लखनऊ । एसटीएफ यूपी को केन्द्र व राज्य सरकार के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों व पीएमओ कार्यालय का अधिकारी बनकर जनता के लोगों एवं विभिन्न सरकारी विभागों में रौब गांठकर ठगी व धन उगाही करने वाला संतोष सिंह उर्फ अभिषेक सिंह व एक उसके साथी को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने उसके कब्जे से दो आधार कार्ड, दो पैन कार्ड, एक एटीएम कार्ड, एक क्रेडिट कार्ड, एक मतदाता पहचान पत्र, चार बैंक खाता चेकबुक, दो हेल्थ कार्ड, आठ मोबाइल फोन, दो कार, एक एप्पल स्मार्ट वाच, एक जोड़ी आईफोन इयरवर्ड्स तथा 5,465 रुपये नकद बरामद किया है।

एसटीएफ को काफी दिनों से इनके बारे में मिल रही थी सूचना

विगत दिनों से यूपी एसटीएफ को सूचना मिल रही थी कि अभिषेक सिंह नाम का एक व्यक्ति जो अपने को पीएमओ कार्यालय का अधिकारी बनकर आम जनता एवं विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों से रौब गांठकर ठगी करता है। इस सम्बन्ध में विमल कुमार सिंह पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ यूपी लखनऊ के पर्यवेक्षण में एक टीम को अभिसूचना संकलन के लिए निर्देशित किया गया था, जिसके अनुपालन में अभिसूचना संकलन की कार्रवाई की जा रही थी।

कार पर बकायदा लगा रहा था पुलिस का स्टीकर

इसी क्रम में 20 अगस्त को ज्ञात हुआ कि पीएमओ कार्यालय का अधिकारी बनकर आम जनता एवं विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों से रौब गांठकर ठगी करने वाला व्यक्ति जिसके विरूद्ध थाना बिठूर कानपुर में कई धाराओं में मुकदमा पंजीकृत है, जो बैंक ऑफ बडौदा रीजनल ऑफिस से होटल हयात रीजेन्सी की ओर जाने वाले रास्ते पर उत्तर-प्रदेश पुलिस आवास निगम के पास थाना क्षेत्र विभूतिखण्ड, गोमती नगर, लखनऊ के पास पुलिस लिखा स्टीकर लगी हुई दो कार के साथ मौजूद है। इस सूचना पर निरीक्षक ज्ञानेन्द्र कुमार राय के नेतृत्व में उप निरीक्षक बीरेन्द्र सिंह यादव, उमाशंकर, मुख्य आरक्षी श्रीराम सिंह, भूपेन्द्र सिंह, कामाण्डो सुबोष सिंह की एक टीम द्वारा उक्त स्थान पर पहुंचकर उपरोक्त दोनों व्यक्तियों को अावश्यक बल प्रयोग कर गिरफ्तार कर लिया गया।

मूल रूप से वाराणसी जनपद का रहने वाला है ठग

गिरफ्तार अभियुक्त संतोष सिंह ने पूछताछ करने पर बताया कि मेरा वास्तविक नाम संतोष सिंह है तथा मैं मूलरूप से जनपद वाराणसी का रहने वाला हूं, किन्तु मैं लाभार्जन व शानौ शौकत के लिए अपने छदम नाम अभिषेक प्रताप सिंह उर्फ अभी के नाम से कानपुर में उपरोक्त पते पर एक दो मंजिला मकान में किराये पर रहता हूं तथा केन्द्र व राज्य सरकार के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों के अधिकारी के छदम वेश व छदम नाम से जालसाजी व धोखाधड़ी करता हूं ।

रंगदारी भी वसूलता हूं और शानौ शौकत से रहता हूं। कानपुर के उपरोक्त पते पर मेरे साथ मेरा ममेरा भाई प्रदीप सिंह पुत्र जयप्रकाश सिंह निवासी ग्राम ददरा थाना खानपुर तहसील सैदपुर जनपद गाजीपुर, मेरा ड्राईवर धर्मेन्द्र कुमार यादव उपरोक्त और मेरी प्रेमिका निवासी जनपद जौनपुर एक साथ रहते हैं। मैं शासन-प्रशासन के अधिकारियों के नाम व वेश से आम जनता व शासन प्रशासन के अधिकारियों व कर्मचारियों को ठगता हूं और छदम पद नाम व रुतवे की धौंस जमाकर रंगदारी वसूल कर धनार्जन करता हूं।

