फर्रुखाबाद । बुराइयों से दूर अच्छाइयों के साथ समान भाव की प्रेरणा देने वाला विजयदशमी पर्व पूरे उत्साह के साथ मनाया गया । लंका पर विजय के लिए प्रस्थान करने के बाद युद्ध से जब राक्षसी प्रवृत्ति का अंत हो रहा था और बाद में रावण बचा था । वह अपने परिवार के प्रतिशोध का भाव मन में लेकर रावण भगवान श्री राम से युद्ध करने के लिए आ गया ।
जहां युद्ध के बाद भगवान राम के बाणों से उसका भी अंत हो गया। रावण की मृत्यु होते ही दसों दिशाओं में भगवान श्री राम के जय घोष के नारे गूंजने लगे । इसलिए आज भी मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के भक्त रामलीला का आयोजन करते हैं । रावण वध की लीला देखने के लिए नगर तथा ग्रामीण क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग रामलीला मैदान पर पहुंचे ।
दशकों में पुरुषों एवं महिलाओं तथा बच्चों की काफी भीड़ रही
ऐसा ही दृश्य आज भी दिखाई दे रहा है । नगर के क्रिश्चियन इंटर कॉलेज खेल मैदान पर राम रावण युद्ध की लीला खोली गई जिसका दर्शकों ने लुफ्त उठाया l रामलीला ग्राउंड पर धीरे-धीरे दर्शकों की भीड़ बढ़ती जा रही है । दशकों में पुरुषों एवं महिलाओं तथा बच्चों की काफी भीड़ रही । रामलीला मैदान के एक सिरे पर लंकाधिपति रावण उसके भाई कुंभकरण और रावण पुत्र मेघनाथ के विशालकाय पुतले बनाए गए थे । आग लगते ही जय श्री राम के नारे जोर-जोर से दर्शक लगाने लगे ।
राम – रावण युद्ध का मनोहारी मंचन किया गया। रामलीला कमेटी के आयोजक सदस्य गण व्यवस्था में लगे रहे । भगवान श्री राम और लंकाधिपति रावण युद्ध में ,रावण की पराजय जन सामान्य को हमेशा से यही संदेश दे ती है कि असत्य पर सत्य की बुराई पर अच्छाई की विजय हुई । उधर सुरक्षा तथा शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस पर मीरा परिषद में भारी पुलिस मेला परिसर में मौजूद रहा ।