लखनऊ । योगी कैबिनेट ने तीन वर्ष से छह वर्ष आयु तक के बच्चों के लिए आईसीडीएस के अन्तर्गत हॉट कुक्ड मील योजना को प्रदेश के आंगनबाड़ी के केन्द्रों में संचालित किए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। मंत्रिपरिषद ने भविष्य में योजना के दिशा-निर्देशों में किसी प्रकार के परिवर्तन के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है।ज्ञातव्य है कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में गरम पका भोजन देने के लिए 03 दिसम्बर, 2018 को सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक के निर्णय के क्रम में शासनादेश द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश निर्गत किए गए थे। व्यावहारिक कठिनाइयों के कारण इस शासनादेश में संशोधन आवश्यक है। इस सम्बन्ध में निदेशक बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार द्वारा संशोधन के लिए प्रस्ताव उपलब्ध कराया गया। अतः आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों के पर्याप्त पोषण हेतु गरम पका भोजन दिए जाने की सुदृढ़ व्यवस्था किया जाना प्रस्तावित किया जा रहा है।

बच्चों को पका भोजन दिये जाने का निर्देश

भारत सरकार के नवीनतम शासनादेश संख्या – 11/4/2021-सीडी-आई (ई-95706) एक अगस्त, 2022 द्वारा ‘सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0’ के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश निर्गत किये गये हैं, जिसमें आंगनबाड़ी केन्द्र पर आने वाले तीन वर्ष से पांच वर्ष तक के आयु के बच्चों को गर्म पका भोजन दिये जाने के निर्देश हैं। इस योजना में भारत सरकार व राज्य सरकार की सहभागिता 50:50 प्रतिशत निर्धारित है। भारत सरकार द्वारा 03 से 06 वर्ष की आयु के बच्चों को अनुपूरक पोषाहार प्रदान किये जाने के लिए 8 रुपये प्रति लाभार्थी प्रतिदिन (माह में 25 दिन) अनुमन्य है। इस धनराशि में से 3.50 रुपये प्रति लाभार्थी मॉर्निंग स्नैक्स के रूप में तथा शेष 4.50 रुपये प्रति लाभार्थी हॉट कुक्ड मील योजना व्यय किया जाना है।

आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या लगभग एक लाख 21 हजार 866

मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित योजना के तहत को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा नॉन को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए भिन्न व्यवस्था बनायी गई है। को-लोकेटेड आंगनबाड़ी, ऐसे आंगनबाड़ी केन्द्र हैं, जो ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रांगण में अथवा प्राथमिक विद्यालयों से 200 मीटर की दूरी पर स्थित हैं। इन आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या लगभग एक लाख 21 हजार 866 है। नॉन लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्र, ऐसे आंगनबाड़ी केन्द्र हैं, जो प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में संचालित नहीं हो रहे हैं। ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में इन आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या लगभग 67,148 हैं।

प्राथमिक विद्यालय में तैयार होगा हॉट कुक्ड मील

को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों के लिए हॉट कुक्ड फूड तैयार किए जाने के लिए प्राथमिक विद्यालयों पर पीएम पोषण योजना के लिए उपलब्ध संसाधन (आवश्यक बर्तन व अन्य सुविधाएं) का साझा उपयोग किया जाना प्रस्तावित है। गर्म पका भोजन की रेसिपी पीएम पोषण (एमडीएम) योजना की भांति रहेगी। इन आंगनबाड़ी केन्द्रों को समीपस्थ प्राथमिक विद्यालय से सम्बद्ध करते हुए विद्यालय में ही हॉट कुक्ड मील तैयार किया जाएगा। इन प्राथमिक विद्यालयों से भोजन को सुरक्षित रूप से तैयार करवाकर आंगनबाड़ी केन्द्र तक पहुंचाने और बच्चों को वितरित व परोसने का दायित्व आंगनबाड़ी सहायिका का होगा। को-लेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों पर भोजन परोसने तथा बच्चों के खाना खाने (प्लेट, कटोरी, ग्लास, चम्मच आदि) बर्तनों की अनुपलब्धता की स्थिति में सम्बन्धित ग्राम सभा,नगर पंचायत,नगर पालिका परिषद,नगर निगम को-लेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों में आवश्यक बर्तनों की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।

भोजन तैयार करने व परोसने की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी पर

नॉन को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों के लिए भोजन तैयार करने व परोसने का उत्तरदायित्व आंगनबाड़ी सहायिका का होगा। नॉन को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों में भोजन पकाने हेतु गैस चूल्हा, सिलेण्डर, रेगुलेटर इत्यादि बर्तन की प्रारम्भिक व्यवस्था ग्राम पंचायतों के पास उपलब्ध केन्द्रीय वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग, ग्राम सभा निधि, ओएसआरअथवा अन्य वित्तीय स्रोत, जो ग्राम पंचायत के पास उपलब्ध हो, से तथा नगरीय क्षेत्रों में सम्बन्धित नगर पंचायत/नगर पालिका परिषद/नगर निगम के पास उपलब्ध वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग एवं निकाय निधि में अथवा अन्य वित्तीय स्रोतों से की जानी प्रस्तावित है। योजना का अनुश्रवण राज्य व जनपद स्तरीय टास्क फोर्स गठित कर किया जाएगा।

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