लखनऊ । एसटीएफ यूपी को संगठित गिरोह द्वारा कूटरचित फर्जी शेल कम्पनियां बनाकर उनके कूटरचित फर्जी ई-वे बिल तैयार कर लगभग 100 करोड़ रूपये से अधिक के राजस्व की भारी क्षति करने वाले माफिया अतीक अहमद के रिश्तेदार कमर अहमद काजमी को गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई। इनके कब्जे से एक मोबाइल फोन, एक मर्सडीज कार और 3150 रुपये नकद बरामद किया है।

एसटीएफ को काफी दिनों से मिल रही थी सूचना

विगत काफी दिनों से सूचना प्राप्त हो रही थी कि संगठित गिरोह द्वारा कूटरचित फर्जी शेल कम्पनियां बनाकर उनके कूटरचित फर्जी ई-वे बिल तैयार कर उसके माध्यम से राज्य सरकार को राजस्व की भारी क्षति पहुंचाकर अनुचित लाभ व धनोपार्जन किये जाने की सूचनायें प्राप्त हो रही थी, इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न इकाईयों टीमों को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। उक्त निर्देश के क्रम में लाल प्रताप सिंह, पुलिस उपाधीक्षक के पर्यवेक्षण में अभिसूचना संकलन की कार्यवाही की जा रही थी।

मुखबिर की सूचना पर मेरठ से किया गिरफ्तार

अभिसूचना संकलन के क्रम में 21 दिसंबर को निरीक्षक आदित्य कुमार सिंह, मुख्य आरक्षीगण विनोद कुमार सिंह, रणधीर सिंह, प्रशान्त सिंह की टीम मेरठ में मौजूद थी। टीम द्वारा अभिसूचनाओं का धरातलीय स्तर पर सत्यापन किया जा रहा था, इस दौरान मुखबिर खास की सूचना पर फर्जी शेल कम्पनियों बनाकर कूटरचित फर्जी ई-वे बिल तैयार कर उसके माध्यम से राजस्व की भारी क्षति कर अनुचित लाभ लेकर धनोपार्जन करने वाले पैरागॉन एल्यूमिनियम एलएलपी के मालिक कमर अहमद काजमी निवासी 237 वेस्ट एंड रोड निकट मेरठ पब्लिक स्कूल मेरठ कैंट जनपद मेरठ को गिरफ्तार किया गया।

सप्लाई करने के बजाय केवल फर्जी बिलों का करते थे आदान प्रदान

विस्तृत पूछताछ पर गिरफ्तार अभियुक्त कमर अहमद काजमी उपरोक्त ने बताया कि मेरी फर्मपैरागॉन एल्यूमिनियम एलएलपी, साहिबाबाद, गाजियाबाद में है। जिसमें दलजीत सिंह पुत्र सरदार सत्यपाल सिंह निवासी 885, आर ब्लाक, न्यू राजेन्द्र नगर दिल्ली और ऋषि आनंद पुत्र आर०के० आनंद निवासी डी-26, कीर्ति नगर, दिल्ली पार्टनर हैं। मेरी और भी फर्म पैरागॉन इंडस्ट्री लिमिटेड रुड़की हरिद्वार, माइको ग्लास इंडस्ट्री गुड़गांव, गुडएक्स ग्लास मेरठ और होटल ब्राडवे इन है, जिनमें दलजीत सिंह पार्टनर है।

पैरागॉन एल्यूमिनियम एलएलपी फर्म में एल्यूमिनियम स्क्रैप से एल्यूमिनियम सेक्शन का निर्माण किया जाता है। हम लोगों द्वारा अपने निजी लाभ के लिये वोगस फर्मों से सप्लाई अपनी फर्मों में दिखायी जाती है परन्तु वास्तविक रूप में सप्लाई न होकर केवल कूटरचित बिलों का आदान-प्रदान किया जाता है।

कई सालों से चल रहा था यह खेल

सप्लाई के कूटरचित ई-वे बिल बनाकर वाहनों का फर्जी परिवहन दिखाया जाता है। इन बिलों के माध्यम से बने राजस्व धनराशि का गबन कर लिया जाता है। विगत कई वर्षों से हम लोग संगठित रूप से इसी तरह से सैकड़ों करोड़ रूपये के राजस्व की हानि कर धनोपार्जन कर चुके है।इस सम्बन्ध में डीसी (एसआईबी) रेन्ज-बी राज्य कर विभाग गाजियाबाद से पूर्व में सम्पर्क कर जानकारी की गयी ।

उनके द्वारा अपने विभागीय पोर्टल से आन लाइन दस्तावेज देते हुए बताया गया कि फर्म पैरागान एल्यूमिनियम एलएलपी द्वारा मात्र एक प्रतिशत ही कर जमा किया जा रहा है तथा इस फर्म द्वारा जिन फर्मों से सप्लाई दिखाई गयी है वह वास्तविक सप्लाई न होकर केवल कूटरचित बिलों का आदान-प्रदान है तथा जिन वाहनों के माध्यम से ई-वे बिल में परिवहन दिखाया गया है उन वाहनों के परिवहन का कोई डाटा किसी टोल से नहीं मिल रहा है।

मेरठ में दर्ज किया जा रहा मुकदमा

पूछताछ के दौरान अभियुक्त द्वारा यह भी बताया कि वह माफिया अतीक अहमद के बहनोई डा. अखलाक का रिश्तेदार भी है, जो वर्तमान में जेल में निरूद्ध है।गिरफ्तार अभियुक्त को थाना सिविल लाइन्स, जनपद मेरठ में मु0अ0सं0-394/2023 धारा-419/420/467/468/471/120बी भादवि में दाखिल किया जा रहा है। अग्रिम विधिक कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जायेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *