कन्नौज। उत्तर प्रदेश का कन्नौज जिला इत्र के लिए पूरी दुनियां में विख्यात है, लेकिन क्या आपको मालूम है कि इत्र नगरी का गट्टा भी दुनियां में कापी मशहूर है। जो सिर्फ कन्नौज में ही बनता है और कन्नौज के भक्तों ने इत्र नगरी से अयोध्या में श्रीरामलला का भोग लगाने के लिए गट्टा भी भेजा है। श्रद्धालुओं का मानना है कि जब हर जिले से श्रीराम लला के लिए कुछ न कुछ पहुंच रहा है तो कन्नौज की हर फेमस चीज जानी चाहिए। कन्नौज के इत्र के साथ-साथ गट्टा भी मशहूर है। जिससे यहां के रामभक्तों ने श्रीरामलला के भोग के लिए गट्टा भी अयोध्या भेजा है। इस गट्टा को कन्नौज की एक पारम्परिक मिठाई भी कही जाती है, जो शक्कर और देशी के साथ मिश्रित मेवा से निर्मित होता है।

जिलेभर में सिर्फ एक ही ट्रेड मार्क का गट्टा मिलता है हर जगह

आपको बताते चलें कि कन्नौज जिले में 100 साल पुराना गट्टा का भी व्यापार है, जिसमें जिलेभर में सिर्फ एक ही ट्रेड मार्क का गट्टा हर जगह मिलता है। जिसका नाम है कलावती गट्टा, यह कलावती अब इस दुनियां में नही है लेकिन इन्होंने आज से 100 साल पहले कन्नौज में इस गट्टे का निर्माण कर अपने हांथो से गट्टे के व्यापार की शुरूआत की थी, जिसको आज उनकी पीढ़ी दर पीढ़ी इसी व्यापार के साथ अपने परिवार का भरण पोषण करती चली आ रही है, परिवार की दो दुकानें और गोदाम कन्नौज शहर के बड़ा बाजार में है, जहां पर गट्टा का निर्माण करके थोक और फुटकर गट्टे की सप्लाई की जाती है, आज यह कारोबार कलावती के परिवार के अवधेश कुमार और राजीव कुमार अलग-अलग गट्टा का कारोबार कर रहे है।

21 किलो और 51 किलो गट्टा भोग के लिए भेजा

श्रद्धालुओं की मानें तो उन्होंने इत्र के साथ-साथ कन्नौज का मशहूर गट्टा भी अयोध्या में श्रीरामलला के भोग के लिए भेजा है। उनका कहना है कि गट्टा से भगवान की प्राण प्रतिष्ठा के समय भोग लगाया जायेगा। कन्नौज का गट्टा काफी फेमस है इसलिए उन्होंने श्रीरामलला के भोग के लिए यहां का गट्टा भेजा है। उन्होंने अपनी श्रद्धाभाव के अनुसार 21 किलो और 51 किलो गट्टा भोग के लिए भेजा है। कुछ फुटकर दुकानदारों ने भी अयोध्या जा रहे गट्टे में अपना गट्टा सामिल कर भेजा है। जिसकी जितनी श्रद्धा है उसके अनुसार भोग के लिए कन्नौज के गट्टा व्यापारियों ने श्रीरामलला के भोग के लिए गट्टा की मिठाई को भेजा है।

कन्नौज के इस स्पेशल पारम्परिक मिठाई गट्टा से लगेगा भोग

अभिषेक ने बताया कि यह रामजी के भोग के लिए भेजा गया है, जैसे हर एक जिले से अलग-अलग प्रकार की सामग्री जा रही है, तो कन्नौज से इत्र जा रहा है तो हमने सोंचा गट्टा का भी भोग लगना चाहिए। तो सभी भक्तजन है जिसने जो अपनी श्रद्धा के अनुसार जो प्रसिद्ध या स्पेशल है वह वहां पर भेजी जा रही है तो हमने भी जैसे इत्र जा रहा है तो अपने यहां का स्वाद भी जाना चाहिए जो प्रभु को भी भोग लगे। इसलिए हम लोगों ने भी गट्टे भेजे है। गट्टा जो सबसे बढ़िया बनता है हमारे यहां का, सबसे अच्छी क्वालिटी का जिसमें, देशी घी, दूध, चॉकलेट, इलायची, केवड़ा, बादाम, अखरोट बगैरह से बनता है। नम्बर एक क्वालिटी का बना है उसको भोग के लिए हम लोगों ने भेजा है।

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