लखनऊ। एसटीएफ यूपी को लखनऊ में सरकारी संस्था के नाम पर ऑफिस खोलकर सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा देकर भोले-भाले नवयुवकों से लाखों की ठगी करने वाले संगठित गिरोह का सरगना भानु प्रताप सिंह व उसका साथी सतेंद्र कुमार पाठक को गिरफ्तार कर लिया। इनके कब्जे से पांच मोबाइल फोन, दो कार, 100 ग्राम विकास सहकारी समिति से संबंधित आवेदन पत्र की प्रति, एक कूट रचित नाम पते पर प्रयोग किया जा रहा सिम कार्ड, पांच फर्जी व कूट रचित विभिन्न विभागों के ज्वाइनिंग लेटर, विभिन्न अभ्यर्थियों के शैक्षिण प्रमाण पत्रों की फोटो प्रति, विभिन्न सरकारी परीक्षाओं से संबंधित अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड, विभिन्न सरकारी व संविदा नौकरियों के विज्ञापन संबंधी फर्जी व कूट रचित प्रपत्र, पांच हस्ताक्षरित ब्लेंक चेक बरामद किया है। दोनों अभियुक्त को दुर्गा टावर के पास विभूतिखंड से 26 जनवरी की शाम को गिरफ्तार किया है।
नौकरी देने के नाम पर धन उगाही की एसटीएफ को मिली सूचना
एसटीएफ उत्तर प्रदेश को विगत काफी दिनों जनपद लखनऊ में भोले-भाले बेरोजगार नवयुवकों बहला फुसलाकर सरकारी नौकरी देने के नाम पर धन उगाही व फ्रॉड करने वाले गिरोहों के सम्बन्ध में सूचनाएं प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न इकाईयों व टीमों को अभिसूचना संकलन एवं कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था, जिसके क्रम में धर्मेश कुमार शाही, पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ मुख्यालय यूपी लखनऊ के पर्यवेक्षण मे अभिसूचना संकलन की कार्रवाई की जा रही थी।
नवयुवकों को दिया जा रहा था फर्जी नियुक्त पत्र
धर्मेश शाही के मुताबिक सूचना एकत्र करने के दौरान ज्ञात हुआ कि ग्राम विकास कृषि सहकारी समिति लिमिटेड लखनऊ उत्तर प्रदेश के नाम पर फर्जी तरीके से विभूतिखण्ड क्षेत्र में एक कार्यालय संचालित किया जा रहा है। जिसमे भोले-भाले नवयुकों को बुलाकर उनसे सरकारी नौकरियों में भर्ती करवाने के नाम पर पैसा वसूला जाता है तथा उन्हें फ़र्ज़ी व कूट रचित नियुक्ति पत्र दिए जाते है। यह लोग पूर्व में भी शहर में कई जगहों पर दफ्तर खोल कर भोले-भाले नवयुको से फ्रॉड की घटनाएं कर चुके है।
दुर्गा टॉवर के सामने भवन में खुला मिला दफ्तर
इस सूचना पर विश्वास कर निरीक्षक राघवेंद्र सिंह, मय उ.नि. अतुल चतुर्वेदी, उ.नि. प्रदीप सिंह,मु.आ. नीरज पाण्डेय, मु.आ. रामनिवास शुक्ला, मु.आ. राजीव कुमार, आ. बृजेश बहादुर सिंह, आ.अमित त्रिपाठी एवं आ. अमर श्रीवास्तव मय वाहन सरकारी यूपी 32 बीजी चालक अफजल की एक टीम गठित कर मुखबिर को साथ लेकर विभूति खण्ड दुर्गा टावर के पास पंहुचे। जहां दुर्गा टॉवर के सामने भवन में ग्राम विकास कृषि सहकारी समिति लिमिटेड लखनऊ(उ.प्र.) लिखा दिखाई दिया तथा नीचे एक काले रंग की हौंडा सिटी कार यूपी 32 एचएल 2496 व एक महिंद्रा एक्सयूवी 500 यूपी 32 जीजे 6002 खड़ी थी। द्वितीय तल पर जाने पर दफ्तर के बाहर ग्राम विकास कृषि सहकारी समिति लिमिटेड लखनऊ(उ०प्र०) का बोर्ड लगा था।
मौके से गिरोह का सरगना व उसका साथी गिरफ्तार
टीम के अन्दर जाने पर दो व्यक्ति बैठे थे जिनका नाम भानु प्रताप सिंह पुत्र पारस नाथ सिंह निवासी उपरोक्त व सतेंद्र कुमार पाठक निवासी उपरोक्त मिले, जिनसे ऑफिस के संबन्ध मे जानकारी की गयी तो ऑफिस को अपना बताया गया। जब हम पुलिस वालो द्वारा जब अपना परिचय दिया गया तो दोनों व्यक्ति हड़बड़ा गए। ऑफिस की तलाशी लेने पर भानु व सतेन्द्र के सामने रखी मेज पर एक अदद फाइल जिस पर जिला सेवायोजन कार्यालय पीलीभीत लिखा था तथा उ.प्र. सरकार का मोनोग्राम बना है। फाइल के अंदर फ्रॉड करने के उद्देश्य से कई फर्जी व कूट रचित दस्तावेज रखे हुए थे, जिसकी स्वीकारोक्ति दोनाें अभियुक्तों द्वारा की गयी, जिस पर इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया, जिनके पास से उपरोक्त बरामदगी की गयी।
इस प्रकार से बेरोजगारों से कर रहे थे ठगी
गिरफ्तार अभियुक्त ने पूछने पर बताया की ग्राम विकास कृषि सहकारी समिति लि. लखनऊ(उ.प्र.) हम लोगों ने फर्जी संस्था खोल रखी है। जिसका नाम हम लोगों ने सरकारी विभाग के नाम पर बना रखा है, जिससे हम लोग भोले-भाले नवयुवकों को सरकारी नौकरी देने के नाम पर यहां बुलाते है और उन्हें फर्जी विज्ञापन व अपनी हौंडा सिटी व एक्सयूवी कार, ऑफिस आदि दिखाकर प्रभाव में ले लेते हैं। भानु उपरोक्त उन्हें अपने आप को भारत सरकार में पदस्थ उच्चाधिकारी बताकर साक्षात्कार लेते हैं और नौकरी देने के नाम पर उनसे पैसा लेते है और उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र बनाकर दे देते है। इस काम मे भानु प्रताप दीक्षित पुत्र सच्चिदानन्द दीक्षित निवासी-बारा दीक्षित देवरिया व हिमांशू मुख्य रूप से हम लोगों के साथ रहते हैं।
गिरफ्तार सरगना भानु कई बार जा चुका है जेल
भानु दीक्षित पहले भी कई बार ऐसे ही मामलों में जेल जा चुका है। भानु सिंह द्वारा यह भी बताया गया की मेरा भी दिल्ली से एक ऐसा मामला चल रहा है। हम सभी लोग मिलकर एक जगह पर ऑफिस कुछ ही दिन चलाते है। लेटर पैडो पर अंकित मोबाइल नम्बर 7317510711 के बारे में बताया की यह मोबाइल नम्बर हम लोगों ने फ्रॉड करने के लिए ही फर्जी नाम पते पर लिया है।भानू प्रताप दीक्षित व हिमांशु की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं। गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ थाना विभूतिखंड लखनऊ में मुकदमा दर्ज कराया गया है।