लखनऊ । वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर मामले में जिला कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका पर शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया और साइंटिफिक सर्वे (कार्बन डेटिंग) के लिये इजाजत दे दी। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने मां श्रृंगार गौरी मूल वाद में ज्ञानवापी के सील वजूखाने को छोड़कर बैरिकेडिंग वाले क्षेत्र का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से रडार तकनीक से सर्वे कराने का आदेश दिया है।

ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मामले में 7 मुकदमे क्लब होने के बाद पिछली तारीख 14 जुलाई को दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई थी, जिस पर जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश ने अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था।इसी प्रार्थना पत्र पर जिला जज ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया।बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का साइंटफिक विधि से एएसआई सर्वे की मांग को लेकर हिन्दू पक्ष ने प्रार्थना पत्र दिया था। जबकि मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि हाईकोर्ट की रोक के बावजूद निचली अदालत हमारे विरोध को दर किनार कर फैसला सुना रही है। आपको बता दें कि इस केस में इसी साल मई महीने में पांच महिलाओं द्वारा श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा को लेकर एक याचिका दाखिल की गई थी। जिसके बाद ज्ञानवापी परिसर का सर्वेसखन किया गया था।

वजूखाने को छोड़कर परिसर के तीनों गुंबदों का सर्वे किया जाएगा

वाराणसी कोर्ट ने कहा है कि वजूखाने को छोड़कर परिसर के तीनों गुंबदों का सर्वे किया जाएगा।तीनों गुंबदों के सर्वे के बाद यह तय हो जाएगा कि ये मंदिर था या मस्जिद है। हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि तीनों गुंबद और उसके बीच में जो गैप है। उसक सर्वे किया जाएगा। ऐसा लगता है कि इस जगह पर कोई विशेष चीज है। जो मुस्लिमों की ओर से छिपाई गई है। तीनों गुंबद के ऊपर एक गुंबद बनाया गया है। परिसर का जिस तरह से निर्माण किया गया है। उससे शक पैदा होता है कि कुछ तो है जो छिपाया जा रहा है। यह सच एएसआई की सर्वे रिपोर्ट से सामने आ जाएगा। इस रिपोर्ट को 4 अगस्त को कोर्ट में सौंपना है।

विवाद क्या है पूरा जानिए

ज्ञानवापी विवाद को लेकर हिन्दू पक्ष का दावा है कि इसके नीचे 100 फीट ऊंचा आदि विश्वेश्वर का स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है और भगवान विश्वेश्वर की नियमित पूजा के इंतजाम किए जाएं। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को लेकर चल रहा विवाद यह है कि इसमें हिंदू पक्ष ने मांग की थी कि पूरा ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपा जाए और मुस्लिमों का प्रवेश ज्ञानवापी में बंद किया जाए। इसके साथ ही हिंदू पक्ष का कहना है कि मस्जिद के गुंबद को ध्वस्त करने का आदेश दिया जाए। ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर पहली बार मुकदमा 1991 में वाराणसी की अदालत में दाखिल किया गया था।

हालांकि इसका विवाद तब बढ़ा जब 18 अगस्त 2021 को 5 महिलाओं ने श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजन और दर्शन की मांग को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। पांच हिंदू महिलाओं राखी सिंह, मंजू व्यास, रेखा पाठक, सीता साहू, और लक्ष्मी देवी ने अगस्त 2021 में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) वाराणसी की अदालत में श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामला दायर किया था।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *