लखनऊ । एसटीएफएफ को हत्या, डकैती, लूट सहित कई संगीन अपराध में निरूद्ध के दौरान वर्ष-2016 में आजमगढ़ कारागार से फरार 1,00,000 रुपये का पुरस्कार घोषित अभियुक्त जितेन्द्र मुसहर मुठभेड़ के दौरान आजमगढ़ से गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई। अभियुक्त के कब्जे से एक तमंचा 315, दो खोखा कारतूस 315, एक जिंदा कारतूस 315 व तीन सौ नकदी बरामद किया है।
एसटीएफ को काफी दिनों से थी तलाश
एसटीएफ, उत्तर प्रदेश को विगत काफी समय से फरार व पुरस्कार घोषित अपराधियों के सक्रिय होकर अपराध करने एवं अन्य अपराधों में लिप्त होने की सूचनायें प्राप्त हो रहीं थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न इकाईयों व टीमों को अभिसूचना संकलन एवं कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था। जिसके अनुपालन में प्रमेश कुमार शुक्ल, पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ लखनऊ के पर्यवेक्षण में टीम गठित कर अभिसूचना संकलन की कार्रवाई की जा रही थी।
मुसहर जेल की दीवार फादकर हो गया था फरार
अभिसूचना संकलन के क्रम में उ.नि. जावेद आलम सिद्दीकी के नेतृत्व में एक टीम जनपद आजमगढ़ में मौजूद थी। इस दौरान ज्ञात हुआ कि वर्ष-2016 में जनपद कारागार आजमगढ़ में निरूद्ध बन्दी जितेन्द्र मुसहर जेल की दीवार फादकर फरार हो गया था और उसके विरूद्ध थाना सिधारी में मुकदमा पंजीकृत हुआ था।जिसमें 1,00,000 रुपये का पुरस्कार घोषित है, जो अपने साथी चन्द्रशेखर मुसहर के साथ आजमगढ़ में किसी से मिलकर बड़ी घटना को अंजाम देने वाला है।
आजमगढ़ से एसटीएफ की टीम ने दबोचा
इस सूचना पर एसटीएफ टीम थाना सिधारी पुलिस को साथ लेकर भदुली बाई पास के पास उसका इन्तजार करने लगी। कुछ समय पश्चात दो व्यक्ति पैदल आते दिखायी दिये। जिसे पुलिस टीम द्वारा रोकने का प्रयास किया गया तो दोनों व्यक्ति पुलिस टीम को देखकर भागने लगे तो उनका पीछा किया गया। जिस पर दोनों व्यक्ति पुलिस टीम पर फायरिंग करने लगे।
पुलिस द्वारा आत्मरक्षार्थ जवाबी फायरिंग की गयी, कुछ समय पश्चात फायरिंग बन्द होने के बाद बदमाशों के पास पुलिस पहुंची तो सर्विस लेन पर एक व्यक्ति घायल अवस्था में गिरा हुआ पाया गया और दूसरा व्यक्ति अन्धेरे का फायदा उठाकर भागने में कामयाब हो गया। घायल व्यक्ति के दाहिने पैर में गोली लगी थी, जिस पर उसे नजदीकी चिकित्सालय ले जाया गया जहां पर चिकित्सकों द्वारा उसका इलाज किया जा रहा है। घायल व्यक्ति ने अपना नाम जितेन्द्र मुसहर उपरोक्त बताया एवं भागे हुए व्यक्ति का नाम चन्द्रशेखर मुसहर बताया।
एक पुजारी एवं दो ग्रामीणों की कर दी थी हत्या
उल्लेखनीय है कि थाना क्षेत्र तरवां अन्तर्गत मन्दिर परिसर में सो रहे एक पुजारी एवं दो ग्रामीणों की हत्या कर डकैती की घटना हुई थी। जिसमें जितेन्द्र मुसहर आदि जेल गये थे। जेल में निरूद्ध के दौरान इनके द्वारा जेल में खाना बनाने का कार्य किया जा रहा था। इस दौरान 18 अगस्त 2016 को रक्षाबन्धन के दिन खाना बनाने के उपरान्त खाना बनाने वाले कलछुल, चादर एवं गमछे की मदद से जेल की दीवार फांदकर अपने साथी चन्द्रशेखर व प्रकाश के साथ फरार हो गया था। इसी के बाद से पुलिस और एसटीएफ लगातार इनकी तलाश करने में जुटी थी। अब जाकर शुक्रवार की रात को सफलता मिल पायी।
जितेन्द्र मुसहर ने अपने गैंग के साथ इन घटनाओं का दिया अंजाम
21 मार्च 2014 को थाना क्षेत्र जीयनपुर, कोतवाली अन्तर्गत जीवन ज्योति क्लीनिक के मालिक डा. विनोद यादव के घर डकैती की घटना के दौरान डा. विनोद यादव एवं उनकी पत्नी डा. संगीता यादव की हत्या। 25 मार्च 2014 को ग्राम सोहनी थाना क्षेत्र केराकत, जौनपुर में डकैती के दौरान गृह स्वामी अगरतु एवं उनकी पत्नी जुवरा देवी की हत्या। 21 मई 2014 को ग्राम मुलायमनगर, थाना फेफना बलिया में डकैती की घटना के दौरान एक व्यक्ति की मौके पर हत्या एवं दो महिलाएं गम्भीर रूप से घायल हो गई थी।
26 मई 2014 को थाना क्षेत्र तरवां, जनपद आजमगढ़ में ग्राम तरवाॅ कातूसिंह का पुरवा स्थित मन्दिर में डकैती के दौरान पुजारी अनिल शर्मा सहित ग्रामीण सत्यनारायण विश्वकर्मा एवं दीपक सिंह की ईट एवं धारदार हथियार से हत्या। गिरफ्तार अभियुक्त जितेन्द्र मुसहर आजमगढ़, बलिया, जौनपुर करीब आधा दर्जन मुकदमे गंभीर मामलों में दर्ज है। अभियुक्त जितेन्द्र मुसहर उपरोक्त के विरूद्ध थाना सिधारी, आजमगढ़ में मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है।