प्रयागराज। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज एवं वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर शिक्षा के क्षेत्र में मिलकर कार्य करेंगे। दोनों विश्वविद्यालयों के मध्य सोमवार को परस्पर समझौते पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। शिक्षा के क्षेत्र में एक दूसरे को सहयोग देने के लिए उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज की कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह एवं वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर की कुलपति प्रोफेसर वन्दना सिंह ने परस्पर सहमति पत्र एमओयू पर हस्ताक्षर किए। साक्षी के तौर पर उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के कुलसचिव कर्नल विनय कुमार एवं वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के कुलसचिव महेन्द्र कुमार उपस्थित रहे।

मुक्त विवि ने पूर्वांचल विवि से एमओयू कर लगाई हैट्रिक

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज की कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय के शिक्षार्थियों को शिक्षा के क्षेत्र में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर की उत्कृष्टता का लाभ मिलेगा। विश्वविद्यालय के कार्यक्रमों से जुड़कर छात्र अपने कैरियर को संवार सकेंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षार्थियों की असीमित क्षमताओं का विकास करना विश्वविद्यालय का उद्देश्य है। उन्होंने कुलपति प्रोफेसर वन्दना सिंह के प्रति आभार व्यक्त किया। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि आज का दिन हमारे और पूर्वांचल विश्वविद्यालय के लिए बहुत ही विशेष दिन है। आज उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय और पूर्वांचल विश्वविद्यालय के मध्य अकादमिक समझौता हुआ है जिससे इस क्षेत्र के बहुत सारे विद्यार्थी आने वाले समय में लाभान्वित होंगे। ऐसी मुझे पूरी उम्मीद है।

देश के अग्रणी विश्वविद्यालयों में अपना स्थान कायम किया

उन्होंने कहा कि राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल के निरंतर मार्गदर्शन में मुक्त विश्वविद्यालय औद्योगिक प्रतिष्ठानों के साथ ही महत्वपूर्ण शैक्षिक संस्थानों के साथ एमओयू साइन करके उनकी विशेषताओं से शिक्षार्थियों को लाभान्वित करने की दिशा में निरन्तर प्रयासरत है। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाॅंसी, डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के बाद अब वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के साथ एमओयू प्रक्रिया संपन्न कराई गई।वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर की कुलपति प्रोफेसर वन्दना सिंह ने कहा कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने निरंतर गुणात्मक और मात्रात्मक विकास, शैक्षणिक और प्रशासनिक गतिविधियों में उत्कृष्टता, पारदर्शी और कुशल शैक्षणिक प्रशासन जैसी विशिष्ट विशेषताओं के आधार पर देश के अग्रणी विश्वविद्यालयों में अपना स्थान कायम किया है।

रोजगारपरक कार्यक्रमों का लाभ पूर्वांचल के विद्यार्थियों को मिलेगा

आज प्रदेश के एकमात्र मुक्त विश्वविद्यालय के साथ एमओयू के उपरांत अब उत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा प्रदत्त नई शिक्षा नीति के अंतर्गत डिग्री, डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट कार्यक्रमों के साथ ही रोजगारपरक कार्यक्रमों का लाभ पूर्वांचल क्षेत्र के विद्यार्थियों को मिलेगा। उन्होंने कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश का यह एकमात्र मुक्त विश्वविद्यालय उनके नेतृत्व में चतुर्दिक प्रगति कर रहा है। सरकार की तरफ से चलाए जा रहे कौशल विकास कार्यक्रमों को मुक्त विश्वविद्यालय सफलतापूर्वक संचालित कर रहा है। निश्चय ही आज दोनों विश्वविद्यालयों के परस्पर समझौता पत्र एमओयू पर हस्ताक्षर होने से प्रदेश के छात्रों को लाभ मिलेगा। इस अवसर पर अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

भारतीय संस्कृति एक बहुआयामी और समृद्ध धरोहर : कुलपति

इस अवसर पर मुविवि की कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश के सहयोग से आयोजित कार्यशाला संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन, प्रदर्शन, दस्तावेजीकरण में विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति एक बहुआयामी और समृद्ध धरोहर है जो भारत के साथ ही विश्व को भी प्रभावित करती है। यह अहिंसा, धर्म, कर्म, योग, और समर्पण के मूल्यों पर आधारित है। भारतीय संस्कृति विविधता और एकता का सुंदर उदाहरण प्रदान करती है, जिसमें सभी धर्म, भाषाएं, और जातियाँ समाहित हैं। इसकी अद्भुत सांस्कृतिक विरासत भव्य भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी की भागीदारी से संस्कृति संरक्षण में सकारात्मक परिवर्तन हो सकता है और इससे समृद्धि और सुरक्षा की दिशा में बढ़ावा मिल सकता है। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है। इससे जुड़े रहिये। उक्त जानकारी मीडिया प्रभारी डा. प्रभात चंद्र मिश्र ने दी।

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