सीतापुर। परिवार नियोजन के लिए पुरुष नसबंदी सबसे बेहतर विकल्प है। परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत पुरुष नसबंदी पखवारा (एनएसवी पखवारा) का आयोजन दो चरणों में 21 नवम्बर से चार दिसम्बर के मध्य किया जाएगा। इस दौरान प्रजनन स्वास्थ्य को देखते हुए पुरुष नसबंदी के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। यह अभियान “स्वस्थ मां, स्वस्थ बच्चा, जब पति का हो परिवार नियोजन में योगदान अच्छा” थीम पर दो चरणों में चलेगा।

इस तिथि से चलाया जाएगा अभियान

प्रथम चरण में मोबिलाइजेशन फेज 21 नवंबर से 27 नवंबर तक द्वितीय चरण में सेवा प्रदायगी फेज 28 नवंबर से 4 दिसंबर तक पुरुषों की भागीदारी से संबंधित गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।सीएमओ डॉ. हरपाल सिंह ने बताया कि प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए पुरुषों की सहभागिता अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रजनन स्वास्थ्य के दृष्टिगत पुरुष नसबंदी बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह एक मामूली शल्य प्रक्रिया है और महिला नसबंदी की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक सुरक्षित है।

बस दस मिनट में हो जाती है पुरुष की नसबंदी

पुरुष नसबंदी के लिए न्यूनतम संसाधनों एवं बुनियादी ढांचे की आवश्यकता होती है। उन्होंने बताया कि एनएसवी विधि के द्वारा किए जाने वाली पुरुष नसबंदी में न तो चीरा लगता है, न टांका लगता है और न ही पुरुष की पौरुष क्षमता में कमी या कमजोरी होती है। यह सरल ऑपरेशन मात्र 10 मिनट में हो जाता है। ऑपरेशन के एक घंटे बाद आदमी घर जा सकता है और 72 घंटे बाद व्यक्ति अपना रोजमर्रा का कामकाज आम दिनों की तरह कर सकता है। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन के लिए पुुरुषों को ही आगे आना चाहिए, क्योंकि पुरुषों की शारीरिक संरचना महिलाओं की अपेक्षा अधिक सरल होती है।

पखवारे में होंगी यह गतिविधियां

परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि मोबाइलजेशन फेज में एएनएम और आशा द्वारा पुरुष गर्भनिरोधक साधनों के प्रयोग के लिए इच्छुक दंपत्तियों की पहचान होगी। पुरुष नसबंदी के स्वीकारकर्ताओं की पहचान करते हुए उनके कार्यकाल और सहकर्मियों के मध्य पारस्परिक सहयोग एवं समझ का उपयोग करते हुए परिवार नियोजन में पुरुषों की भागेदारी के संबंध में जागरूकता संबंधी गतिविधियां होंगी । अभियान के दौरान पोस्टर, बैनर, पेटिंग के माध्यम से जागरूक किया जाएगा।

मिलती है प्रोत्साहन राशि, जानिये कितना

परिवार नियोजन कार्यक्रम के जिला प्रबंधक जावेद खान ने बताया कि पुरुष नसबंदी करवाने वाले व्यक्ति की उम्र 60 साल से कम होनी चाहिए। व्यक्ति शादीशुदा होना चाहिए और एक बच्चा होना जरूरी है। महिलाओं की तुलना में पुरुषों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि भी अधिक रखी गई है। नसबंदी करवाने पर पुरुष लाभार्थी को 3,000 रुपया मिलता है वहीं प्रेरक को प्रति लाभार्थी 400 रुपया मिलता है। वहीं महिला लाभार्थी को 2,000 रुपया और प्रेरक को 300 रुपया की प्रोत्साहन राशि मिलती है।

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