एसएमयूपी न्यूज, ब्यूरो। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी सरनेम मानहानि केस में बड़ा झटका लगा है। गुजरात हाई कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक की अपील को खारिज कर दिया है। जस्टिस एम एम प्राच्छक ने सुबह 11 बजे सबसे पहले फैसला सुनाया और कहा कि कोर्ट उनकी सजा की मांग की याचिका को खारिज करती है। कोर्ट ने यह भी कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि के कई मामले चल रहे हैं। ऐसे में उन्हें राहत नहीं दी जा सकती है।बता दें कि इससे पहले 23 मार्च 2023 को सूरत की सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, इसके बाद उन्हें जमानत भी मिल गई थी।हालांकि, इसके अगले दिन उनकी सांसदी चली गई थी।

2 मई को हुई थी आखिरी सुनवाई

राहुल गांधी की अपील पर हाई कोर्ट में 2 मई को आखिरी सुनवाई हुई थी। इस सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने फैसले को आर्डर पर रख लिया था और समर वेकेशन के बाद फैसला सुनाने को कहा था। न्यायमूर्ति प्रच्छक ने मई में राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि वह ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद अंतिम आदेश पारित करेंगे। इसके बाद से फैसले का इंतजार हो रहा था। राहुल गांधी ने 25 अप्रैल को गुजरात हाईकोर्ट में रिव्यू पिटीशन लगाई थी।

सूरत कोर्ट ने दी थी दो साल सजा

बता दें कि सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी। फैसले के बाद गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।

राहुल ने क्या कहा था

2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, ‘कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?’ इसी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि राहुल ने अपनी इस टिप्पणी से समूचे मोदी समुदाय की मानहानि की है। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

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