लखनऊ । राजधानी लखनऊ में जाम की समस्या से निपटने के लिए लखनऊ पुलिस द्वारा ई-रिक्शा के लिए नया नियम बनाया है। जिसके तहत अब नया ई रिक्शा लेने पर सबसे पहले उन्हें एक फार्म भरकर जमा करना होगा। जिसमें चालक और ई-रिक्शा स्वामी का पूरा ब्यौरा भरकर संबंधित थाने में जमा करना होगा।

इसके बाद सभी ई-रिक्शा चालकों का एक डाटा तैयार किया जाएगा। इसके बाद कौन रिक्शा किस जोन में चलेगा इसके लिए एक स्टीकर जारी किया जाएगा। स्टीकर जारी करने के बाद अब कोई रिक्शा चालक दूसरे जोन में जाएगा तो फिर उसके खिलाफ ट्रैफिक पुलिस कार्रवाई करेंगी। इसलिए पूरे शहर को 16 जोन में बांटा जा रहा है। ताकि ई-रिक्शा का रूट निर्धारित किया जा सके।

आज से ई रिक्शा चालको को दिया जाएगा फार्म

एक जनवरी से सभी ई रिक्शा चालकों को एक फार्म भरने के लिए दिया जाएगा। 30 जनवरी तक समस्त फार्म भरकर जमा करना होगा। फरवरी प्रथम सप्ताह में जोन का आवंटन सुनिश्चित किया जाएगा एवं फरवरी माह में ही कलर कोड स्टीकर्स आवंटित किये जाएंगे।

स्टीकर्स पर क्यूआर कोड पड़ा होगा। जिसका स्कैन करने पर उसकी समस्त बेसिक डिटेज ज्ञात हो जाएगी। साथ ही लखनऊ वेबसाइट पर भी रिक्शा का नंबर भरकर विवरण रखा जा सकेगा। व्यवस्था लागू करने के लिए अन्य आदेश अलग से आवश्यकतानुसार जारी किये जाएंगे। उपरोक्त आदेशों का उल्लघंन करने पर मोटर वाहन अधिनियम व पुलिस अधिनियम तथा सुसंगत प्राविधानों के तहत विधिक कार्रवाई की जाएगी।

यातायात को सुगम बनाने के लिए किया जा रहा यह बदलाव


उक्त जानकारी संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था उपेंद्र कुमार अग्रवाल ने बताया कि राजधानी लखनऊ में यातायात व्यवस्था को सुचारू एवं सुगम बनाने के लिए ई-रिक्शा के संचालन को नियंत्रित किये जाने की आवश्यकता है। वर्तमान में ई-रिक्शा परमिट व्यवस्था से मुक्त है जिस कारण इनका रूट निर्धारण संभागीय परिवहन अधिकारी द्वारा नहीं किया जाता है। परन्तु धारा 31 पुलिस एक्ट के अनुसार सड़कों पर व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेदारी पुलिस की है।

इसी प्रकार मोटर वाहन अधिनियम की 1988 की धारा 115 एवं उ.प्र. मोटर वाहन नियमावली 1998 के अधिनियम 178 में भी मोटर वाहनों के संचालन को नियंत्रित किये जाने हेतु पर्याप्त अधिकार दिये गये हैं। अतः इन अधिनियमों में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए ई-रिक्शा के रूट निर्धारण के लिए नियम व्यवस्थाएं एक जनवरी 2024 से लागू की जाती है।

किसी भी ई-रिक्शा को एक जोन में ही चलना अनुमन्य होगा

समस्त जनपद को एसीपी के क्षेत्र के अनुसार 16 जोन में बांटा गया है जिसमें तीन थाने लगभग होते हैं। किसी भी ई-रिक्शा को एक जोन में ही चलना अनुमन्य होगा। जिसके लिए उन्हें एक फॉर्म निर्गत किया जा रहा है । जिसमें वो 3 जोन का विकल्प भरकर बतायेंगे। यह फॉर्म निःशुल्क उपलब्ध होगा एवं किसी भी थाने पर जमा किया जा सकेगा। फॉर्म की प्राप्ति रसीद को ई-रिक्शा पर प्रदर्शित किया जाना अनिवार्य होगा।

ई-रिक्शा के स्क्रीन पर प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा

विकल्प के आधार पर यथासंभव ई-रिक्शा को जोन आवंटित किये जायेंगे। परन्तु यदि किसी जोन में ज्यादा संख्या में आवेदक है तो वहां लॉटरी व्यवस्था अथवा अन्य कोई निर्विवादित तरीके से जोन आवंटित किया जायेगा। 16 जोन में देहात जोन में मांग कम होगी एवं शहरी जोन में मांग अधिक होगी जिसे विचार-विमर्श के अनुसार वितरण किया जायेगा।

ताकि किसी भी जोन में अधिक ई- रिक्शा न चलें।जोन आवंटन के पश्चात समस्त ई-रिक्शा को कलर कोडेड स्टीकर्स निर्गत किये जायेंगे। जिसके आधार पर पहचान होगी कि वे अपने जोन में चल रहे हैं या किसी अन्य जोन में चल रहे हैं। यह स्टीकर्स यातायात पुलिस द्वारा तैयार कराकर अपने कार्यालय या थानों के माध्यम से वितरित कराये जायेंगे। इसे ई-रिक्शा के स्क्रीन पर प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा।

भविष्य में पुलिस की साइट पर भी भर सकेंगे फार्म

संभागीय परिवहन अधिकारी को भी इस फॉर्म को उपलब्ध कराया जा रहा है। संभागीय परिवहन अधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि आरसीभ् निर्गत करने के पूर्व यह फॉर्म भरकर अवश्य जमा करा लिया गया हो। प्राप्ति रसीद पर संभागीय परिवहन अधिकारी की मुहर थाने के स्थान पर लगायी जा सकेगी।

इस फॉर्म को भरवाकर इसकी कॉपी जमा होने पर ही रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट निर्गत करेंगें। भविष्य में इसे ऑनलाइन लखनऊ पुलिस की साइट पर कर दिया जायेगा तो नये ई-रिक्शा आवेदक ये फॉर्म भर सकते हैं एवं इसका प्रिंट आउट संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय में जमा करने पर आरसी निर्गत किया जा सकेगा।

सभी ई रिक्शा चालकों व मालिक का तैयार किया जाएगा डाटा

चालकों एवं मालिकों का मोबाइल नंबर, आपराधिक इतिहास, ड्राइविंग लाइसेंस आदि की भी जानकारी का डाटाबेस तैयार किया जायेगा। जिसे भविष्य में आनलाइन किया जायेगा। फॉर्म में अंकित सूचना भरकर देना अनिवार्य होगा। ई-रिक्शा का स्वामी या चालक बदलने पर उनके द्वारा इसकी सूचना नये स्वामी व चालक के पूर्ण विवरण के साथ यातायात कार्यालय को तीन दिवस में देना अनिवार्य होगा।

जोन आवंटन के पश्चात सहायक पुलिस उपायुक्त की संस्तुति के आधार पर पुलिस उपायुक्त जोन द्वारा जोन के अंतर्गत पुनः अंतिम रूट निर्धारण किया जायेगा। एक जोन से अधिक जोन में पड़ने वाले रूट का निर्धारण संयुक्त पुलिस आयुक्त, (कानून एवं व्यवस्था) द्वारा पुलिस उपायुक्त, यातायात की संस्तुति पर किया जायेगा।

साठ हजार फॉर्म छपवाकर निःशुल्क बंटवाये जाएंगे

उपरोक्त व्यवस्था के लिए एक जनवरी 2024 से 15 जनवरी 2024 तक लगभग साठ हजार फॉर्म छपवाकर निःशुल्क बंटवाये जायेंगे एवं 30 जनवरी 2024 तक समस्त फॉर्म भरकर जमा करना होगा। फरवरी प्रथम सप्ताह में जोन का आवंटन सुनिश्चित किया जायेगा एवं फरवरी माह में ही कलर कोड स्टीकर्स आवंटित किये जायेंगे।

स्टीकर्स पर क्यूआर कोड पड़ा होगा, जिसको स्कैन करने पर उसकी समस्त बेसिक डिटेल ज्ञात हो जायेगी। साथ ही लखनऊ वेवसाइट पर भी रिक्शा का नंबर भरकर विवरण रखा जा सकेगा। व्यवस्था को लागू करने हेतु अन्य आदेश अलग से आवश्यकतानुसार निर्गत किये जायेंगे।उपरोक्त आदेश का उल्लंघन किये जाने पर मोटर वाहन अधिनियम व पुलिस अधिनियम तथाअन्य सुसंगत दाण्डिक प्राविधानो के तहत विधिपूर्ण कार्रवाई की जायेगी।

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