एसएमयूपीन्यूज, ब्यूरो। भारत ने अंतरिक्ष की दुनिया में एक और बड़ा कदम बढ़ाया है। इसरो ने शुक्रवार को चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च कर दिया है, दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर यह इतिहास रचा गया है।चंद्रयान-3 के कक्षा में सफल प्रक्षेपण के बाद इसरो में जश्न मनाया गया। चंद्रयान-3 परियोजना के निदेशक पी वीरमुथुवेल और इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने एलवीएम3-एम 4 वाहन के सफलतापूर्वक कक्षा में लॉन्च करने के बाद अपनी खुशी साझा की।

इसरो प्रमुख सोमनाथ ने कहा, ”चंद्रयान-3 ने चांद की अपनी यात्रा शुरू कर दी है। चंद्रयान-3 को शुभकामनाएं दें कि आने वाले दिनों में वो चांद पर पहुंचे। सोमनाथ ने कहा, एएलवीएम3-एम4 रॉकेट ने चंद्रयान 3 को सटीक कक्षा में पहुंचा दिया है। इसरो ने बताया है कि चंद्रयान-3 की गतिविधि पूरी तरह से सामान्य है और वो उसे चांद की सतह पर देखने की प्रतीक्षा में हैं।

इसरो ने कहा कि चंद्रयान-3 ने अपनी सटीक कक्षा में चंद्रमा की ओर अपनी यात्रा शुरू कर दी है। अंतरिक्ष यान का स्वास्थ्य सामान्य है।लॉन्चिंग के बाद चंद्रयान-3 के चार चरण सफलतापूर्वक पूरे हो गए हैं। चंद्रयान-3 पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा। चंद्रयान-3 तीन में एक लैंडर, एक रोवर और एक प्रॉपल्सन मॉड्यूल लगा हुआ है। इसका कुल भार 3,900 किलोग्राम है।

इस मिशन में चंद्रयान का एक रोवर निकलेगा (एक छोटा सा रोबोट) जो कि चांद की सतह पर उतरेगा और लुनर साउथ पोल में इसकी पोजिशनिंग होगी। यहीं पर रोवर इस बात की खोज करेगा कि चांद के इस हिस्से में उसे क्या-क्या ख़निज,पानी आदि मिल सकता है। इस खोज से ख़ास बात ये होगी कि अगर कभी भविष्य में हम चांद में कॉलोनियां बसाना चाहें, तो इसमें बहुत मदद मिलेगी।

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