भदोही। प्रतिभा और कबिलियत के बल पर किस तरह से लोग अपनी छाप छोड़ते है। इसका नजारा भदोही के जिला मुख्यालय पर देखने को मिला। जहां सात वर्ष बालिका वाराणसी से चलकर भदोही के जिलाधिकारी गौरांग राठी से मुलाकात की। इस दौरान जिलाधिकारी गौरांग राठी ने भी बालिका दृष्टि मिश्रा के द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की और भविष्य में आगे बढ़ने की बधाई व शुभकामनाएं दी। वाराणसी के मिर्जामुदार क्षेत्र के बहेड़वा गांव की निवासी सात वर्षीय बालिका दृष्टि मिश्रा कक्षा दो की छात्रा है। दृष्टि के पिता किसान और माता गृहिणी हैं। दृष्टि अपने समाज सेवा से एक अलग छाप छोड़ी है।

इंटरनेशनल-इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है नाम

दृष्टि मिश्रा को इंटरनेशनल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड और इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड सबसे कम क्रम उम की समाज सेविका के रूप में सम्मान मिला। जो रिकाॅर्ड में दर्ज है। दृष्टि मिश्रा दिल्ली और पंजाब से भी अवार्ड लेकर सम्मानित हो चुकी है। कक्षा 2 की छात्रा दृष्टि मिश्रा 12 वीं छात्रा को पढ़ाती है। अपने घर पर 40 बच्चों को निःशुल्क पढ़ाती है। वह सरकार की तरफ से संचालित तमाम योजनाओं के बारे में लोगों को जागरूक करती है। दृष्टि मिश्रा को विश्व के सभी देशों का नाम राजधानी और मुद्रा का नाम याद है तथा विश्व के सभी देशों का झंडा भी पहचान लेती है। दृष्टि के पास सरकार की सभी योजनाओं की जानकारी है। एक विषय पर वह कम से कम आधा घंटा बोल भी सकती है।

जिलाधिकारी के बारे में लोग की राय बताकर किया हतप्रभ

भदोही जिलाधिकारी से मिलने के बाद दृष्टि मिश्रा ने भदोही जनपद में जिलाधिकारी के बारे में लोगों की राय, सभी योजनाओं,का सही क्रियान्वयन तथा जिलाधिकारी गौरांग राठी के बारे में विस्तार से बताया। यह सब सुनकर जिलाधिकारी समेत मौजूद सभी हतप्रभ हो ग‌ए। दृष्टि मिश्रा जिलाधिकारी ने उपहार देकर सम्मानित भी किया। जिलाधिकारी गौरांग राठी ने कहा कि दृष्टि की प्रतिभा बेहद ही सराहनीय है। इसके पूर्व दृष्टि मिश्रा ने गोपीगंज में स्थित भारत भारती इंटरमीडिएट कालेज पूरेरामगुलाम में छात्राओं को महिला सशक्तिकरण और शिक्षा के बारे में विस्तार से बताया।

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