एसएमयूपीन्यूज, ब्यूरो। भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एक महीने से अधिक लंबे पहलवानों के धरने को लेकर दिल्ली पुलिस ने सख्त रुख अपना लिया है। दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर से नए संसद भवन की ओर मार्च कर रहे पहलवानों को हिरासत में ले लिया। दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर से पहलवानों का तंबू भी हटा दिया है।

पुलिस ने प्रदर्शन स्थल खाली किया

जंतर मंतर पर अपने विरोध स्थल से नई संसद की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे पहलवानों को सुरक्षा कर्मियों ने रोका और हिरासत में लिया। पहलवान नई संसद की ओर कूच करने की कोशिश कर रहे थे क्योंकि वे नई संसद के सामने महिला महापंचायत करना चाहते हैं। संसद भवन की ओर जा रहे पहलवानों को पुलिस ने रोक लिया है। इस दौरान कई पहलवानों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को हिरासत में लिए जाने के बाद पुलिस ने वहां रहने के लिए बनाए गए तंबू को हटा दिया है।

साक्षी मलिक विनेश फोगाट को हिरासत में लिया गया

नई संसद की ओर कूच करने पर हिरासत में ली गई महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कहा कि हम शांतिपूर्वक मार्च कर रहे थे। लेकिन उन्होंने हमें जबरदस्ती घसीटा और हिरासत में लिया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हम देश विरोधी नहीं हैं, हम तिरंगे के साथ शांतिपूर्ण तरीके से जा रहे थे, पहलवानों को हिरासत में लिया गया है, जो बहन-बेटियां न्याय मांग रही हैं तो उन्हें हिरासत में लिया जा रहा है।

जेएनयू में पहलवानों की गिरफ्तारी पर नारेबाजी

पहलवानों को हिरासत में लिये जाने के बाद जेएनयू के छात्र भी उनके समर्थन में उतर आए हैं। आइसा कार्यकर्ता गंगा ढाबा पर एकत्रित होकर नारेबाजी कर रहे हैं। वहीं एहतियात के तौर पर जेएनयू के बाहर दिल्ली पुलिस बल मौजूद है। आइसा का दावा है कि दिल्ली पुलिस ने कैंपस में अघोषित रूप से धारा-144 जैसी स्थिति बना दी है।

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