लखनऊ । उत्तर प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी से हीट स्ट्रोक जानलेवा हो गया है। यही वजह है कि बलिया जनपद में सात दिन के अंदर 121 की जान हीट स्ट्रोक की वजह से चली गई। जबकि चौबीस घंटे के अंदर की बात की जाए तो 35 लोगों की मौत हीट स्ट्रोक से हुई है। बताया जा रहा है कि काेरोना काल में इतनी ज्यादा मौते नहीं हुई थी।
मौतों का सिलसिला न थमने के कारण लोग बुरी तरह से भयाक्रांत हैं। आकड़ों पर गौर करे तो परिणाम चौकाने वाले हैं। 10 जून को सात, 11 जून को पांच, 12 जून को सात, 13 जून को 17, 14 जून को 18, 15 जून को 31 और 16 जून को 25 और 17 जून को दस से अधिक मौत अकेले जिला अस्पताल में हुई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को हटा दिया गया है। साथ ही लखनऊ से डॉक्टरों की टीम भेज गई है।
पीक कोरोना काल में इतनी नहीं गई जान
बलिया जिले में पिछले दो दिन से 43-44 डिग्री सेल्सियस के ऊपर तापमान चल रहा है। डायरिया और लू के मरीजों से सरकारी व निजी अस्पताल के बेड फुल हो गए हैं। जिला अस्पताल की इमरजेंसी में आने वाले अधिकतर मरीजों की मौत हो जा रही है। शुक्रवार सुबह से देर रात तक 25 मरीजों की मौत हुई। इस सप्ताह सबसे ज्यादा मौत (31) गुरुवार को हुई। इसके बाद शुक्रवार को 25 मौत हुई।
जिला अस्पताल की इमरजेंसी और वार्डों में भर्ती मरीजों की अचानक मौत की संख्या में इजाफा होने के कारण नि:शुल्क शव वाहन तक नहीं मिले। लोगों को निजी वाहनों से शव लेकर जाना पड़ा। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, एक सप्ताह में 101 मौत हुई है। कर्मचारियों के अनुसार, कोरोना संक्रमण के दौरान भी एक दिन में इतनी मौतें नहीं हुई थीं।
लगातार शमशान घाटों पर पहुंच रही हैं लाशे
गंगा घाटों पर पूरी रात चिता की आग शांत नहीं हो रही है। शमशान घाटों पर लगातार एक के बाद एक लाश पहुंच रही है। लाश जलाने के लिए लकड़ियों की भी दिक्कत उत्पन्न हो गई है। हालांकि स्थानीय स्तर पर प्रशासन द्वारा इंतजाम किया जा रहा है। लेकिन मौत इतनी ज्यादा हो रही है कि सारा इंतजाम कम पड़ जा रहा है।
बताया जा रहा है कि 50 वर्ष से ऊपर के बुजुर्ग सबसे ज्यादा मौत की चपेट में आ रहे हैं। अचानक मौत के आंकड़ों में इजाफा होने से अस्पताल प्रशासन में खलबली मची है। आनन-फानन में इमरजेंसी कक्ष, इमरजेंसी वार्ड सहित अन्य वार्डों में कूलर और एसी लगवाए गए हैं। इसके बाद मरीजों को कुछ राहत मिल रही है।
चिकित्सक लोगों को हीट स्ट्रोक से बचने का बता रहे उपाय
अस्पताल के डाक्टरों की माने तो भीषण गर्मी के कारण अचानक डायरिया, हीट स्ट्रोक, तेज बुखार, सांस की समस्या वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई। मरीजों को समय से चिकित्सक सुविधा न मिलने के कारण हालत खराब होने पर अस्पताल पहुंच रहे हैं। इससे इलाज के बाद भी हालत में सुधार नहीं हो रहा है।
डाक्टरों की सलाह है कि गर्मी को देखते हुए ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करते रहे। पानी वाले फलों का सेवन करें। खाली पेट रहना खतरनाक हो सकता है। जरूरी हो तभी घर से निकले। थोड़ी सी भी परेशानी होनेे पर तत्काल विशेषज्ञ चिकित्सक से सलाह लें। बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें।