लखनऊ । योगी सरकार माफियाओं के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। इसी का परिणाम है कि साढ़े चार साल में प्रदेश के 69 माफिया के करीब 5,000 करोड़ रुपये के आर्थिक साम्राज्य को पुलिस और प्रशासन ने मिलकर ध्वस्त कर दिया। इस अवधि में माफिया की 3516 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त अथवा अवैध कब्जे से मुक्त कराया जा चुका है। इसके अलावा टेंडर, अवैध व्यवसाय आदि से होने वाली 1424 करोड़ का कारोबार बंद कराया जा चुका है।

42 मुकदमों में न्यायालय में मजबूत पैरवी कर कड़ी सजा दिलाई गई

स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था एवं अपराध प्रशांत कुमार ने बताया कि इस अवधि में 16 माफिया और उनके सहयोगी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए। जबकि 42 मुकदमों में न्यायालय में मजबूत पैरवी कर कड़ी सजा दिलाई गई है। इसके अलावा 25 माफिया की जमानत निरस्त कराई गई और उनके 83 सहयोगियों को जिला बदर कराया गया। इस अवधि में उनके 346 शस्त्र लाइसेंस भी निरस्त कराए जा चुके हैं। अब तक 1153 माफिया और उनके गैंग के सदस्यों के खिलाफ पुलिस ने कानूनी कार्रवाई की है। उनके खिलाफ 650 मुकदमे दर्ज कराने के साथ 549 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं 249 के खिलाफ गुंडा एक्ट, 704 के खिलाफ रासुका की कार्रवाई की जा चुकी है। इस अवधि में 92 गैंग पंजीकृत किए गये, जबकि 404 अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोली गई।

39 मुकदमों में 16 माफिया और उनके 25 साथियों को कराई जा चुकी है सजा

स्पेशल डीजी ने बताया कि मार्च 2022 से जून 2023 के बीच माफिया और उनके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई तेजी से की गई। इस अवधि में 39 मुकदमों में 16 माफिया और उनके 25 साथियों को सजा कराई जा चुकी है। वहीं, उनकी 2522 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त, ध्वस्त अथवा अवैध कब्जे से मुक्त कराया जा चुका है। इसी तरह उनका 1263 करोड़ रुपये का ठेका, पट्टा आदि अवैध कारोबार बंद कराया गया।

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