लखनऊ । उत्तर प्रदेश के धर्म की नगरी अयोध्या में दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आयी है।यहां पर एक नामी स्कूल सनबीम की हाईस्कूल की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसे छत से फेंक दिया गया। छात्रा के शव का जब पोस्टमार्टम हुआ तो दरिंदगी की बात शनिवार को निकलकर सामने आयी तो लोग सुनकर सन्न रह गए। पुलिस ने स्कूल के प्रबंधक, प्रधानाचार्य और खेल अध्यापक के खिलाफ गैंगरेप, हत्या व पॉक्सो एक्ट समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है।

पीड़ता की तहरीर पर कैंट थाने में तहरीर दर्ज

परिजनों ने शनिवार दोपहर बाद बेटी का अंतिम संस्कार कर दिया। इससे पहले, पीड़ित पिता ने कैंट थाने में तहरीर दी। आरोप लगाया कि शुक्रवार को स्कूल की प्रधानाचार्य रश्मि भाटिया ने साजिश के तहत उनकी बेटी को विद्यालय बुलाया। वहां पहले से मौजूद स्कूल प्रबंधक बृजेश यादव और खेल अध्यापक अभिषेक कनौजिया ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। मालूम हो कि शुक्रवार को छात्रा की मौत के बाद स्कूल प्रशासन की ओर से यह कहा गया था कि संस्थान की पत्रिका में उसकी कविता छपनी थी इसलिए उसे बुलाया गया था। कुछ अन्य छात्र भी स्कूल आए थे। छात्रा स्कूल में प्रधानाचार्य से मिली। करीब आधा घंटे की मुलाकात के बाद वह छत पर चली गई।

जांच में कुछ स्पष्ठ नहीं, डीएनए जांच को भेजे नमूने

वहां से वह नीचे कैसे गिरी इस बारे में वे कुछ नहीं बता रहे। हालांकि इसके पहले के बयान में झूले से गिरकर चोट के दावे किए गए थे। उधर, शनिवार दोपहर को पोस्टमार्टम होने के बाद जो प्राथमिक रिपोर्ट सामने आई, उससे पुलिस सकते में आ गई। इसमें छात्रा के साथ दरिंदगी के बाद उसे छत से फेंके जाने के संकेत हैं, जिससे उसकी मौत हो गई। कैंट थाना प्रभारी केके मिश्र का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कुछ ऐसा है, जिसे बताया नहीं जा सकता। जबकि सीओ सिटी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि रिपोर्ट मिली है मगर अभी कुछ स्पष्ट नहीं है। डीएनए जांच के लिए नमूने भेजे गए हैं। पुलिस ने देर शाम दो लोगों को हिरासत में भी लिया।

अयोध्या ग्रीष्मावकाश में छात्रा को विद्यालय में क्यों बुलाया

अयोध्या ग्रीष्मावकाश में छात्रा को विद्यालय में क्यों बुलाया। हादसे की सूचना पुलिस को क्यों नहीं दी। छात्रा उनके साथ कमरे से रोते हुए क्यों निकली। पहले छात्रा के झूले से गिरकर घायल होने की बात क्यों कही।छात्रा जब प्रधानाचार्य के कमरे से निकली तो अकेले छत पर क्यों जाने दिया गया। यदि स्कूल के कुछ सीसीटीवी कैमरे खराब थे तो उन्हें ठीक क्यों नहीं कराया गया।सुबह नौ बजे की घटना की जानकारी पुलिस को दोपहर तीन बजे मिली। शनिवार सुबह गंभीर धाराओं में केस दर्ज होने के बाद भी आरोपी या अन्य किसी स्कूल स्टाफ को हिरासत में क्यों नहीं लिया गया। स्कूल की छत व नीचे जहां छात्रा गिरी, वहां फोरेंसिक जांच न कराना भी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं।

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