कानपुर। नगर के प्रतिष्ठित निजी अस्पताल मधुराज नर्सिंग होम में भर्ती एक 40 वर्षीय व्यक्ति की वेंटिलेटर पर मौत हो गई। नर्सिंग होम के डॉक्टरों ने उसकी मौत की बात को छुपा कर जीवित रहने की बात कहते हुए लाखों रुपए हड़प लिए, इसकी जानकारी जब परिजनों को हुई तो उन्होंने अस्पताल में हंगामा कर दिया।
अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों से गुंडई का दिया परिचय
अस्पताल प्रबंधन ने गुंडई का परिचय देते हुए परिजनों को धमकाने का काम किया। जिसके बाद सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को कार्रवाई का आश्वासन देकर मामले को शांत कराया। सरसोल के रहने वाले भानु प्रताप सिंह ने बताया कि उनके बेटे राजू सिंह दुर्घटना का शिकार हो गए थे।11 तारीख को राजू को मधुराज नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। उनका कहना था कि नर्सिंग होम में अच्छा इलाज होता है यही
परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
सोचकर बेटे को यहां भर्ती कराया था। उनका कहना था कि लाखों रुपए लग गए लेकिन बेटे की जान नहीं बस सकी। वहीं मृतक के भाई पुष्पेंद्र सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि 10 से 15 लाख रुपए अस्पताल वालों ने ले लिए और कहा कि जल्दी होश आ जाएगा। और होश आने की बात कहते रहे। पुष्पेंद्र का कहना था कि भाई हो शोहवास में चल कर आए थे। पिछले दो दिनों से भाई से मिलने नहीं दिया जबकि उनकी मौत दो दिन पहले हो गई थी।
पीड़ित परिजनों ने पुलिस पर मिली भगत का लगाया आरोप
चूंकी थी और आज अचानक बताया कि उसकी मौत हो गई है। आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन के लोगों ने मारपीट और बदसलूकी भी की पीड़ित परिजनों ने पुलिस पर भी अस्पताल प्रबंधन से मिलीभगत के आरोप लगाए हैं। वहीं, अस्पताल प्रबंधन के डॉ. देव लुम्बा ने बताया कि मरीज की हालत पहले से नाजुक थी, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गयी। जहां तक आरोप की बात है कि मृतक परिवार को इलाज के दौरान हर स्थिति से वाकिफ कराया जाता रहा कि मृतक की स्थिति नाजुक है सुधार की संभावना कम है।