लखनऊ । यूपी एसटीएफ को थाना चिरैयाकोट जनपद मऊ से वांछित अभियुक्त दीपक सिंह उर्फ नाटे को जनपद उज्जैन से जय महाकाल होटल के सामने से गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई। इसके खिलाफ मऊ, आजमगढ़ और गोरखपुर में करीब 29 मुकदमे गंभीर धाराओं में दर्ज है। नाटे को पकड़ने के लिए एक लाख का ईनाम भी रखा गया था। यह कई साल से फरार चल रहा था। इसीलिए इसे पकड़ने के लिए एसटीएफ को लगाया गया था अब जाकर पकड़ा गया।

जय महाकाल होटल के पास से एसटीएफ ने किया गिरफ्तार

एसटीएफ, उत्तर प्रदेश को विगत काफी दिनों से फरार व पुरस्कार घोषित अपराधियों के सक्रिय होकर अपराध करने एवं अन्य अपराधों में लिप्त होने की सूचनायें प्राप्त हो रहीं थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न इकाईयों व टीमें उसकी तलाश में जुटी थी। इसी क्रम में मुखबिर के माध्यम से ज्ञात हुआ वांछित अभियुक्त दीपक सिंह उर्फ नाटे जय महाकाल होटल के पास माैजूद है। यदि जल्दी की जाये तो पकड़ा जा सकता है। इस पर उ.नि. पवन कुमार सिंह, मु.आरक्षी रमाशंकर चौधरी, मु.आरक्षी शैलेन्द्र उपाध्याय, मु.आरक्षी सुनील मिश्रा एवं आरक्षी सुधीर कुमार एसटीएफ यूपी की एक टीम जो जनपद उज्जैन में अभिसूचना संकलन के लिए मामूर थी, द्वारा तत्काल प्रतिक्रिया करते हुए मुखबिर को साथ लेकर उसके बताये हुए स्थान पर पहुंच कर, मुखबिर की निशानदेही पर अभियुक्त उपरोक्त को गिरफ्तार कर लिया गया।

2015 में पुलिस मुठभेड़ में पुलिस पर फायर करके हो गया था फरार

गिरफ्तार अभियुक्त ने पूछताछ में बताया कि 14 मार्च 2015 को उसके द्वारा सुपारी लेकर रवि मौर्या पुत्र रामजनम मौर्या व संजीत सिंह पुत्र स्व. वंशबहादुर निवासी अल्देमऊ, थाना चिरैयाकोट, जनपद मऊ को सिरसा के पास गोली मारी थी । जिसमें रवि मौर्या की मृत्यु हो गयी थी तथा संजीत सिंह घायल हो गये थे। इस घटना में उसके साथ गैंग के अन्य सदस्य भी थे। उसने अपने गैंग के साथ इस प्रकार की बहुत सी घटनाओं को अंजाम दिया गया है। वर्ष 2015 को पुलिस मुडभेड़ में उसने पुलिस पर फायर किया था तथा उसके बाद फरार हो गया था।

अपराध के क्षेत्र में बड़ा नाम कमाना चाहता था दीपक

पूछताछ में बताया कि उसने अपने मित्र पीयूष सिंह पुत्र बेचन सिंह तथा धन्नजय सिंह उर्फ पण्डया पुत्र स्व. शिवशंकर सिंह निवासीगण मिरजापुर थाना रानीपुर मऊ के साथ मिलकर सूर्यनाथ गुप्ता थाना चिरैयाकोट, जो गल्ले का व्यापारी था, जिससे हम लोगों ने पांच लाख की फिरौती की मांग की थी । परन्तु सूर्यनाथ गुप्ता द्वारा फिरौती की रकम न देने के कारण हम लोगों ने उसकी भी हत्या कर दी थी। इसके अतिरिक्त हम लोगों द्वारा लूट, डकैती, हत्या जैसी कई घटनाओं को अंजाम दिया गया। वह अपराध के क्षेत्र में बड़ा नाम कमाना चाहता था। परन्तु उसके गैंग के लालू यादव व धमेन्द्र का एनकाउन्टर हो जाने के पश्चात वह डर गया और सूरत में लुक छिपकर रहने लगा। गिरफ्तार अभियुक्त के खिलाफ थाना चिरैयापुर, जनपद मऊ को सौंप दिया गया है।

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