अपर पुलिस अधीक्षक अमित कुमार नागर के पर्यवेक्षण में एसटीएफ मुख्यालय टीम द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्रवाई की जा रही थी। इस दौरान ज्ञात हुआ कि राजधानी लखनऊ में सेना के किसी सैनिक के साथ मिलकर भारतीय सेना में अभ्यर्थियों के मेडिकल टेस्ट पास करवाने व कूटरचित नियुक्ति पत्र जारी कर बडे़ पैमाने पर धन उगाही का कार्य किया जा रहा हैं।

एसटीएफ ने तीन को किया गिरफ्तार

कमाण्ड अस्पताल के अन्दर कथित आर्मी के लोगों ने फर्जी भर्ती प्रक्रिया के लिए बुलाया है जहां पर इन युवकों का मेडिकल आदि कार्याक्रम होना सम्भावित है कथित आर्मी के लोग अस्पताल की ओपीडी बन्द हो जाने के बाद इन बेरोजगार युवको का मेडिकल करने वाले हैं।

उक्त सूचना पर निरीक्षक दिलीप कुमार तिवारी के नेतृत्व में उ.नि. विनोद सिंह, मु.आ. रूद्र नारायण उपाध्याय, मु.आ. अशोक कुमार गुप्ता, मु.आ. कौशलेन्द्र प्रताप सिंह, मु.आ. रवि वर्मा, मु.आ. राजेश मौर्या व विजय वर्मा की टीम द्वारा आर्मी इन्टेलीजेंस टीम को साथ लेकर उक्त स्थान से तीनों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिनके पास से उपरोक्त बरामदगी हुई।

बेरोजगार युवाओं को सेना में भर्ती कराने का देते थे झांसा

गिरफ्तार अभियुक्तों पोले वोहना बाला कसइया ने पूछताछ पर बताया कि वह सेना मे नायक के पद पर 2002 में भर्ती हुआ था। वर्ष 2021 में सेना में पैसों के गबन व फर्जी नौकरी दिलवाने के लिये पकडा गया था। जिसके बाद नौकरी से निकाल दिया गया और कोर्टमार्शल होकर जेल चला गया। इस गबन में उसके साथी स्वप्निल सूर्यवंशी व पवन राज को भी सेना से निकाल दिया गया था।

वर्ष 2022 में जेल से वापस आने के बाद सेना के लोगों का फर्जी प्रपत्र बनवाकर उनका आसानी से लोन कराकर अच्छा कमीशन कमाने लगा और बैंक के साथ धोखाधडी करता था। इसी दौरान इसका सम्पर्क अजीत जो पूर्व सेना कर्मी है एवं अभिषेक मिश्रा उर्फ अभिराज व हरिओम उर्फ नकुल से हुआ जो पूर्व से ही गिरोह बनाकर बेरोजगार युवकों के साथ सेना में भर्ती कराने के नाम पर 4 से 5 लाख रूपये लेते थे।

प्रति अभ्यर्थी से लेते थे चार लाख रुपये

शुक्रवार को भी वह लोग पूर्व नियोजित धोखाधड़ी के कार्यक्रम के अनुसार हरिओम के द्वारा अपने साथ सुमित, अमन व अकित सिंह को फौज में फर्जी नौकरी दिलवाने के नाम पर फर्जी भर्ती प्रक्रिया के लिए बुलाया गया था। जिसमें बाला व अजीत कुमार सेना का अधिकारी बनकर अभ्यर्थियों का फर्जी मेडिकल करा रहा था।

जिसके एवज में इन्हे चार लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी मिलना था। धोखाधड़ी से प्राप्त 21 लाख रुपये बाला अपनी पत्नी नागेश्वरी देवी के पिता के बैंक एकाउन्ट में मंगाया था। प्राप्त धन का समस्त लेखाजोखा उसकी पत्नी ही देखती है। गिरफ्तार अभियुक्तों के विरूद्ध थाना कैण्ट, कमिश्नरेट लखनऊ में मुकदमा पंजीकृत कराया गया है।

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