प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अयोध्या में सरयू एक्सप्रेस ट्रेन में खून से लथपथ महिला सिपाही के मामले में निष्पक्ष जांच करके अभियुक्तों को जल्द गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर ने रविवार को मामले पर संज्ञान लेकर जनहित याचिका कायम करके संबंधित अधिकारियों को तलब किया था। सोमवार की दोपहर मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर व न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई शुरू की। पुलिस अधीक्षक जीआरपी लखनऊ पूजा यादव ने न्यायालय को बताया कि मामले में अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। पीड़िता का उपचार केजीएमयू लखनऊ में चल रहा है। अभी वह बयान देने की हालत में नहीं है।

कोर्ट को बताया कि प्रथम दृष्टया दुष्कर्म की पुष्टि नहीं

कोर्ट ने जानना चाहा कि क्या पीड़िता से दुष्कर्म हुआ है? इस पर पुलिस की ओर से बताया गया कि प्रथम दृष्टया दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। पीड़िता इंजन से तीसरे कोच में थी। उसकी अयोध्या में ड्यूटी लगी थी, जबकि तैनाती सुल्तानपुर जिले में है। सरयू एक्सप्रेस से वह ड्यूटी पर जा रही थी। सरयू एक्सप्रेस मनकापुर तक जाती है। महिला के घायल होने की जानकारी ट्रेन के मनकापुर से अयोध्या स्टेशन पर वापस आने पर हुई। किसी अज्ञात व्यक्ति ने जीआरपी को सूचना दी। सुनवाई के दौरान अदालत में महाअधिवक्ता अजय मिश्र, एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल, शासकीय अधिवक्ता एके संड, उपस्थित थे।

जांच में इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस का भी लिया जा रहा सहारा

पुलिस का कहना है कि इस मामले के सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। आशंका है कि एक से ज्यादा लोगों ने उस पर धारदार हथियारों से हमला किया है। जांच में इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस का भी सहारा लिया जा रहा है। न्यायालय ने पूछा कि क्या हथियार बरामद करने के लिए रेलवे ट्रैक की जांच की गई। रेलवे को ट्रैक की निगरानी करने वाली ट्राली जांच अधिकारियों को उपलब्ध कराने और जांच में पूरा सहयोग करने के लिए कहा है। न्यायालय ने कहा है कि अभियोजन अधिकारी अदालत में प्रार्थना पत्र देकर मजिस्ट्रेट से पीड़िता के पास अस्पताल में जाकर बयान दर्ज करने का अनुरोध करने के लिए कहा है।

29 अगस्त की घटना, केजीएमयू ट्रामा सेंटर में चल रहा उपचार

मामले के अनुसार सरयू एक्सप्रेस में सवार महिला सिपाही के साथ 29 अगस्त की रात सरयू एक्सप्रेस में हैवानियत हुई थी।30 अगस्त को सुबह 4:15 बजे अयोध्या से आगे मनकापुर में वह घायल अवस्था में ट्रेन में खून से लथपथ पाई गई थी। हालत गंभीर होने की वजह से महिला सिपाही को इलाज के लिए लखनऊ के केजीएमयू में रेफर किया गया था। उनकी हालत अभी गंभीर बनी है। सुल्तानपुर में तैनात महिला सिपाही की ड्यूटी अयोध्या के सावन मेले में लगी थी। मनकापुर से अयोध्या रेलवे स्टेशन के बीच चलती ट्रेन में वारदात को अंजाम दिए जाने का शक है। अधिवक्ता राम कुमार कौशिक ने भी इस मामले में चीफ जस्टिस को पत्र देकर उनसे इसे पीआईएल के तौर पर स्वीकार करने का अनुरोध किया था। न्यायालय ने अभियुक्तों की जल्द गिरफ्तारी का निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई के लिए 13 सितंबर की तारीख नियत की है

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