गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देशित किया है कि सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) पर तैनात चिकित्सक अपनी तैनाती स्थल पर ही रात्रि प्रवास (नाइट स्टे) करें। रात में सीएचसी-पीएचसी आने वाले मरीजों के इलाज में कोई असुविधा नहीं आनी चाहिए। प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी चिकित्सकों की तैनाती स्थल पर नाइट स्टे की मॉनिटरिंग कर शासन को रिपोर्ट प्रेषित करें। जन स्वास्थ्य की रक्षा सरकार की उच्च प्राथमिकता का विषय है और इसमें किसी भी तरह की कोताही अक्षम्य होगी।
जेई-एईएस के मामलों में 98 फीसद से अधिक कमी, समूल उन्मूलन शीघ्र
सीएम योगी रविवार सुबह सर्किट हाउस में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये गोरखपुर-बस्ती मंडल में जेई-एईएस समेत सभी संचारी रोगों के रोकथाम व स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। वीडियो कांफ्रेंसिंग में गोरखपुर के जनप्रतिनिधि, प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व्यक्तिगत उपस्थित थे जबकि शेष अन्य छह जिलों के वर्चुअल मोड में।
मुख्यमंत्री ने सबसे पहले दोनों मंडलों के सभी जनपदों (गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर व संतकबीरनगर) में जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई), एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के नियंत्रण, डेंगू, चिकनगुनिया आदि रोगों की स्थिति और रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों की विस्तार से जानकारी ली।
वीडियो कांफ्रेंसिंग से संचारी रोगों की समीक्षा की सीएम ने
इस दौरान मुख्यमंत्री ने जेई और एईएस के नियंत्रण को लेकर स्वास्थ्य समेत अन्य कई विभागों की सराहना करते हुए कहा कि पांच-छह वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में इस दिशा में काफी अच्छा कार्य हुआ है। जेई और एईएस के मामलों में 98 फीसद से अधिक कमी आई है। इससे मृत्यु दर भी शून्य के करीब है। बहुत जल्द इसका समूल उन्मूलन कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जेई-एईएस पर नियंत्रण को लेकर अंतर विभागीय समन्वयन के मंत्र का आगे भी सतत अनुसरण होते रहना चाहिए।
हर तरह के संचारी रोग को लेकर सतर्क रहे स्वास्थ्य विभाग
वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य संचारी रोगों, डेंगू, चिकनगुनिया आदि को लेकर वही सतत सतर्कता जरूरी है। संचारी रोगों को पनपने से रोकने के लिए आशा बहनों से संवाद बनाकर लोगों को जागरूक किया जाए। बीमार होने की दशा में त्वरित स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। मरीजों को अस्पताल लाने में सुगमता रहे, इसके लिए 102 व 108 एम्बुलेंस सेवाओं का भी पर्यवेक्षण होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने वर्तमान में चल रहे टीबी व फाइलेरिया नियंत्रण अभियान की भी समीक्षा की और कहा कि जागरूकता बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाए।
प्लेटलेट्स की न होने पाए कमी
मुख्यमंत्री ने डेंगू की चर्चा करते हुए कहा कि इस बीमारी में प्लेटलेट्स की काफी मांग बढ़ जाती है। सभी डीएम सीएमओ ब्लड बैंकों से संवाद व संपर्क कर यह सुनिश्चित करें कि किसी भी दशा में प्लेटलेट्स की कमी न रहे। किसी ब्लड बैंक से प्लेटलेट्स की कालाबाजारी की शिकायत आए तो कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।
उच्चीकृत होंगे, सीएचसी-पीएचसी, बांसी में 100 बेड का अस्पताल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे अपने क्षेत्र की सीएचसी-पीएचसी को उच्चीकृत करने का प्रस्ताव उपलब्ध कराएं। शासन से उस पर सकारात्मक कदम उठाया जाएगा। इस दौरान डुमरियागंज के सांसद की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बांसी सीएचसी को उच्चीकृत कर वहां 100 बेड का अस्पताल बनाया जाएगा। सीएम योगी ने जनप्रतिनिधियों से अपनी निधि का प्रयोग स्कूल व अस्पतालों की कनेक्टिविटी के लिए करने तथा संचारी रोगों के नियंत्रण में जागरूकता बढ़ाने का आह्वान किया।
जहां कमी हो वहां संविदा पर तैनात करें चिकित्सक
वीडियो कांफ्रेंसिंग में कुछ जनप्रतिनिधियों ने अपने क्षेत्र के सीएचसी-पीएचसी पर चिकित्सकों की कमी का जिक्र किया। इस पर सीएम योगी ने कहा कि जहां भी चिकित्सक कम हैं, डीएम व सीएमओ वहां संविदा पर चिकित्सक तैनात करें। किसी भी सूरत में लोगों की स्वास्थ्य सुविधाओं पर बुरा असर नहीं पड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां भी नए स्वास्थ्य केंद्र के भवन बन गए हैं, उन्हें संसाधन व स्टाफ के साथ शीघ्र संचालित कराया जाए।
प्रदेश में बिजली सरप्लस, आपूर्ति की हो मॉनिटरिंग
वीडियो कांफ्रेंसिंग में कुछ जनप्रतिनिधियों ने विद्युत आपूर्ति को लेकर अपनी बात रखी। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बिजली सरप्लस है ऐसे में आपूर्ति में दिक्कत नहीं आनी चाहिए। उन्होंने कमिश्नर व डीएम को हिदायत दी कि बिजली आपूर्ति की मॉनिटरिंग कर उन्हें रिपोर्ट उपलब्ध कराएं।