लखनऊ । भारतीय वायु सेना के फाइटर लैफ्टिनेंट की वर्दी धारण कर सैकड़ों बेरोजगार युवकों को भारतीय वायु सेना में भर्ती कराने के नाम पर लाखों की ठगी करने वाला शातिर जालसाज गिरफ्तार । यह कार्रवाई एसटीएफ व मिलिट्री इन्टेलीजेंस की संयुक्त रूप से की गई है। गिरफ्तार अभियुक्त का नाम उत्कर्ष पाण्डेय पुत्र कृष्णानन्द पाण्डेय निवासी-सरगटिया उर्फ रामनगर, नौरंगिया थाना निम्बुआ नौरंगिया जिला कुशीनगर है। पूछताछ करने के बाद एसटीएफ ने आरोपी के खिलाफ चिनहट थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।

साथ ही इनके कब्जे से दो प्रमोशन लेटर कूटरचित, एक ज्वाइनिंग लेटर कूटरचित छायाप्रति, एक काल लेटर कूटरचित छायाप्रति, एक ड्राइवर लिस्ट छाया प्रति, एक कूटरचित ई-पे स्लिप छायाप्रति, एक ट्रेन टिकट की छायाप्रति, चार आईडी कार्ड कूटरचित, तीन एटीम कार्ड, एक विजिटिंग कार्ड, एक दिल्ली मेट्रो कार्ड, एक विजिटिंग कार्ड, एक लैपटाप, एक वायुसेना की वर्दी कैप सहित, 240 रुपये नकद, एक मोबाइल, पांच स्टाम्प अभ्यर्थियों के, एक आधार कार्ड, एक पैन कार्ड बरामद किया गया है।

एसटीएफ और मिलिट्री इन्टेलीजेंस ने संयुक्त रूप से की कार्रवाई

एसटीएफ के मुताबिक विगत काफी दिनों से राजधानी लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर आदि जिलों में भारतीय वायु सेना में भर्ती करने के नाम पर ठगी कर बड़ी मात्रा में धनार्जन करने की सूचना प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ की इकाईयों व टीमों को अभिसूचना संकलन कर कार्रवाई निर्देषित किया गया था। जिसके क्रम में अमित कुमार नागर, अपर पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ, लखनऊ के पर्यवेक्षणाधीन टीम द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्रवाई की जा रही थी।

अभिसूचना संकलन के माध्यम से ज्ञात हुआ कि एक व्यक्ति जो खुद को भारतीय वायु सेना का उच्चाधिकारी बताकर तमाम बेरोजगार युवकों को फर्जी व कूटरचित दस्तावेज देकर उनसे पैसे की धोखाधड़ी कर आज मटियारी थाना क्षेत्र चिनहट से ट्रेन द्वारा दिल्ली भागने वाला है। इस सूचना पर निरीक्षक दिलीप कुमार तिवारी के नेतृत्व में मुख्य आरक्षीअशोक कुमार गुप्ता, संतोष सिंह, राजेश मौर्या, कौशलेन्द्र प्रताप सिंह, अशोक राजपूत की एक टीम व लखनऊ मिलिट्री इन्टेलीजेन्स की संयुक्त टीम कार्रवाई के क्रम में प्राप्त जानकारी के अनुसार उपरोक्त अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया गया, जिसके पास से उपरोक्त बरामदगी हुई ।

लैफ्टिनेंट की वर्दी धारण कर बेरोजगारों को फंसाता था अपने जाल में

गिरफ्तार अभियुक्त ने पूछताछ करने पर अपना नाम उत्कर्ष पाण्डेय बताया और कहा कि उसने वर्ष 2020 में भारतीय सेना की एक्स, वाई ग्रुप व एनडीए की परीक्षा दी थी। जिसमें उसके ही गांव के प्रवीन तिवारी का एक्स ग्रुप (टेक्निकल) में सेलेक्शन हो गया, जबकि वह फेल हो गया था। गांव वालों व घर के लोगों के बीच की शर्मिन्दगी से बचने के लिये उसने सभी से झूठ बोल दिया, कि उसका भी सेलेक्शन हो गया है।

