लखनऊ । यूपी एसटीएफ ने इंटरनेट और फर्जी कॉल सेन्टर के माध्यम से नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले चार लोगों को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से गिरफ्तार किया है। अभियुक्तों से पूछताछ करने पर पता चला कि यह लोगों बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के नाम पर आॅफिस बुलाते थे। जहां फर्जी तरीके से दस्तावेज मिलाने के साथ साक्षात्कार तक अरेंज कराते थे। जिसके बाद ज्वाइनिंग लेटर के नाम पर बीस हजार से एक लाख रुपये तक की धनराशि लेते थे। यह सारा खेल कई साल से चल रहा था और गाजीपुर पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। अब जाकर एसटीएफ ने इस गिरोह का भंडाफोड़ किया।
नौकरी के नाम पर धन उगाही की मिल रही थी सूचना
गिरफ्तार अभियुक्तों का नाम राजन श्रीवास्तव पुत्र स्व. प्रकाश लाल श्रीवास्तव निवासी बिसन्दरपुर जिला मीरजापुर ,राकेश शर्मा पुत्र राम कृष्ण शर्मा, निवासी बनगांव जिला गोरखपुर, सुरेन्द्र प्रताप सिंह पुत्र महेन्द्र प्रताप सिंह, निवासी ग्राम आचीतपुर जिला प्रतापगढ़ ,सुमेन्द्र तिवारी पुत्र स्व. जितेन्द्र तिवारी, निवासी ग्राम बेहता बुजुर्ग जिला हरदोई है। ये चारों अभियुक्त ओम प्लाजा सेक्टर 19 इंदिरानगर लखनऊ में रहते थे। एसटीएफ ने इनके कब्जे से तीन लैपटाप, 70 मोबाइल फोन, 97 कार्ड विभिन्न कंपनियों के, डाटा सीट कुल 141 वर्क, सीवी 42 वर्क, चेकबुक 13, पासबुक एक, एटीएफ कार्ड नौ, एटीएम स्वैपिंग मशीन एक बरामद किया है।
नौकरी का झांसा देकर करते थे ठगी
एसटीएफ लखनऊ को काफी दिनों से फर्जी कॉल सेन्टर के माध्यम से बेरोजगार शिक्षित नवयुवकों से नौकरी के नाम पर धनउगाही करने वाले संगठित गिरोह के सम्बन्ध में सूचना प्राप्त हो रही थी। इसी क्रम में धर्मेश कुमार शाही, पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ मंगलवार को मुखबिर के माध्यम से ज्ञात हुआ कि विगत तीन वर्षो से लगातार फर्जी कॉल सेन्टर के माध्यम से बेरोजगार शिक्षित नव युवकों से नौकरी के नाम पर धनउगाही करने वाले संगठित गिरोह ओम प्लाजा इन्दिरानगर सेक्टर19 में कॉल सेन्टर खोल कर बेरोजगार नवयुवकों को गुमराह कर धनउगाही कर रहे है।
तीन साल फर्जी नौकरी देने का चल रहा था खेल
इस सूचना पर निरीक्षक राघवेन्द्र सिंह टीम के साथ मुखबिर के बताये हुए स्थान पर पहुंचकर आवश्यक घेराबन्दी करते हुए उपरोक्त अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। जिनके पास से उपरोक्त बरामदगी हुई। गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि हम सभी की मुलाकत नोएडा में नौकरी करने के दौरान हुई थी जिसके पश्चात विगत तीन वर्षो से हम लोग एक साथ फर्जी व कूटरचित नाम पतों पर प्री एक्टिवेटेड मोबाइल सिम कार्ड भारी मात्रा में खरीदते है व इन्टरनेट पर शिक्षित बेरोजगार नवयुवकों का डाटा डाउनलोड कर उन्हे फोन कॉल करके फर्जी नौकरियों के नाम पर धन उगाही करते है। गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ गाजीपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।