लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राजधानी में बड़ी वारदात हो गई। यहां के मलिहाबाद थानाक्षेत्र में जमीन की पैमाइश के विवाद में घर में घुसकर दिनदहाड़े महिला समेत तीन को गोलियों से भून दिया। वहीं गोलियां की तड़तड़ाहट से पूरा इलाका दहल गया। लोग घर के डर मारे अपने घरों में छिप गए। इसके बाद फायरिंग करने वाले फिर थार कार पर सवार होकर फरार हो गए।

सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया। गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस की तैनाती कर दी गई है। वहीं पुलिस कमिश्नर व जिलाधिकारी भी मौके पर पहुंचकर घटना स्थल का जायजा लिया। मुख्य आरोपी के ड्राइवर को थार समेत गिरफ्तार कर लिया है अन्य की गिरफ्तारी के लिए कुल पांच टीम गठित की गई है। घटना के दूसरे दिन भी गांव में सन्नाटा पसरा दिखाई दिया। हर कोई दहशत में दिखा।

जमीन के विवाद मेंआरोपियों ने घर में घुसकर मारी गोली

थानाक्षेत्र के मोहम्मदनगर तालुकेदारी गांव निवासी लल्लनखां उर्फ शिराज खान का गांव के ही फरीद खान के बीच जमीन को लेकर विवाद चला आ रहा था। फरीद रिश्ते में लल्लनखां का दामाद है। जिसको लेकर दोनों के बीच आये दिन विवाद होता रहता था। रोज-रोज के विवाद से तंग आकर शुक्रवार को फरीद जमीन की पैमाइश कराने के लिए लेखपाल बुलाया था। इस मौके पर दोनों पक्ष के लोग मौजूद थे लेकन फरीद खान वहां नहीं पहुंचा और मामला कोर्ट में होने के कारण लेखपाल बिना पैमाइश के जाने लगा।

इसी बीच लल्लन खां और उसका बेटा फराज तथा ड्राइवर थार गाड़ी लेकर सीधे फरीद घर पहुंचा। जहां पर पहले गाली गलौज हुआ। इसके बाद लल्लन खां और बेटे ने लाइसेंसी बदूंक से फरीद के घर में घुसकर गए। ताबड़तोड़ फायरिंग के बाद फरीद के भाई मुनीर उम्र करीब 55 वर्ष, उसकी पत्नी फरहीन उम्र करीब 35 वर्ष और बेटे हंजला उम्र करीब 16 वर्ष की गोली मारकर हत्या कर दी।

तड़ातड़ फायरिंग की आवाज सुनकर घरों में छिप गए लोग

यह पूरी वारदात दिन दहाड़े हुई। इस दौरान गांव में मौजूद किसी कि हिम्मत नहीं हुई वहां तक जाने की। लोग ताबड़तोड़ फायरिंग की आवाज सुनकर अपने घरों को अंदर से बंद कर लिया। वारदात करने के बाद आरोपी गांव में लाइसेंसी बंदूक लहराते हुए फरार हो गये। दिन दहाड़े ट्रिपल मर्डर की सूचना पर पुलिस में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में कई थानों की पुलिस फोर्स के साथ अधिकारी मौके पर जा पहुंचे।

गांव में तनाव को देखते हुए फोर्स तैनात कर दी गई है। वहीं पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया है। प्रभारी निरीक्षक सुरेश सिंह ने बताया कि महिला समेत तीन की गोली मारकर हत्या की गई है। शव को पोस्टमार्टम को भेजने के बाद परिजनों की तहरीर पर लल्लनखां और उसके परिजनों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। हत्यारोपी अभी घर से फरार है। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है। किसी और के घायल होने की सूचना नहीं है। 

हत्यारोपी गब्बर सिंह नाम से इलाके में है मशहूर

घटना के बाद गांव के लोगों का कहना है कि हत्यारोपी लल्लन 70-80 के दशक में बुलेट और घोड़े से चलते थे,पुराने लखनऊ में उनका नाम गब्बर सिंह से मशहूर था। उस दौरान में इसके ऊपर हत्या, बलवा, हत्या के प्रयास जैसे कई संगीन मुकदमे दर्ज है। यही वजह है कि इसकी लोगों में दहशत है। वायरल वीडियो में साफ तौर पर दिख रहा है कि लल्लनखां अपने बेटे फराज और थार चालक अशरफ के साथ फरीद के घर पहुंचा।

सबसे पहले फरीद के बेटे हंसला के सिर में गोली मारी तो वह जमीन पर गिर पड़ा। गोली की आवाज सुनकर चाचा मुनीर पहुंचा तो उसके ऊपर ताबड़तोड़ रायफल से फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद फरीद के पत्नी फरहीम पहुंच गयी और रायफल को छीनने का प्रयास किया तो उसे भी गोलियाें से भून दिया। इसके बाद जब पूरी तरह से संतुष्ठ हो गए की तीनों की मौत हो गई है तब वहां से फरार हो गए। करीब दो मिनट में पूरी वारदाता को अंजाम दिया गया।

जमीन की पैमाइश करने पहुंचा था लेखपाल, पुलिस को नहीं दी सूचना

जानकारी के लिए बता दें कि लेखपाल भी हमलावरों के साथ फरीद खान के घर थार कार से पहुंचा था। जब फायरिंग शुरू हो गई तो लेखपाल रघुवीर सिंह यादवमौके से भाग निकला। लेखपाल की भूमिका को संदिग्ध देखते हुए उसकी भी जांच की जा रही है। चूंकि बताया जा रहा है कि हिस्ट्रीशीटर लल्लनखां के पास अरबों की जमीन है।

