रायबरेली । रायबरेली में चिकित्सकों का कारनामा सुनकर आप हैरान हो जाएंगे। एक मरीज जिला अस्पताल में पैर में चोट लगने का इलाज कराने गया था लेकिन चिकित्सक ने पैर का इलाज करने के बजाय पेट का ऑपरेशन कर दिया। जिला अस्पताल के डॉक्टर की यह बड़ी लापरवाही सामने आयी है। यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। पीड़ित ने डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है।वहीं अस्पताल के सीएमएस का कहना है कि शिकायतकर्ता अस्पताल से जाना नहीं चाहता था। डॉक्टर ने जब मना किया तो अपना पेट खुद ही चीर लिया। जिसके बाद उसे पकड़कर टांके लगाए गये है। मामले में अब कितनी सच्चाई है तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा।

रायबरेली के थाना लालगंज क्षेत्र का मामला

ग्राम दिपे मऊ थाना लालगंज जिला रायबरेली के निवासी राजकुमार पुत्र उदयपाल का आरोप है कि एक जुलाई को जिला अस्पताल में पैर में चोट आ जाने के कारण उसका उपचार कराने गया था। जहां पर डॉ. सलीम व डा. प्रदीप अग्रवाल ने उसे देखा और फिर उपचार के लिए वार्ड नंबर 13 में ले गए। जहां पर उसे डॉ. सलीम ने सुई लगाई। इसके बाद वह बेहोश हो गया। होश आने पर देखा कि उसका पेट में कई टांके लगे हुए थे, जो काफी दर्द कर रहा था। इसकी शिकायत डॉक्टर व सीएमएस की की तो उसकी एक भी नहीं सुनी गई। यह पूरा मामला रायबरेली में चर्चा का विषय बन गया है। इस घटना के बारे में जो भी सुना वह सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों कोसता नजर आया।

डीएम को प्रार्थना पत्र देखकर डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग

राजकुमार का आरोप है कि उसका पेट चीरने के बाद कोई अंग निकाल लिया है। क्योंकि जब वह अस्पताल में पैर में चोट का उपचार कराने गया था तो फिर क्यों उसका पेट का ऑपरेशन कर दिया गया है। सीएमओ और सीएमएस यहां न्याय न मिल पाने के कारण अब राजकुमार गुरुवार को जिलाधिकारी कार्यालय में अपनी शिकायती पत्र लेकर पहुंचा। राजकुमार ने डीएम को प्रार्थना पत्र देकर दोषी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वहीं पीड़ित का कहना है कि अगर उसे जिलाधिकारी के यहां से न्याय नहीं मिला तो फिर सीएम योगी के दरबार में जाकर शिकायत करेंगा। वहीं इस मामले में सीएमएस का बयान आया है कि राजकुमार आये दिन अस्पताल में पड़ा रहता था। डॉक्टर ने मना किया तो अपना पेट चीर लिया। जिसकी वजह से ऑपरेशन करना पड़ा।

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