प्रयागराज । उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के समाज विज्ञान विद्या शाखा के तत्वावधान में बुधवार को भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित लघु शोध परियोजना के अन्तर्गत प्राइम मिनिस्टर हाउसिंग फॉर ऑल मिशन: ए स्टडी ऑफ परफॉर्मेंस एंड इंपैक्ट ऑन बेनिफिसियरीज इन सैलेक्टेड सिटीज इन उत्तर प्रदेश विषयक एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन  किया गया। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज की कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में महिलाओं को आवास मिलना महिला सशक्तिकरण का सबसे बड़ा उदाहरण है।

प्रधानमंत्री आवास मिशन पर मुक्त विश्वविद्यालय में हुई कार्यशाला

इस योजना से इन महिलाओं के अंदर आत्मविश्वास में वृद्धि हो रही है तथा उनका परिवार भी आत्मनिर्भर हो रहा है। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि जीवन जीने के लिए आवास की जो आवश्यकता है उसको सरकार पूर्ण कर रही है। उन्होंने शोधार्थियों का आह्वान किया कि वह ऐसा शोध करें जो समाज को मदद करने वाला हो। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि सामाजिक सरोकार यदि शोध में नहीं होगा तो उसका कोई मतलब नहीं है। केवल पुस्तकालय में जाकर शोध को सुशोभित किया जाए तो इसका कोई फायदा नहीं है। मुक्त विश्वविद्यालय सामाजिक सरोकारों को लेकर आगे बढ़ रहा है। इसके लिए उन्होंने यहां के शिक्षकों एवं शोधार्थियों की सराहना की।

पात्र लोगों को सुलभ कराये जा रहे हैं प्रधानमंत्री आवास: विधायक

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि फाफामऊ विधानसभा क्षेत्र के विधायक गुरु प्रसाद मौर्य ने प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन तथा उपलब्धता से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि पात्र लोगों को उनके रहने के लिए आवास सुलभ हों। इसीलिए इसके वितरण में भी पूर्ण पारदर्शिता बरती जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की अन्य अनेक योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने के लिए उनकी सरकार कृत संकल्पित है। उन्होंने कुलपति प्रोफेसर सिंह की सराहना करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में विश्वविद्यालय गोद लिए गांवों में महिला साक्षरता की दिशा में अनूठा प्रयास कर रहा है।

भारत आज विकास की लॉन्चिंग पैड पर: प्रोफेसर रिपू सूदन सिंह

मुख्य वक्ता प्रोफेसर रिपु सूदन सिंह राजनीति विज्ञान विभाग, बाबासाहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ ने कहा कि आवास का मुद्दा बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है। यह लोगों के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन लाता है। 2047 तक विकसित भारत का सपना तभी साकार होगा जब सभी को रहने के लिए आवास सुलभ होंगे। सरकार का ध्यान उन वर्गों पर है जो खुले में जीवन यापन कर रहे हैं। सरकार बहुत ईमानदारी से इसकी समीक्षा कर रही है।

उन्होंने कहा कि भारत आज विकास की लॉन्चिंग पैड पर बैठा है। प्रोफेसर सिंह  ने प्रधानमंत्री आवास योजना के सैद्धांतिक पहलुओं पर जोर दिया। साथ ही भारत के उदारवादी और नव उदारवादी मॉडल की विशेषताओं का भी उल्लेख किया। विकास के गुजरात मॉडल तथा इसके पूर्व की सरकारों द्वारा बनाए गए मॉडल के बारे में तुलनात्मक बातें बताई। 1991 के पहले की लाइसेंस प्रणाली के बारे में अमर्त्य सेन के आर्थिक मॉडल और तथा मानव संसाधन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।

डॉ आनंदानंद त्रिपाठी ने परियोजना के बारे में दी जानकारी

प्रारम्भ में निकेत सिंह ने सरस्वती वंदना की संगीतमय प्रस्तुति की। समाज विज्ञान विद्याशाखा के निदेशक प्रोफेसर एस कुमार ने मंचासीन विशिष्टजनों का वाचिक स्वागत तथा परियोजना निदेशक डॉ आनंदानंद त्रिपाठी ने परियोजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन डॉ देवेश रंजन त्रिपाठी ने तथा धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव कर्नल विनय कुमार ने किया। तकनीकी सत्र के मुख्य वक्ता प्रोफेसर सूर्यभान सिंह, राजनीति विज्ञान विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय तथा समापन सत्र के मुख्य वक्ता प्रोफेसर मधुरेद्र कुमार, निदेशक दीनदयाल शोध पीठ, इलाहाबाद विश्वविद्यालय रहे ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर एस कुमार, निदेशक, समाज विज्ञान विद्या शाखा ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ सुनील कुमार ने तथा धन्यवाद डॉ आनंदानंद त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के समस्त विद्याशाखाओं के निदेशकगण, आचार्यगण, सह आचार्यगण, सहायक आचार्य एवं समस्त शोधार्थी उपस्थित रहे। उक्त जानकारी मीडिया प्रभारी डॉ. प्रभात चंद्र मिश्र ने दी।

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