जिसकी वजह से माना जा रहा है कि लेखपाल भी उसके प्रभाव में रहा होगा। जबकि नियमानुसार लेखपाल को पैमाइश पर जाने से पहले पुलिस को सूचित किया जाना था। अगर मौके पर पुलिस गई होती तो शायद यह वारदात नहीं होती। इस लिए जिला प्रशासन इसकी भी जांच शुरू कर दी है।

आरोपी हिस्ट्रीशीटर होने के बाद कैसे बन गया बंदूक लाइसेंस और पासपोर्ट

ट्रिपल मर्डर के बाद घटना स्थल पर पुलिस कमिश्नर एसवी शिरोडकर और जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार मौके पर पहुंचे और पूछताछ की तो पता चला मुख्य आरोपी लल्लन खां थाने का हिस्ट्रीशीटर है। साथ ही लल्लन के ऊपर हत्या, बलवा तथा हत्या के प्रयास जैसे 18 मुकदमे दर्ज है। इसके बाद बाद भी उसके पास लाइसेंसी रायफल और पोसपोर्ट है। जबकि हिस्ट्रीशीटर का यह दोनों नहीं बन सकता है। अब पुलिस और प्रशासन इन बिन्दुओं की भी जांच करने में जुट गया है कि अाखिर कैसे इसका बंदूक का लाइसेंस और पासपोर्ट बन गया है। चूंकि घटना के बाद पुलिस आैर प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालियां निशान भी खड़ा हो गया है।

पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद, मात्र छह फिट जमीन के लिए की वारदात

जिस समय यह वारदात हुई, उस समय ठीक घर के सामने सीसीटीवी कैमरा लगा था। जिसमें पूरी वारदात कैमरे में कैद हो गई। इतना ही लोग डर के मारे घरों में घुसकर मोबाइल से भी पूरी वारदात की वीडियो बना रहे थे। बताया जा रहा है घटना शुक्रवार दोहर 3.40 मिनट की है। यह सब मात्र छह फिट जमीन के लिए हुआ है। सीसीटीवी कैमरे में साफ दिख रहा है कि कैसे गब्बर सिंह उन्हें धमकाता हुए गोली मार रहा है। वहीं उसका बेटा उससे रायफल छीनकर फरहीन को गोली मारता है। हमलावारों के सिर पर इस तरह खून सवार था कि किसी को जिंदा नहीं छोड़ना चाहते थे।

लाइसेंस व पासपोर्ट कैसे बना इसकी की जाएगी जांच : पुलिस कमिश्नर

पुलिस कमिश्नर एसबी शिरोडकर ने बताया कि पैमाइश जो हुई है उसे दौरान थाने को सूचना नहीं दी गई थी। विवाद जो चल रहा था वह एसडीएम कोर्ट में चल रहा है। यह पुराना लंबित विवाद था। अभी इस पूरे प्रकरण की जानकारी की जाएगी। पूछताछ के दौरान पता चला कि दोनों पक्षों में रिश्तेदारी थी। वाद विवाद जब बढ़ा तब असलहे का प्रयोग किया है। इसमें शीघ्र की इनकी गिरफ्तारी करके बहुत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर लल्लन के लाइसेंसी बंदूक के लाइसेंस बनने की बात वर्ष 2000 में निकलकर सामने आयी है। इस प्रकरण की विस्तार से जांच की आवश्यकता है। आरोपी का पासपोर्ट भी बना है। इसकी भी जांच की जाएगी। इस घटना में तीन व्यक्ति शामिल थे , जांच के दौरान पता चलेगा कितने लोग शामिल थे।

जमीन को लेकर सीधी विवाद नहीं था : जिलाधिकारी

जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने बताया कि अभी परिवार वालों के साथ वार्ता किया है। बहुत ही दुखद आपराधिक घटना है। इसमें जो अपराधी है वह हिस्ट्रीशीटर है और उसने अपने ही परिवार के लोगों की हत्या की है। इसकी जांच प्रारंभ कर दी गई है। पूछताछ के दौरान पता चला कि ये दोनों सगे भाई है। लल्लन के भाई हैं सलीम जिनकी बेटी है जिनको लल्लन और उसके बेटे ने गोली मारकर हत्या की है। इनका अापस में जमीन का विवाद नहीं है। ऐसा मृतक के परिजनों का कहना है लेकिन इनका एक संयुक्त खाता था जिस पर बंटवारे का मुकदमा हुआ है। बंटवारे को वाद पर फैसला वर्ष 2013 में आया था। उसके बाद इसकी निगरानी 2018 में की गई थी जिसकी अपील कमिश्नरी में अभी चल रही है।

इसी बीच में अभी जनवरी में एक पक्षकार उसके आदेश के खिलाफ एसडीएम को प्रार्थना पत्र दिया था। इसमें सभी पक्षों को नोटिस दी गई थी। जिसके तहत आज की तिथि निश्चित की गई थी। लेखपाल को इसकी जानकारी हुई तो वह पैमाइश करने से मना कर दिया। लेखपाल वहां से चले आये थे उनके पीछे अपराधी आये और घर पहुंचने के बाद आपसी विवाद हुआ । इसके बाद गाेली चला दी। सीधे इनका कोई जमीन का विवाद नहीं था लेकिन लल्लन को लग रहा था कि जिससे उसका विवाद था उसका सीधे तौर पर सपोर्ट कर रहे है। ऐसा यहां बताया जा रहा है। इसमें तहरीर दी गई है , ड्राइबर की गिरफ्तारी हो गई है। बाकी के गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे है। इसका लाइसेंस व पासपोर्ट कैसे बना इसकी जांच की जा रही है।

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