इसके बाद वह कुछ न कुछ झूठ बोलकर अपने परिवार वालो को गुमराह करता रहा कि उसकी ट्रेनिंग तेलंगाना मे चल रही है। परन्तु कोरोना के कारण रोक दी गयी है। इसके पश्चात वर्ष 2021 वह लखनऊ मे एक किराये के मकान मे रहने लगा व अपने स्थानीय सम्पर्कों के साथ स्पाइसी स्वैगर्स नामक फूडशाप खोलकर काम करता रहा व लोगों को बताता रहा कि लखनऊ में उसकी आगे की ट्रेनिंग चल रही है।

गोरखपुर से सिलवाया वर्दी और लखनऊ से खरीदा मैडल व रिबन

इसी क्रम में उसने गोरखपुर से भारतीय वायुसेना की वर्दी सिलवा ली और उस पर चारबाग रेलवे स्टेशन लखनऊ पर स्थित वर्दी आदि की दुकानों से लिये हुए मैडल व रिबन खरीद कर वर्दी में लगा लिया व कुशीनगर के कसया बाजार स्थित जनसेवा केन्द्र से उसने सेना के आईडी कार्ड बनवा लिया। यह सब करने के उपरान्त उसे विश्वास हुआ कि लोग उसे असली अधिकारी मानकर उसकी बातों पर विश्वास कर रहे हैं तथा नौकरी लगवाने के लिये उसे पैसा देने को भी तैयार हैं। तब उसने लोगों को बड़े स्तर पर झांसा देकर पैसा कमाने की योजना बनायी। इसी क्रम में उसके द्वारा प्रशासन, जनप्रतिनिधियों व मीडिया के प्रतीष्ठित लोगों से वर्दी पहनकर मिलता व उनके साथ खिंचवाये गये फोटो को सोशल मीडिया पर प्रचारित करता, जिससे लोगों मे इतना विश्वास हो गया कि वह उसे सम्मानित करने के लिये बुलाते।

विभिन्न पदों पर नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये कमाया

उच्च पदों पर सम्मानित व्यक्ति उसे साथ अपनी पुत्रियों के विवाह हेतु व आर्मी में उनके बच्चों की नौकरी लगवाने के लिए सम्पर्क करने लगे। उसके द्वारा कई बेरोजगार युवकों से लाखों रुपए भारतीय वायु सेना में विभिन्न पदों पर नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी कर कमाये गये हैं। ज्यादातर बेरोजगार युवक उसके गृह जनपद कुशीनगर के ही रहने वाले हैं। आगे की पूछताछ के क्रम में उक्त व्यक्ति से अब तक ठगे गये बेरोजगार युवकों का विवरण पूछा गया ।

उसने बताया कि उसने अपने जनपद के सोनू गौड, दिलीप गौड, निखिल सिंह, अमन सिंह, सुन्दर, आशीष कनौजिया, नीरज कुशवाहा आदि से लाखों रुपए व जनपद बस्ती के शिवप्रताप सिंह, विशाल दुबे, विश्वास दुबे, शऊज मिश्रा, ऋतुराज मिश्रा, आशुतोष तिवारी, सुल्तानपुर निवासी गण शिवांश दुबे, सौरभ यादव, चन्द्रिका पाण्डेय राघवेन्द्र सिंह, व रामकुमार सिंह (अयोध्या) आदि से लाखो रुपए अपने पीएनबी बैंक के खाते में मंगवा लिये थे तथा बकाया पैसा आगे लिये जाने के लिये इन लोगों के द्वारा आश्वासन दिया गया था।

विश्वास दिलाने के लिए हमेशा धारण किये रहता था वर्दी

जिसे अपने अपने फूड शॉप, मौज मस्ती व घूमने-फिरने में खर्च कर दिये। उसके द्वारा अपने लैपटाप पर गूगल के माध्यम से सेना के ज्वाइनिगं लेटर, कॉल लेटर आदि के फॉरमेट डाउनलोड कर उनकी एडिटिंग कर कूटरचना करते हुए दस्तावेज तैयार किये जाते थे। लोगों को झांसा देने के लिये वह अक्सर भारतीय वायु सेना की वर्दी धारण किये रहता था व सोशल मीडिया पर अपनी तमाम वर्दी धारी चित्र पोस्ट कर लोगों को आकर्षित करता था। इन्ही सब कार्यों को करने के लिये वह आज अपने जरूरी कागजात लेकर दिल्ली निकल जाने वाला था क्योंकि उसे वहां पर ज्यादा लोग नहीं जानते हैं। इसलिये वह दिल्ली मे रहकर और बडे स्तर पर लोगों को गुमराह कर पैसे वसूलने की योजना बना रहा था।

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