भदोही। नई दिल्ली में नए संसद भवन सेंट्रल विस्टा का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने भदोही की हस्तनिर्मित कालीनों और कारीगरों की प्रशंसा की। अपने संबोधन में उन्होंने नए संसद भवन को देश की एकता, अखंडता और विविधता का प्रतीक बताते हुए कहा कि इस नए भवन में देश के अलग-अलग हिस्सों की विविधता है। इसमें राजस्थान से लाए गए ग्रेनाइट और बलुआ पत्थर लगाए गए हैं। वहीं लकड़ी के जो काम हुए हैं, वे महाराष्ट्र से आई है।

यूपी के भदोही से आए कारीगरों ने सेंट्रल विस्टा में लगी कालीनों को अपने हाथों से बुना है। कहा कि एक तरह से इस भवन के कण-कण में हमें एक भारत और श्रेष्ठ भारत की भावना के दर्शन हो रहे हैं। भदोही के गोपीगंज स्थित एक प्रतिष्ठान में तैयार हस्त निर्मित कालीन नए संसद भवन में लगाई गई हैं। 11 गुणा 8 के 282 पीस हस्त निर्मित कालीन संसद भवन के 5282 स्क्वॉयर यार्ड की एरिया को कवर किया है।

राज्यसभा के लिए 151 और लोकसभा के लिए 131 पीस कारपेट भेजे गए हैं। जिले से 20 से 25 कारीगर संसद भवन में कालीनों को बिछाने के लिए भेजे गए थे। संसद भवन में लगी कालीनों में महंगें ऊन और सिल्क का प्रयोग किया गया है। ओबीटी अध्यक्ष आईबी सिंह ने बताया कि पीएम मोदी ने अपने संबोधन में जिले के कालीनों और कारीगरों की प्रशंसा की, जो हम सभी कालीन निर्यातकों के लिए गर्व की बात है। पीएम मोदी की प्रशंसा से कालीन निर्यातकों को बेहतर करने का हौसला मिलेगा।

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