सीतापुर । भाद्रपद मास अमावस्या पर्व पर नैमिष के चक्रतीर्थ एवं गोमती तट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान किया। दो दिन की अमावस्या तिथि होने के चलते भीड़ सामान्य रही ।ब्रह्ममुहूर्त में श्रद्धालुओं द्वारा चक्रतीर्थ व गोमती नदी में स्नान करने का क्रम शुरू हो गया । अमावस्या के एक दिन पहले से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था जिसका क्रम अमावस्या को पूरे दिन चलता रहा ।

स्नान कर पुरोहितों को दान दक्षिणा देकर पुण्य प्राप्त किया

श्रद्धालुओं ने चक्रतीर्थ, गोमती नदी के राजघाट, देवदेवेश्वर घाट, रुद्रावर्त घाट, दशाश्वमेघ घाट में स्नान कर पुरोहितों को दान दक्षिणा देकर पुण्य प्राप्त किया। उसके बाद आदिशक्ति मां ललिता देवी का दर्शन पूजन किया। तीर्थ के विभिन्न मंदिरों व्यासगद्दी, सूतगद्दी, शौनक गद्दी, हनुमान गढ़ी, कालीपीठ, बालाजी, त्रिशक्ति धाम, देवपुरी, चारो धाम आदि देव स्थानों का दर्शन किया ।

भाद्रपद माह की अमावस्या को कुशोत्पाटिनी अमावस्या या कुशग्रहणी अमावस्या भी कहा जाता है। कुशोत्पाटिनी का अर्थ है कुशा को उखाड़ना । जो पूजा-पाठ पितृ कर्मो के आदि के लिए वर्ष भर तक चलने वाली कुशा का संग्रहण किया जाता है। जिससे लोगों ने काफी मात्रा में कुश को खरीदा ।

भोले शंकर की पूजा-अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की

क्षेत्र के प्रसिद्ध सूर्य कुंड मंदिर प्रांगण में शुक्रवार को अमावस्या के पावन अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने पवित्र सरोवर में स्नान कर भोले शंकर की विशेष पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की। इस पावन अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पवित्र सरोवर में स्नान कर अपनी मनोकामना पूर्ण करने हेतु भगवान कामेश्वर नाथ मंदिर में पूजा अर्चना की। शुक्रवार को अमावस्या के पावन अवसर पर नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों के श्रद्धालुओं ने सूर्य कुंड मंदिर स्थित पवित्र सरोवर में स्नान कर कामेश्वर नाथ मंदिर में पूजा अर्चना की।

भंडारों में भारी संख्या लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया

इस पावन अवसर पर श्रद्धालुओं ने जगह-जगह हवन पूजन किया और अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर सत्यनारायण भगवान की कथा का श्रवण किया। इस मौके पर आयोजित भंडारों में भारी संख्या लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। अमावस्या के पावन अवसर पर मंदिर प्रांगण में एक विशाल मेले का भी आयोजन किया गया जिसमें आए हुए श्रद्धालुओं ने अपनी आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी की और बच्चों ने मेले का आनंद उठाया।

सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर परिसर में भारी पुलिस बल तैनात रहा। ज्ञातव्य है कि हर रविवार एवं हर अमावस्या के पावन अवसर पर बाबा कामेश्वर नाथ के दर्शन एवं पवित्र सरोवर में स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमडती है, मान्यता है कि पवित्र सरोवर में स्नान करने से मनुष्य सभी रोगों से मुक्त हो जाता है।

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