वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी काशी दौरे के दूसरे दिन सुबह साढ़े बजे बीएचयू पहुंचे और स्वतंत्रता भवन में काशी ज्ञान, फोटोग्राफी व संस्कृति प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया। उन्होंने वहां उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान शिव के आशीर्वाद से काशी में चारों ओर विकास का डमरू बजा।

पीएम ने कहा कि हम सब निमित्त मात्र हैं।आज काशी का सामर्थ फिर से संवर रहा है। काशी में सब कुछ करने वाले महादेव और उनके गण हैं। महादेव के आशीष से काशी में चारों ओर विकास हुआ। आज एक बार फिर हमरे परिवार के लोगन के लिए करोड़ों रुपये क योजना का लोकार्पण होता है।

काशी के बाद अब अयोध्या भी निखर रहा

बीएचयू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, जिस काशी को समय से भी प्राचीन कहा जाता है, जिसकी पहचान को युवा पीढ़ी जिम्मेदारी से सशक्त कर रही है। ये दृश्य हृदय में संतोष भी देता है, गौरव की अनुभूति भी कराता है और यह विश्वास भी दिलाता है कि अमृत काल में सभी युवा देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।

पीएम मोदी ने कहा काशी के बाद अब अयोध्या भी निखर रहा है। जिस तरह वेदों का पाठ काशी में होता है इस संस्कृत में हमें कांची में सुनाई देना पड़ता है, जिन्होंने हजारों वर्षों से भारत को राष्ट्र के रूप में एक बनाए रखा है। अगले पांच वर्षों में देश सफलता के नए कीर्तिमान करेगा। यह मोदी की गारंटी है। गारंटी पूरा होने की गारंटी है।

काशी में करने वाले केवल महादेव और उनके गण है : पीएम

पिछले दस वर्ष में काशी ने विकास की जो यात्रा तय की है वह इस बुक में है। काशी में करने वाले केवल महादेव और उनके गण है। जहां पर महादेव की कृपा हो जाला वह धरती अपने आप समद्ध हो जाता है। काशी में चारों और विकास का डमरू बजा है।काशी में आज विकास का उत्सव मनाया जा रहा । होली और रंगभरी एकादशी से पहले विकास के एक और उत्सव होवे जात हौ। काशी विश्वास दिलाती है कि अमृतकाल में आप सभी युवा देश को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे।

काशी तो सर्वविद्या की राजधानी है। यह पूरे विश्व के लिए गर्व की बात है। आप सब काशी की ज्ञान प्रतियोगिता में शामिल हुए यह बड़े गर्व की बात है। आज प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित करने का अवसर मिला। सभी सफल प्रतिभागियों और उनके परिवार को बधाई देता हूं। जो युवा कुछ नंबर से पीछे रह गए हैं उनका अभिनंदन करता हूं।

विश्वनाथ धाम जैसे हमारे मंदिर ही भारत की श्रेष्ठता

नव्य भव्य श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के अवसर पर मैंने कहा था। काशी जैसे हमारे तीर्थ और विश्वनाथ धाम जैसे हमारे मंदिर ही भारत की श्रेष्ठता हैं। भारत ने जितने भी नए विचार दिए उनका संबंध किसी न किसी सांस्कृतिक केंद्र से है। काशी शिव की नगरी है तो बुद्ध के उपदेशों और जैन तीर्थंकरों की नगरी भी है।

यहां दुनिया के कोने-कोने से लोग शांति की तलाश में आते हैं। हर भाषा, हर बोली, हर प्रांत, हर रिवाज के लोग आते हैं। जिस भी नगर में ऐसी विविधता होती है, वहीं पर नए विचारों का जन्म होता है। जहां नए विचार पहनते हैं वहीं से प्रगति की संभावनाएं पनपती हैं।

विश्वनाथ धाम पूरे भारत को एक निर्णायक दिशा देगा

पीएम कहा कि विश्वनाथ धाम पूरे भारत को एक निर्णायक दिशा देगा, उज्जवल भविष्य की ओर लेकर जाएगा और ऐसा ही हो रहा है विश्वनाथ धाम देश को एक निर्णायक भविष्य की ओर ले जाने में निर्णायक भूमिका निभा रहा है। संस्कृत ही शास्त्रीय बोध की भाषा है। मेडिकल कालेज, साइंस, गणितीय सूत्र यह सब संस्कृत में लिखे गए थे। साहित्य,संगीत, कला की विधाएं भी संस्कृत से ही निकली हैं।

आज काशी को विकास और विरासत के माडल के रूप में देखा जाता है। राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद आज अयोध्या भी निखर रही है। यूपी को कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का लाभ मिल रहा है। देश सफलताओं के नए प्रतिमान गढ़ेगा यह मोदी की गारंटी है। आप भी जानते हैं कि मोदी की गारंटी माने गारंटी पूरी होने की गारंटी।

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