कार का चालक साहब बताकर लोगों से कराता था परिचय

मेरे इस कार्य मे मेरा ममेरा भाई प्रदीप सिंह उपरोक्त मेरे विभिन्न छदम पद नाम के अनुसार छदम निजी सचिव व पीआरओ बनकर शासन प्रशासन के विभिन्न अधिकारियों तथा जनता के भोले भाले लोगों को अपने मोबाईल नम्बरों से काल कर मुझसे वार्ता कराता हैं या दुबारा बात करने का मार्ग प्रशस्त करता है।

इस प्रकार हम लोग कभी-कभी पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों से भी धोखा देकर कार्य करा लेते है और कभी-कभी पुलिस सुरक्षा आदि भी सुविधाओं का भी अनुचित लाभ ले लेते है। इस प्रकार ठगी व रंगदारी कर आर्थिक व भौतिक लाभ अर्जित करते है। मेरे इस कार्य मे मेरा चालक धर्मेन्द्र कुमार यादव उपरोक्त भी सहयोग करता है तथा आम जनमानस मे मुझे अपना साहब बताकर मेरा परिचय देता है।

अपनी काली कमाई से प्रेमिका को करा रहा है एमबीबीएस

मैं अपने इस ठगी व रंगदारी के कृत्य में अपने द्वारा उपयोग किये जाने वाले विभिन्न मोबाइल नम्बरों को ट्रू कालर पर विभिन्न छदम नाम व पद नामों को प्रदर्शित कर धोखाधड़ी करता हूं धोखाधड़ी व रंगदारी से अर्जित धनराशि को मैं नकद तथा अपने स्वयं, चालक धर्मेन्द्र कुमार यादव एवं ममेरा भाई प्रदीप सिंह व अन्य परिचित व रिश्तेदारों के विभिन्न बैंक खातों मे धोखे से जमा कराकर लाभार्जन करता हूं ।

दिखावे के लिए धर्मेन्द्र कुमार यादव व प्रदीप सिंह को प्रति माह के हिसाब से नौकरी पर रखा हुआ हूं । मेरी प्रेमिका जो मेडिकल कालेज मंधना थाना क्षेत्र बिठूर जनपद कानपुर नगर से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है, उसकी पढ़ाई का पूरा खर्च भी मैं अपने इसी ठगी व रंगदारी के पैसों से वहन करता हूं वह रामा मेडिकल कालेज के हास्टल मे भी रहती है और मेरे साथ मेरे घर में भी रहती है।

जालसाजी की पैसों से भरता था कार की किस्त

मैने रंगदारी व जालसाजी के पैसो से ही इन दोनो कारों मे से इनोवा को अपने परिचित व सहयोगी मन्तोष कुमार शाही पुत्र कन्हैया शाही निवासी ग्राम कटिहारी जनपद मऊ उत्तर प्रदेश एवं होण्डा सिटी कार को अपने परिचित व सहयोगी शशिकान्त सिंह पुत्र होरीलाल सिंह निवासी न्यू कालोनी ककरमत्ता वाराणसी के नाम फाईनेन्स व कुछ नकद जमा कर खरीदा है ।

जिनकी ऋण अदायगी किश्तें स्वयं इन्ही जालसाजी के पैसो से भरता हूं और इन दोनों कारों का उपयोग इसी जालसाजी व रंगदारी वसूलने में करते हूं। जालसाजी व रंगदारी से वसूले गये रुपयों में से मेरे द्वारा पांच लाख रुपये अपने परिचित व सहयोगी मन्तोष कुमार शाही उपरोक्त को ठेकेदारी करने के लिए दिया गया है।

पीएमओ प्रतिनिधि बताकर लोगों को करता था भयाक्रांत, फिर वसूली

जिसके ठेको दिलाने मैं अपने छदम नाम व पदनाम का जरिए भी सहयोग करता हूं तथा 22 लाख रुपये मेडिकल स्टोर सिगरा वाराणसी के डाक्टर गुलाब चन्द्र को बिजनेस के लिए दिया हूं तथा ठगी व रंगदारी से अर्जित लगभग 30 लाख रुपये मेरे स्वयं के नाम के विभिन्न बैंक खातों मे जमा है। कानपुर शहर मे पायनियर ग्रीन सिटी सिंहपुर उपरोक्त की जिस सोसाईटी में रहता हूं ।

वहीं निखिल शर्मा नामक व्यक्ति से मैने, अपने सहयोगियो प्रदीप सिंह व धर्मेन्द्र कुमार यादव के सहयोग से पिछले साल नवम्बर महीने में 20 लाख रुपये अपने छदम नाम व पदनाम की धौंस जमाकर वसूला था। मैने उनसे अपने को प्रधानमंत्री कार्यालय पीएमओ प्रतिनिधि बताया था तथा उनको भयाक्रान्त भी किया था।इनके खिलाफ संबंधित थाने में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।

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