मुजफ्फरनगर। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर में जगह खुल रहे फर्जी अस्पतालों की भारमार से युवक की गई जान।मृतक युवक के परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर लगाया जाम। परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टर पर पथरी का गलत ऑपरेशन करने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों व परिजनों को समझने में जुटी लगभग 2 से 3 घण्टे बीत जाने के बाद भी ग्रामीणों को कोई आश्वासन नहीं मिला। जिसके चलते ग्रामीणों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सड़क पर शव को रखकर लगाया जाम। वही मौके पर एसपी सिटी सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे।

पेट में पित्त की थैली में पथरी बताकर कर डाला ऑपरेशन

दरअसल मामला जनपद मुजफ्फरनगर के शामली बस अड्डे पर स्थित हिमालय मेडिकेयर,अल्ट्रासाउंड सेंटर का है जहां पर लक़ड़ संघा निवासी अंकुर उम्र लगभग 28 वर्ष 2 सितंबर को अस्पताल में भर्ती हुआ था । जहां पर डॉक्टरों ने उसके पेट में पित्त की थैली में पथरी बताते हुए उसका ऑपरेशन कर डाला। जब मामला डॉक्टर के हाथ निकलता गया तो डॉक्टर ने अस्पताल में भर्ती हुए युवक को डेंगू का मरीज बताते हुए 5 दिन बाद उसको मेरठ के ग्रीन हॉस्पिटल में भेज दिया। वही पीड़ित परिजनों की माने तो मेरठ के डॉक्टरों ने बताया कि उनके तो पेट में पथरी निकल नहीं बल्कि पथरी की जगह उनकी आंते ही काट डाली।

परिजनों ने शव रखकर लगाया जाम

वही दर्द के मारे तड़प रहे युवक की मौत हो गई वही गुस्साएं परिजन व ग्रामीणों ने शामली बस स्टैंड पर अंकुर के शव को रखकर जाम लगा दिया। जब इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को लगी तो कोतवाली पुलिस भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए और ग्रामीणों को समझने में जुड़ गए जिसके चलते पीड़ित मृतक के परिजन मुहावजे की मांग पर अड़े रहे। वहीं एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापति वह एडीएम (ई) नरेंद्र बहादुर भी मौके पर पहुंच गए वही एडीएम ने मृतक के परिजनों की बात सुनकर अस्पताल पर कार्रवाई हेतु तीन टीमें गठित की ओर जांच के बाद जो भी सत्यता पाई जाएगी कार्रवाई की जाएगी वहीं इसी आश्वासन पर लगभग 3 घंटे से बैठे ग्रामीण व परिजनों ने धरना समाप्त कर दिया ।

डेंगू की बीमारी बताकर परिजनों ने झाड़ लिया पल्ला

मृतक अंकुर की पत्नी का कहना है कि 2 सितंबर को मेरे पति के पेट में दर्द हुआ और हमने उनको अस्पताल में भर्ती कराया जहां पर डॉक्टरों ने कहा हमारे यहां पर पथरी का इलाज बड़े ही अच्छे तरीके से होता है वहीं डॉक्टरों ने इलाज के दौरान 5 दिन तक मेरे पति को अस्पताल में भर्ती कर रखा था जब मेरे पति की तबीयत खराब हुई तो अस्पताल के डॉक्टरों ने पल्ला झाड़ने हुए डेंगू की बीमारी बताते हुए मेरठ के एक अस्पताल का नाम बताकर वहां पर भर्ती कराया जहां पर उपचार के दौरान अंकुर की मृत्यु हो गई और हम मृतक के शव को लेकर अस्पताल पर आ गए। हमें अस्पताल के खिलाफ करवाई चाहिए और मुझे इंसाफ चाहिए।

ग्रामीणों को समझा-बुझाकर खुलवाया जाम

वही एडीएम (ई) नरेंद्र बहादुर ने बताया है कि मृतक के परिजनों ने उपचार के दौरान डॉक्टरों की लापरवाही के चलते मृतक के शव को सड़क पर रखकर जाम लगा रखा था हम मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझा बूझकर जाम खुलवाया। जिसमें एडीएम ने बताया है कि मृतक युवक की जांच के लिए तीन टीमें गठित की जाएगी। जिसमें मुजफ्फरनगर सीएमओ व मजिस्ट्रेट व एक पुलिस का अधिकारी होगा जो भी सत्यता पाई जाएगी उसे खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और जो परिजनों द्वारा मुआवजे की मांग कर रखी थी वहीं शासन को इसकी रिपोर्ट भेज दी जाएगी और पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिया जाएगा।

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