लखनऊ । बारावफात एवं गणपति विसर्जन जुलूस को लेकर राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किये गए है। ताकि जुलूस के दौरान कहीं किसी प्रकार का विवाद न होने पाए। जुलूस को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस व पीएसी के जवान तैनात रहेंगे।
इसके अलावा बारावफात व गणपति विसर्जन का जुलूस जिस रास्ते से गुजरेगा उसकी ड्रोन के माध्यम से लाइव मानीटरिंग की जाएगी। साथ ही पुलिस अधिकारियों की भी जगह-जगह ड्यूटी लगाई गई है जो घूमकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते रहेंगे। सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम के साथ-साथ यातायात की भी व्यवस्था बदली रहेगी। जिस रास्ते से जुलूस निकलेगा उधर से कोई वाहन नहीं जा सकेगा।
चार हजार कांस्टेबल की लगाई गई ड्यूटी
संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था उपेन्द्र कुमार अग्रवाल ने बताया कि प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 12 रबी उल अव्वल (बारावफात) का परम्परागत जुलूस “मदहे सहावा”गुरुवार को झण्डे वाला पार्क अमीनाबाद से प्रारम्भ होकर ऐशबाग ईदगाह में पहुंचकर समाप्त होगा। जुलूस परम्परागत मार्ग से ही गुजरेगा।
वर्तमान में गणेश चतुर्थी त्योहार से सम्बन्धित शोभायात्रायें एवं मूर्ति विसर्जन के कार्यक्रम भी प्रचलित है। उपर्युक्त दोनों त्योहारों को शान्ति एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में सम्पन्न कराने हेतु लखनऊ पुलिस द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इन्तजाम सुनिश्चित किये गये हैं।
उपरोक्त जुलूस के अतिरिक्त गुरुरवार को जनपद के विभिन्न थाना क्षेत्रों में बारावफात के 89 जुलूस एवं गणेश चतुर्थी से सम्बन्धित 59 शोभायात्रायें व मूर्ति विसर्जन के कार्यक्रम होंगे। इन सभी कार्यक्रमों को सकुशल सम्पन्न कराये जाने हेतु समस्त तैयारियाँ पूर्ण कर ली गयी हैं।
3 कंपनी पीएसी व दो कंपनी आरएफ भी रहेगी मौजूद
सभी सम्बन्धित को निर्देश दिये गये हैं कि जुलूस व कार्यक्रम परम्परागत रूप से निश्चित समय एवं नार्ग से ही निकाले जायें।त्योहार व कार्यक्रमों को सकुशल सम्पन्न कराने हेतु 08 पुलिस उपायुक्त, 18 अपर पुलिस उपायुक्त, 47 सहायक पुलिस आयुक्त, 52 प्रभारी निरीक्षक 125 निरीक्षक, 891 उपनिरीक्षक, 54 महिला उपनिरीक्षक, 3857 मुख्य आरक्षी व आरक्षी, 949 महिला कान्स्टेबल, 500 रिक्रूट आरक्षी, 852 होमगार्ड 13 कम्पनी, 02 प्लटून पीएसी, 02 कम्पनी आरएएफ 01 एटीएस कमाण्डो टीम तथा जनपद के पीआरवी वाहनों को तैनात किया गया है।
उपरोक्त ड्युटी के लिय यूपी पुलिस मुख्यालय द्वारा 10 अपर पुलिस अधीक्षक, 26 पुलिस उपाधीक्षक, 20 निरीक्षक, 108 30नि., 340 मु.आ. व आरक्षी, 500 रिकूट आरक्षी, सात कम्पनी पीएसी तथा दो कम्पनी आरएएफ भी उपलब्ध कराये गये हैं, इन्हें महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात किया गया है। यह संख्या उपरोक्त में सम्मिलित है।
ड्रोन से की जाएगी जुलूस की निगरानी
सुरक्षा के दृष्टिगत संवेदनशील क्षेत्रों में एन्टी सेबोटॉज चेक, एक्सेस कंट्रोल, क्लस्टर मोबाइल तथा क्यूआरटी तथा डॉयल 112 के वाहनों द्वारा निरन्तर चेकिंग एवं पेट्रोलिंग की जायेगी तथा जुलूस एवं कार्यक्रमों की ड्रोन कैमरों से लाइन निगरानी की जायेगी, इसके अतिरिक्त अन्य चिन्हित 40 संवेदनशील स्थानों व चौराहों की निगरानी व वीडियोग्राफी टीमों द्वारा सीसीटीवी कैमरा के माध्यम से की जायेगी।
इस दौरान अभिसूचना तन्त्र सक्रिय रहेगा तथा सोशल मोडिया यथा फेसबुक, ट्वीटर, व्हाट्सएप, इन्स्टाग्राम आदि पर तकनीकी टीमों (सर्विलांस सेल) द्वारा विशेष निगरानी रखी जायेगी। उपद्रवी एव शरारती तत्व द्वारा की जाने वाली किसी भी प्रतिकूल पोस्ट व प्रतिक्रिया पर तत्काल विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।
मॉनीटरिंग के लिए बनाया गया सुपर कंट्रोल रूम
बारावफात के दृष्टिगत थाना स्तर एवं वारेष्ठ अधिकारियों के स्तर पर पीस कमेटी, धर्मगुरुओं, शान्ति सुरक्षा समितियों, सम्भ्रान्त व्यक्तियों तथा आयोजकों व सचालकों के साथ गोष्ठियां कर ली गयी हैं। सभी सम्बन्धित विभाग यथा बिजली विभाग (लेखा), नगर निगम, जल संस्थान, चिकित्सा विभाग आदि रो जिलाधिकारी, जनपद लखनऊ के माध्यम से आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिए तत्परता से कार्यवाही की जा रही है और इन सेवाओं की मॉनीटरिंग के लिए नवखास में सुपर कंट्रोल रूम बनाया गया है।लखनऊ पुलिस जनपद में होने वाले सभी त्योहारों व आयोजनों को पूर्ण गरिमा व अपेक्षित अनुशासन के साथ सम्पन्न कराने के लिए प्रतिबद्ध है
जुलूस मदहे सहाबा के संबंध में मौलाना अलीम फारुकी की अपील
जुलूस मदहे सहाबा में शामिल लोग इसे पूरे अमन और सुकून के साथ निकालें ।कोई ऐसा नारा न लगाये जिसका ताल्लुक किसी वक्ती सियासत से हो या किसी शख्सियत को निशाना बनाकर नारा न लगाएं।अंजूमने एक जगह रुक कर ज्यादा देर तक हरगिज ना पढ़ें । एकाध शेर पढ़कर आगे बढ़ जाएं।
किसी भी प्रकार की अफवाहों पर कोई ध्यान ना दें। अगर किसी प्रकार की कोई बात हो तो जिसके जिम्मेदार बेटियों को अथवा पुलिस/इंतजामिया को सूचित करें।जिस तरह 11वीं रबी उल अव्वल को जलसा मनाया जाता है अथवा १२ वीं को जुलूस निकाला जाता है, वैसे ही निकालें। अपनी तरफ से कोई नई बात न करें।