लखनऊ।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारतीय मनीषा मानती है कि जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं जा सकती। जल है तो कल है। जल को जीवन के पर्याय के रूप में माना गया है। मनुष्य के साथ ही, जन्तु सृष्टि तथा भू-पारिस्थितिकी को बनाए रखने के लिए जल अनिवार्य है। जल की एक-एक बूंद महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता के लिए निरन्तर कार्य किए जा रहे हैं।मुख्यमंत्री लोक भवन में भूजल सप्ताह के समापन समारोह के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।

जल संचयन करने वालों को सीएम ने किया सम्मानित

ज्ञातव्य है कि 16 से 22 जुलाई, 2023 के मध्य भूजल सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जल-कलश में प्रतीकात्मक जल संचयन किया। उन्होंने जल संचयन के लिए विशिष्ट प्रयासों द्वारा जन जागरूकता सृजित करने के लिए पद्मश्री उमाशंकर पाण्डेय, पद्मश्री राम सरन वर्मा, श्रीमती सविता देवी तथा श्री तुलसी राम को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने प्रदेश मुख्यालय से जनपद बांदा की यात्रा के लिए जल मैराथन टीम का भी सम्मान किया। कार्यक्रम में जल संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले कुछ लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए।

हमें जल संरक्षण के बारे में सोचना ही होगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि क्रिटिकल तथा सेमी क्रिटिकल विकासखण्डों एवं जनपदों की संख्या बढ़ रही है। सरकार के स्तर पर इनसे बचने के लिए अनेक उपाय किए गए हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ‘पर ड्राॅप मोर क्राॅप’, रूफटाॅप रेन वाॅटर हार्वेस्टिंग, चेक डैम का निर्माण, अमृत सरोवर के माध्यम से जल संरक्षण के कार्यक्रम इसी का हिस्सा है। यह आज की आवश्यकता है। हमें अपने भविष्य और जीव-जन्तु सृष्टि को सुरक्षित रखते हुए पृथ्वी को सबसे उत्तम ग्रह के रूप में स्थापित रखना है, तो हमें जल संरक्षण के बारे में सोचना ही होगा। प्रकृति के साथ खिलवाड़ का परिणाम है कि बरसात के मौसम में पश्चिम के जनपदों में बाढ़ तथा पूर्वी क्षेत्रों में सूखे की स्थिति है।

आज सरकार आरओ का पानी घर-घर पहुंचाने का कार्य कर रही

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल योजना चल रही है। हर घर में जल उपलब्ध कराने का सपना साकार हो रहा है। उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड तथा विन्ध्य क्षेत्र में आज सरकार आरओ का पानी घर-घर पहुंचाने का कार्य कर रही है। जल जीवन मिशन के अन्तर्गत 75 से 80 प्रतिशत योजनाओं में भूगर्भ जल का उपयोग किया जा रहा है। इस दृष्टि से भी जल की एक-एक बून्द को सुरक्षित रखना महत्वपूर्ण है। जल के दुरूपयोग को रोकना ही होगा। जितनी आवश्यकता हो, उतना ही जल का उपयोग करें। शेष को संरक्षित करें। यह सभी नागरिकों का कर्तव्य है कि जल की बर्बादी न हो। विगत 20 वर्षो में हमारे 20 से 100 विकासखण्ड क्रिटिकल हो गए हैं। यदि सभी नागरिक यह दायित्व निभाए, तो क्रिटिकल विकासखण्डों को सामान्य बनाया जा सकता है।

स्वतंत्रता दिवस पर पांच करोड़ वृक्षारोपण कार्यक्रम होगी आयोजित

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल के रूप में हमें हजारों वर्षाें की विरासत मिली है। अपनी आवश्यकताओं के साथ ही भावी पीढ़ी तथा जीव-सृष्टि के लिए इसे अक्षुण्ण बनाये रखना हमारा दायित्व है। इस दिशा में प्रदेश में कल एक ही दिन में 30 करोड़ वृक्षारोपण का वृहद अभियान चलाया जा रहा है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भी पांच करोड़ वृक्षारोपण का कार्यक्रम आयोजित होगा। एक नागरिक के रूप में हमारा भी दायित्व है कि स्वयं के साथ आने वाली पीढ़ी के बचाने के लिए जल संरक्षण के प्रयास करें। भूजल का स्तर जितना ऊंचा रहेगा, उतना ही व शुद्ध रहेगा। एक सीमा से नीचे जाने पर भूजल में आर्सेनिक व फ्लोराइड की समस्या होने लगती है। जिसके स्वास्थ्य सम्बन्धी अनेक दुष्प्रभाव है। इसलिए हमें बरसात के पानी का संरक्षण भी करना होगा।

वर्षा की एक-एक बूंद जल बचाना आवश्यक है : सीएम

सीएम योगी ने कहा वर्षा जल की एक-एक बूंद को बचाना आने वाले समय में जीवन को बचाने का पर्याय होगा। जल की एक-एक बूंद हमारे जीवन में नई ऊर्जा का संचार करने में सहायक होगी।इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री स्वतन्त्र देव सिंह, जल शक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक, कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग अनुराग श्रीवास्तव, सचिव नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग बलकार सिंह, निदेशक भूगर्भ जल विभाग वीके उपाध्याय सहित वरिष्ठ अधिकारी, प्रगतिशील कृषक तथा जल योद्धा उपस्थित थे।

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