सुल्तानपुर । जिले शनिवार को हुई डॉक्टर घनश्याम तिवारी की निर्मम हत्या के मामले में जिला प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। हाल ये रहा कि हत्या का मुख्य आरोपी अजय नारायण और उनके परिवार वालों द्वारा किए गए अवैध कब्जों पर प्रशासन का बुलडोजर चलने लगा है। इसी कड़ी में अवैध जमीन पर बना भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यालय और अजय नारायण एक अवैध निर्माण पर बुलडोजर चला कर उसे धराशाही कर दिया गया। वहीं नगर कोतवाल को सस्पेंड कर दिया गया है।

जबरदस्ती कब्जा करके बनाया था भाजयुमो का कार्यालय

बताते चलें की मुख्य आरोपी अजय नारायण सिंह के चचेरे भाई भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष हैं और उन्होंने अवैध तरीके से नगर कोतवाली के नरायनपुर में जमीन कब्जा कर भाजयुमो कार्यालय का निर्माण करवाया था। लिहाजा जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम की अगुवाई में सैकड़ों पुलिस कर्मी जेसीबी लेकर पहुंचे और उसे गिरवा दिया। इसके अलावा अजय नारायण के अवैध निर्माण को भी एक अवैध निर्माण पर जेसीबी चलाकर गिरवा दिया गया। इसके साथ अन्य स्थानों पर हुए निर्माण कार्यों की जांच पड़ताल की जा रही है।

कार्रवाई होने पर परिवार ने किया अंतिम संस्कार

कोतवाली क्षेत्र लंभुआ के सखौली कला निवासी डॉ. घनश्याम तिवारी की शनिवार को हत्या कर दी गई थी। रविवार को शव मिलने के बाद परिजनों ने अपनी मांगों को लेकर अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया था। देर रात तक मान-मनौवल चलता रहा।

अंत में परिवार की सुरक्षा व शस्त्र लाइसेंस, जमीन पर तत्काल कब्जा, पत्नी को नौकरी, एक करोड़ मुआवजा, अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी तथा बुलडोजर की कार्रवाई की मांग लिखित में स्वीकार लिए जाने पर परिजन अंतिम संस्कार को राजी हो गए।छह सूत्री मांगपत्र पर जयसिंहपुर विधायक राजबाबू उपाध्याय, विधायक सीताराम वर्मा, पूर्व विधायक देवमणि द्विवेदी व जिलाध्यक्ष डॉ. आरए वर्मा ने भी हस्ताक्षर किए। इसके बाद डीएम का हस्ताक्षर होने के बाद सोमवार सुबह शव का अंतिम संस्कार किया गया।

एडीजी कानून व्यवस्था समेत बड़े अफसरों ने जिले में डाला डेरा

चिकित्सक की नृशंस हत्या को लेकर जिस तरह से विभिन्न वर्गों से तीखी प्रतिक्रिया आईं, उससे प्रदेश सरकार सतर्क हुई। एडीजी कानून व्यवस्था समेत बड़े अफसरों ने जिले में डेरा डाल दिया और दोपहर बाद आरोपियों के अवैध कब्जों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई।इसके साथ ही इस मामले में और अधिवक्ता हत्याकांड में शिथिलता के आरोप में नगर कोतवाल को भी सस्पेंड कर दिया गया है।

चिकित्सक के भाई ने एसपी को एक तहरीर भी दी है। जिसमें मुख्य आरोपी अजय नारायन सिंह के अलावा उसके पिता जगदीश नारायन सिंह, चचेरे भाई भाजयुमो जिलाध्यक्ष चंदन नारायन सिंह और पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष गिरीश नारायन सिंह बब्बन पर भी हत्या का आरोप लगाया है। इसमें से जगदीश नारायन को तो पुलिस ने जेल भेज दिया, लेकिन बाकी नाम एफआईआर में शामिल किए गए या नहीं। इस बारे में पुलिस अधिकारियों ने देर शाम तक कुछ स्पष्ट नहीं किया था।

मृतक को खरीदी गई जमीन पर पैमाइश कराकर दिलवाया गया कब्जा

इस मामले में रविवार रात को ही आईजी प्रवीण कुमार, मंडलायुक्त गौरव दयाल ने आकर जिले के अधिकारियों के साथ मंथन किया था। इसके बाद दिन में एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने भी दिन में आकर घंटों जिले के आला अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसके बाद कार्रवाई को लेकर मंशा स्पष्ट हो गई।

दोपहर बाद पुलिस और प्रशासन की टीम ने लखनऊ-सुल्तानपुर हाईवे पर पयागीपुर चौराहे के निकट नलकूप विभाग की जमीन पर भाजयुमो जिलाध्यक्ष चंदन नारायन सिंह की ओर से बनवाए गए भाजयुमो कार्यालय को ध्वस्त करा दिया। यहां से टीम नरायनपुर गांव गई और सरकारी जमीन पर बने अजय नारायन के अवैध निर्माण को भी ध्वस्त किया। साथ ही साथ मृतक डॉक्टर घनश्याम के द्वारा खरीदी गई जमीन की पैमाइश करवाकर कब्जा भी दिला दिया गया।

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