भदोही । सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है। साल में प्रत्येक महीने अमावस्या तिथि पड़ती है। माघ का पवित्र महीना चल रहा है और माघ में पड़ने वाली अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और जप तप करने का विधान है। साथ ही इस दिन दान करने का भी विशेष महत्व होता है। यह अमावस्या पितृ दोष से छुटकारा पाने और पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए बेहद खास मानी जाती है। इस दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए तर्पण, पिंडदान और दान आदि करने की परंपरा है।

ठंडी हवाओं के बाद भी आस्थावानों में बना रहा उत्साह

मौनी अमावस्या पर शुक्रवार को गंगा घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। सुबह बह रही ठंडी हवाओं के बाद भी आस्थावानों में उत्साह बना रहा। गंगा घाटों पर स्नान व दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। दर्शन पूजन कर अन्नदान किया। घाटों पर भीड़ अधिक होने से मेला जैसे नजारा रहा। मेला क्षेत्र में सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए थे।सेमराधनाथ मेले में कल्पवासियों के भजन कीर्तन की गूंज दूर-दूर तक गूंजती रही। स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर तो आस्था का यहां जमघट लगा रहा।

हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई

तंबुओं की नगरी में तब्दील हो चुके घाट पर सुबह से ही भारी संख्या में श्रद्धालु हर-हर गंगे-जय-जय गंगे की धुन रमाते रेती पर नजर आए। और पग बढ़ते हुए आगे बढ़ रहे थे।सीता समाहित स्थल सीतामढ़ी में भी हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। स्नान करने के बाद आदि शक्ति का विधि-विधान से दर्शन-पूजन किया। जनपद के गेंगराव, नेवड़िया आदि घाटों पर स्नानार्थियों की भीड़ लगी रही। स्नान करने के बाद भक्त तिल आदि का दान भी कर रहे थे। जगह-जगह दुकानें सजी रही। गृहणियां गृहस्थी के सामानों की खरीदारी करने में जुटी रही।

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