अयोध्या।”रामोत्सव” के आनंद में डूबी अयोध्या में “रामकथा पार्क” में गीत,संगीत,नृत्य के माध्यम से प्रभु श्रीराम जी की आराधना के स्वर सरयू किनारे गूंज रहे है। 28 जनवरी को सबसे पहले गुजरात से आए कलाकारों ने मिश्रित रास नृत्य के माध्यम से रामजी के बालरूप की आराधना करते हुए प्रस्तुति दी।इसके बाद उन्होंने गुजरात के पारंपरिक लोक नृत्यों की मिश्रित प्रस्तुति दी जिसके बोलो पर आनंदित दर्शक तालियों से साथ दे रहे थे।

सीता के हरण का दृश्य बेहद रहा प्रभावी

अंतरराष्ट्रीय रामलीला की श्रृंखला में “लाओस” देश से आए कलाकारों ने भगवान राम की जीवन के उस प्रसंग को प्रस्तुत किया जहां से दशानन के अधर्म का सर्वनाश आरंभ होता है। वन में मारीच का स्वर्ण मृग बनकर आना और लक्ष्मण रेखा छल से पर कराकर सीता के हरण का दृश्य बेहद प्रभावी था। जटायु से रावण का युद्ध करते समय कलाकारो का हवा में उछल कर युद्ध का रोमांचक अभिनय सभी को हतप्रभ कर गया। लाओस के कलाकारो की नृत्य नाटिका में देह संचालन और भाव भंगिमा ने लोगो को मुग्ध कर दिया।

राम का जयगान करते हुए नृत्य किया

अगली प्रस्तुति महाराष्ट्र के लोक कलाकारों की थी,जिन्होंने अपने पारंपरिक वाद्य यंत्रों जिसमे “पावरी” और ढोल शामिल थे,से राम का जयगान करते हुए नृत्य किया।इस अवसर पर ग्रामीण क्षेत्रों से आए श्रद्धालु,भक्तो के साथ संतजन उपस्थित थे।कार्यक्रमों का संचालन देश दीपक मिश्र ने किया।

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