लखनऊ। डीजीपी प्रशांत कुमार ने प्रेसवार्ता में बताया कि आरओ-एआरओ भर्ती-2023 पेपर लीक के मास्टरमाइंड बर्खास्त सिपाही अरुण कुमार और स्कूल मैनेजर सौरभ शुक्ला एनकाउंटर डर से मंझनपुर पुलिस के सामने खुद आत्मसमर्पण किया है। मैनेजर ने परीक्षा शुरू होने से पहले बर्खास्त सिपाही को पेपर व्हाट्सएप पर भेजकर लीक किया था। पेपर लीक होने पर अभ्यर्थियो ने प्रदर्शन किया था। इसके बाद पुलिस ने मामले को दर्ज कर प्रकरण की जांच पुलिस प्रमुख ने एसटीएफ को सौंपी थी।

पहले भी प्रतियोगी परीक्षाओं का करते थे पेपर आउट

डीजीपी ने बताया कि एसटीएफ के सर्किल अफसर लाल प्रताप सिंह को पेपर लीक करने वालों के अहम सुराग हासिल हुए। एसटीएफ ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। पुलिस एनकाउंटर से घबराए बदमाश लखनऊ निवासी अरुण कुमार सिंह सौरभ शुक्ला ने मंझनपुर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।पुलिस कस्टडी में आने के बाद आरोपी अरुण कुमार सिंह ने अपना गुनाह कबूल करते हुए बताया कि वह साल 2011 में महकमें बतौर सिपाही भर्ती हुआ था। साल 2019 की पुलिस भर्ती परीक्षा में पेपर लीक करने के आरोप में महकमे से उसे बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद से अरुण सिंह प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर आउट व नकल करने में लिप्त हो गया।

परीक्षा का पेपर व्हाट्सएप पर अरुण तक पहुंचाया गया

आरओ-एआरओ भर्ती-2023 प्रारंभिक परीक्षा के दौरान उसने पेपर आउट करने का ठेका लेकर कई लोगों से एडवांस रुपए थे। अरुण ने सौरभ शुक्ला नाम के व्यक्ति से पेपर आउट करने की सांठगांठ की परीक्षा की। 11 फरवरी को होनी थी। इसके पहले 10 फरवरी की रात सौरभ शुक्ला (जो जीडी मेमोरियल स्कूल में बतौर मैनेजर काम कर रहा था) ने व्हाट्सएप के जरिए अरुण के पास पेपर पहुंचा दिया।अरुण कुमार सिंह व सौरभ शुक्ला की दोस्ती एक साल पहले एक कार्यक्रम में हुई थी।

जिसके बाद से दोनों लगातार संपर्क में रहे। सौरभ ने परीक्षा के दौरान अरुण सिंह को विद्यालय के पीछे के एक होटल में रुकवाया। करीब सात बजे अजय शर्मा नाम के व्यक्ति के जरिए परीक्षा का पेपर व्हाट्सएप पर अरुण तक पहुंचाया गया। अरुण ने डील के मुताबिक पेपर को कई लोगों के पास भेजा था। पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया है।

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